परिषदीय स्कूलों में छात्रों से अधिक शिक्षक तो वेतन नहीं

प्रत्येक स्कूल में अलग-अलग होंगे पद,
हर तीन साल पर होगा पदों का निर्धारण
लखनऊ। परिषदीय स्कूलों में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की संख्या अधिक होने पर उनका वेतन रोक दिया जाएगा। प्रत्येक स्कूलों में छात्र संख्या के अनुपात में शिक्षकों की संख्या का निर्धारण तीन साल के लिए होगा और बेसिक शिक्षा अधिकारी इसके आधार पर तैनाती कर सकेंगे।
दरअसल परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती देने के नाम पर चल रहे गोरखधंधे को रोकने के लिए जल्द ही नई तैनाती नीति लाने की तैयारी है।
शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू होने के साथ छात्र और शिक्षकों का अनुपात तय कर दिया गया है। प्राइमरी स्कूलों में प्रत्येक 30 छात्रों पर एक शिक्षक व उच्च प्राइमरी स्कूलों में 35 छात्रों पर एक शिक्षक रखने की व्यवस्था है। इसके बावजूद यूपी में छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की तैनाती नहीं की जाती है। नतीजतन किसी स्कूल में शिक्षक अधिक हैं तो कहीं इनकी कमी है। लिहाजा अब शासन स्तर पर छात्रों की संख्या के मद्देनजर शिक्षकों की तैनाती के लिए नई नीति बनाने पर सहमति बनी है। सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा से शिक्षकों की तैनाती नीति इसके आधार पर तैयार करते हुए शीघ्र ही भेजने को कहा गया है।


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