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सत्यापन के फेर में उलझी गुरुजी की पगार

बलरामपुर : परिषदीय स्कूलों में नौनिहालों के ज्ञान बांटने वाले गुरुजन वेतन न मिलने से आहत हैं। 68,500 शिक्षक भर्ती के तहत जिले में नियुक्त 904 शिक्षकों को तीन माह बाद भी वेतन भुगतान नहीं हो सका है। इनमें से करीब 70 फीसदी शिक्षक गैर जनपद के रहने वाले हैं।
जो किराये पर कमरा लेकर ड्यूटी निभा रहे हैं। वेतन न मिलने से शिक्षकों को रहने-खाने व आने-जाने का किराया देने में परेशानी हो रही है। विभाग अब तक इन शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन नहीं करा सका है। पुलिस सत्यापन कराने में भी बीईओ रुचि नहीं ले रहे हैं। जिससे गुरुजनों के सामने आर्थिक संकट उत्पन्न हो रहा है।

इनका होना है सत्यापन :
-जिले में 437 महिला व 467 पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति हुई है। इनमें 22 शिक्षामित्र शिक्षक बने हैं। बीएसए कार्यालय के पटल सहायक खावर फारुकी के मुताबिक शिक्षकों के हाईस्कूल, इंटरमीडिएट, अध्यापक पात्रता परीक्षा के अभिलेख सत्यापन के लिए भेजे जा चुके हैं। स्नातक व बीटीसी के अभिलेखों का सत्यापन संबंधित विश्वविद्यालय को भेजने की प्रक्रिया चल रही है। संपूर्ण सत्यापन के बाद शिक्षकों का विवरण बेसिक शिक्षा निदेशक व सचिव को भेजा जाएगा।
पुलिस सत्यापन की सुस्त चाल :

जिले में फर्जी अभिलेखों के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों की भरमार है। बीते दिनों एसटीएफ की कार्रवाई के बाद विभाग ने नवनियुक्त शिक्षकों का पुलिस सत्यापन कराने का फरमान जारी किया था। पुलिस सत्यापन के बाद ही शिक्षकों को वेतन भुगतान किया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही से पुलिस सत्यापन की रफ्तार तेजी नहीं पकड़ पा रही है। जिम्मेदार के बोल :

-बीएसए हरिहर प्रसाद का कहना है कि सत्यापन की प्रक्रिया चल रही है। जल्द ही पूर्ण सत्यापन कराकर वेतन भुगतान शुरू कराया जाएगा। 

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