वाराणसी। परिषदीय विद्यालयों के संचालन में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। जिले
के कई ऐसे विद्यालय हैं, जहां शिक्षक के नाम पर तैनाती किसी और की है और
वहां पढ़ा कोई और रहा है। नगर क्षेत्र में ऐसी तीन
अध्यापिकाओं को निलंबित कर दिया गया है, जबकि तीस प्रधानाध्यापक समेत 51 का वेतन रोका गया है।
शनिवार को बीएसए जय सिंह के नेतृत्व में नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र के करीब
सौ विद्यालयों में अलग-अलग टीम बनाकर औचक निरीक्षण कराया गया। इस दौरान
भारी गड़बड़ी मिली। प्राथमिक विद्यालय चौकाघाट द्वितीय में प्रधानाध्यापिका
रेखा अग्रवाल अनुपस्थित थीं। उनकी जगह दूसरी महिला पढ़ाती मिली। पूछने पर
पता चला कि उसे इसके लिए तीन हजार रुपये मिलते हैं। प्राथमिक विद्यालय
पिशाचमोचन में भी प्रधानाध्यापिका अनीता श्रीवास्तव अनुपस्थित थीं। इनके
बदले भी दूसरी महिला पढ़ा रही थी। प्राथमिक विद्यालय मलदहिया में हेडमास्टर
अंजन सिंह बिना सूचना के दो दिन से अनुपस्थित थीं। एक अन्य शिक्षिका संतोष
उपाध्याय की जगह भी दूसरी महिला पढ़ाती मिली। इन तीनों को बीएसए ने तत्काल
प्रभाव से निलंबित कर दिया। नगर के अन्य स्कूलों में दो शिक्षामित्र
अनुपस्थित मिले। उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है। इसी तरह चिरईगांव ब्लाक के
72 स्कूलों के निरीक्षण में भी भारी गड़बड़ी मिली। स्कूलों की रंगाई-पुताई
नहीं होने की वजह से तीस प्रधानाध्यापकों का वेतन रोक दिया गया है। एक
प्रधानाध्यापक, 11 सहायक अध्यापक, 6 शिक्षामित्र और तीन अनुदेशक अनुपस्थित
मिले। इनका वेतन भी अगले आदेश तक रोक दिया गया है।
अध्यापिकाओं को निलंबित कर दिया गया है, जबकि तीस प्रधानाध्यापक समेत 51 का वेतन रोका गया है।