देश में ईमानदार शिक्षा व्यवस्था की जरूरत:न्यायमूर्ति

इलाहाबाद : न्यायमूर्ति गिरधर मालवीय ने कहा की हमें एक ईमानदार शिक्षा व्यवस्था और ईमानदार नागरिकों वाले देश की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पुराना भारतवर्ष इसी प्रकार का था।
न्यायमूर्ति मालवीय ने गोविंद वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान, इंडियन सोशल रिस्पांसिबिलिटी नेटवर्क नई दिल्ली एवं गांधी स्मृति एवं दर्शन संस्थान नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में ‘सुशासन हेतु अहिंसात्मक संवाद’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि कहा कि सुशासन से ही कोई देश आगे बढ़ सकता है। संगोष्ठी में बतौर विशिष्ट अतिथि इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेंद्र प्रसाद ने कहा कि सुशासन के लिए जरूरी है कि सभी लोग हर प्रकार के अतिवाद से बचें। जीवन में मूल्यों और विचारों के महत्व को समङों। उद्धघाटन सत्र में इंडियन सोशल रिस्पांसिबिलिटी नेटवर्क के मुख्य कार्यकारी अधिकारी संतोष गुप्ता ने विषय की रूपरेखा रखते हुए कहा कि अहिंसात्मक संवादों से ही सुशासन की कल्पना की जा सकती है। सुशासन के बिना शक्तिशाली और सामथ्र्यवान देश की कल्पना नहीं की जा सकती। संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए गोविंद वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. बद्री नारायण ने कहा कि शासन शब्द में सु उपसर्ग लग जाने से सुशासन शब्द का जन्म होता है। सु उपसर्ग का अर्थ शुभ, अच्छा, मंगलकारी आदि भावों को व्यक्त करने वाला होता है। उन्होंने कहा कि सृष्टि में पानी पत्थर से अधिक बलवान होता है वह पत्थर जैसे कठोर पदार्थ को भी काटने की सामथ्र्य रखता है। ठीक वैसे ही हमें सुशासन के लिए पानी की तरह सरल और तरल लोगों का निर्माण करना होगा। कार्यक्रम का संचालन एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजेश कुमार गर्ग ने किया। अतिथियों का स्वागत पूणोर्ंदु मिश्र ने किया। धन्यवाद ज्ञापन संजीवनी संस्था के निदेशक श्री उदित नारायण शुक्ल ने किया। 1दूसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए चौधरी महादेव प्रसाद महाविद्यालय के प्राचार्य प्रोफेसर आनंद कुमार श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने कहा कि वर्तमान शिक्षा हमें सब कुछ देती है पर शांति नहीं दे पा रही। सत्र के मुख्य वक्ता जीबी पंत सामाजिक अध्ययन संस्थान के प्रोफेसर एस के पंत ने कहा कि सुशासन के बिना ही सर्व शिक्षा अभियान जैसी अनेक योजनाएं असफल हो रही है। इस सत्र को डॉ. राम धीरज सिंह, नेहरू ग्राम भारती विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर पीएन पांडे, ऑक्टा के अध्यक्ष डॉ सुनील कांत मिश्र, डॉक्टर सरोज यादव, गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय नोगोविंद वल्लभ पंत सामाजिक विज्ञान संस्थान में सेमिनार को संबोधित करते राज्य विवि के कुलपति प्रो. राजेंद्र प्रसाद व मंच पर उपस्थित वक्ता।

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