इलाहाबाद : हाईकोर्ट ने उप्र बेसिक शिक्षा परिषद की 10 जून, 2018 की
जारी अंतर जिला तबादलों की गाइड लाइन को सही माना है और सैकड़ों सहायक
अध्यापिकाओं के तबादले की मांग में दाखिल याचिकाओं पर हस्तक्षेप से इन्कार
करते हुए खारिज कर दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एसपी केशरवानी ने रुचि व
127 अन्य अध्यापिकाओं की याचिकाओं पर दिया है। बेसिक शिक्षा परिषद की
तबादला नीति के तहत जिन जिलों में 15 फीसद से अधिक अध्यापकों के पद खाली
होंगे उनमें तबादले नहीं होंगे। कोर्ट ने इच्छानुसार तबादले की मांग
अस्वीकार करने के आदेश को सही माना है। कोर्ट ने कहा है कि सिद्धार्थनगर,
श्रवस्ती, बहराइच, सोनभद्र, चंदौली, फतेहपुर, चित्रकूट और बलरामपुर जिलों
में ही मनचाहे तबादले लेने की केंद्र सरकार ने अनुमति दी है। 1इसलिए गाइड
लाइन अनिवार्य शिक्षा कानून व नियमावली के विपरीत नहीं मानी जा सकती। कोर्ट
ने कहा है कि अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत कुछ जिलों में तबादले लेने की
छूट दी गई है, क्योंकि वहां अध्यापकों की कमी है। उन जिलों में कोई भी
तबादला लेकर जा सकता है। कुल आठ जिलों को ही अति पिछड़ा घोषित किया गया है।
ऐसा करना अधिनियम के उपबंधों के खिलाफ नहीं है।कोर्ट ने कहा है कि सहायक
अध्यापकों के तबादले उप्र बेसिक शिक्षा परिषद की गाइड लाइन व अनुमति से ही
किए जा सकते हैं।
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