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किस काम का यह 5 करोड़ का स्कूल?शिक्षकों की भर्ती नहीं, धूल फांक रहे क्लासरूम

एनबीटी, लखनऊ : मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद करोड़ों रुपये की लागत से बनकर तैयार राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जियामऊ का भवन अभी तक शोपीस बना हुआ है।
स्थिति यह है कि अप्रैल-2018 से कॉलेज में कक्षाएं संचालित की जानी थीं, लेकिन शासन की ओर से नौ महीने बाद भी पढ़ाने के लिए शिक्षक नियुक्त किए गए हैं न फर्नीचर मिले हैं। नतीजन, आठ महीने से कॉलेज में ताला लगा हुआ है।

दरअसल, राज्य सरकार ने लड़कियों की शिक्षा के लिए साल 2012 से 2017 के बीच राजधानी के अलग-अलग पांच इलाकों में सरकारी इंटर कॉलेज खोलने की घोषणा की थी। इनमें राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जियामऊ और राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सैरपुर चिनहट भी शामिल है। प्रत्येक स्कूल के भवन निर्माण के लिए अलग-अलग बजट तय किया गया था। बीते अप्रैल से यहां कक्षा 6 से 12 तक पढ़ाई भी होनी थी, लेकिन पढ़ाई शुरू करने के दावे सिर्फ कागजों तक सीमित रह गए। आलम यह है कि 4 करोड़ 78 लाख 28 हजार रुपये की लागत से बने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जियामऊ के क्लासरूम और बरामदे धूल-मिट्टी से भरे हैं।

दो साल बाद भी अधूरा निर्माण: राजकीय बालिका इंटर कॉलेज सैरपुर के भवन निर्माण के लिए शासन की ओर से 437.25 लाख रुपये का बजट दिया गया। दिसंबर 2014 में इसका निर्माण शुरू हो गया। जुलाई 2016 तक कार्यदायी संस्था को इसे पूरा करना था, लेकिन अब तक निर्माण कार्य अधूरा है।

कोट

राजकीय बालिका इंटर कॉलेज जियामऊ को हैंडओवर किया जा चुका है, लेकिन शिक्षकों की नियुक्ति नहीं होने से कॉलेज का संचालन नहीं शुरू हो सका है। अगले सत्र में इसे शुरू करवा दिया जाएगा।

डॉ. मुकेश कुमार सिंह, डीआईओएस लखनऊ

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