बेसिक शिक्षाः एक तरह की शिक्षक भर्ती के लिए दो तरह के नियम

जेएनएन, प्रयागराज। इन दिनों विवाद मानों भर्तियों का पर्याय बन गया है। भले ही विवाद को तूल अभ्यर्थी दे रहे लेकिन, इसका मौका विभागीय अफसर ही मुहैया करा रहे हैं। बेसिक शिक्षा की सहायक अध्यापक भर्ती में तय नियमों के जरिये इसे समझा जा सकता है। एक ही शिक्षक भर्ती अलग-अलग नियमों के तहत कराई जा रही है। लगातार बदलते नियमों के कारण भर्ती का पहला चरण अब तक अधूरा है। वहीं, दूसरे चरण की भर्ती के कई नियम पहले चरण से भिन्न हैं।

असल में, बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ा रहे एक लाख 37 हजार शिक्षामित्रों का समायोजन शीर्ष कोर्ट ने 25 जुलाई, 2017 को रद कर दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए दो अवसर प्रदान करे। उन्हें भारांक व आयु सीमा से छूट भी दी जाए। इस आदेश के अनुपालन में 68500 की पहली शिक्षक भर्ती कराई गई। सरकार ने इसके लिए पहले टीईटी और फिर लिखित परीक्षा कराई। तय उत्तीर्ण प्रतिशत के कारण सभी सीटें नहीं भर सकीं, वहीं मूल्यांकन पर भी गंभीर सवाल उठे। लिहाजा पहली भर्ती अब तक पूरी नहीं हो सकी है, बल्कि उसकी सीबीआइ जांच शुरू हो गई है।

शासन के निर्देश पर दूसरी शिक्षक भर्ती 69 हजार पदों के लिए हो रही है। टीईटी कराई जा चुकी है और लिखित परीक्षा के लिए इन दिनों आवेदन लिए जा रहे हैं। पहली भर्ती में जिन बिंदुओं पर विवाद हुआ वह दूसरी भर्ती में बदल दिए गए हैं। ऐसे में एक ही शिक्षक भर्ती दो तरह के मानक अपनाए जा रहे हैं।
ये नियम दूसरी भर्ती में बदले गए 


पहली भर्ती की लिखित परीक्षा में अति लघु उत्तरीय सवाल पूछे गए थे और उसका मानवीय मूल्यांकन कराया गया। जबकि दूसरी भर्ती में बहुविकल्पीय सवाल होंगे और परीक्षा ओएमआर पर कराने से कंप्यूटर के स्कैन करके परिणाम तैयार होगा। पहली भर्ती में उत्तीर्ण प्रतिशत 45 व 40 फीसदी तय हुआ था, जबकि दूसरी भर्ती में कोई उत्तीर्ण प्रतिशत ही नहीं है।