जागरण संवाददाता, देहरादून: सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति की माग को
लेकर सचिवालय कूच कर रहे शिक्षा मित्रों को पुलिस ने परेड मैदान स्थित
धरनास्थल से गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान भाजपा महानगर कार्यालय के बाहर
शिक्षा मित्रों और भाजपा नेताओं के साथ भी झड़प हुई।
प्रदेशभर के शिक्षा मित्र सोमवार को परेड मैदान स्थित धरनास्थल पर
एकत्र हुए। दोपहर करीब दो बजे उन्होंने सचिवालय कूच किया, लेकिन वहां पहले
से तैनात पुलिस बल ने उन्हें आगे नहीं बढ़ने दिया। जिस पर शिक्षा मित्र
वहीं प्रदर्शन करने लगे। इस बीच भाजपा नेताओं से गाड़ी हटाने लेकर शिक्षा
मित्रों की बहस हो गई। जिसके बाद इनमें धक्का-मुक्की होने लगी। तकरीबन पांच
मिनट झड़प के बाद पुलिस ने किसी तरह मामला शात कराया। शिक्षा मित्रों का
कहना था कि भाजपा नेता ने उन्हें बाहर जाने की बात कही। इसी को लेकर झड़प
हुई। पूर्व में भी भाजपा नेता सुनील उनियाल गामा ने उन्हें सीएम से वार्ता
कराने का आश्वासन दिया था, लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी वार्ता नहीं
कराई। वार्ता के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जनता दरबार में आने की बात
कही।
इस बीच एसडीएम मनुज गोयल शिक्षा मित्रों के बीच पहुंचे। लेकिन शिक्षा
मित्रों का कहना था कि जब तक शिक्षा सचिव से वार्ता नहीं होती, वह यहीं डटे
रहेंगे। कुछ देर तक धरना देने के बाद पुलिस सभी शिक्षा मित्रों को
सुद्धोवाला ले गई। जिन्हें देर शाम छोड़ दिया गया। इस दौरान बालादत्त शर्मा,
सर्वानंद, चित्रा राणा, भगवान सिंह गुसाईं, महावीर रावत, कुसुम, संजय,
हिना राणा, त्रिलोक आदि मौजूद रहे। आठवें दिन भी जारी रहा आमरण अनशन
पिछले आठ दिनों से शिक्षा निदेशालय में आमरण अनशन पर बैठे संघ के
प्रदेश अध्यक्ष पूर्ण सिंह राणा ने कहा कि पूर्व में डीएलएड प्रशिक्षितों
की भाति वर्तमान 900 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति
देने की माग की जा रही है। पूर्व में सचिवालय कूच और 15 दिनों तक आमरण अनशन
किया गया। 29 जून को शिक्षा महानिदेशक के आश्वासन पर आदोलन स्थगित कर दिया
गया। लेकिन एक माह बाद भी इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। उनके
कई दिन से आमरण अनशन पर होने के बाद भी किसी ने सुध नहीं ली। केंद्र सरकार
के दिशा निर्देशों के अनुसार प्राथमिक कक्षाओं में शिक्षण के लिए डीएलएड और
टीईटी जरूरी है। विभाग में लंबे समय से कार्यरत लगभग 16000 शिक्षकों की
सेवाओं पर कोई संकट ना आए इसके लिए राज्य सरकार को विशेष प्रयास करने पड़
रहे हैं। जो शिक्षामित्र डीएलएड व टीईटी हैं, उनको नियमित नियुक्ति देने की
कार्रवाई की जा रही है। मेरा आंदोलित शिक्षामित्रों से अनुरोध है कि वह
अपना आंदोलन शीघ्र समाप्त कर विद्यालयों में वापस लौटें। यदि संभव होगा तो
नियमों के तहत उनकी समस्या के समाधान का प्रयास किया जाएगा।
अरविंद पांडेय, शिक्षा मंत्री
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