अब दो साल के अनुभवी शिक्षक कराएंगे पीएचडी
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अब दो साल के शिक्षण कार्य का अनुभव रखने वाले शिक्षक भी पीएचडी करा सकेंगे। एकेडमिक काउंसिल ने मंगलवार को इस पर मुहर लगा दी है। इसके पहले पीएचडी कराने के लिए पांच वर्ष के शिक्षण का अनुभव जरूरी था। काउंसिल के इस निर्णय से विश्वविद्यालय में शोध कार्यो में तेजी आने की उम्मीद जगी है।
एकेडमिक काउंसिल ने आखिरकार हॉस्टलों के आवंटन की केंद्रीकृत व्यवस्था को खत्म करने पर मुहर लगा दी है। दरअसल, पिछले शैक्षिक सत्र तक अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) के यहां से सभी छात्रावासों के लिए छात्रों का आवंटन होता था, जबकि आगामी शैक्षिक सत्र से हर हॉस्टल खुद छात्रों को प्रवेश देंगे। इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें वार्डेन अध्यक्ष, अधीक्षक समन्वयक, सहायक डीएसडब्ल्यू के साथ एससी व ओबीसी प्रतिनिधि शामिल होंगे। एससी प्रतिनिधि का चयन कुलपति एवं ओबीसी प्रतिनिधि का चयन प्रॉक्टर करेंगे। यही टीम छात्रों को प्रवेश देगी।
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दो से अधिक हॉस्टलों के लिए कर सकेंगे आवेदन
इसके लिए छात्र फार्म या फिर वेबसाइट के जरिए दो या दो से अधिक हॉस्टलों के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक हॉस्टल में प्रवेश लेते ही उनका दावा खत्म हो जाएगा। यदि वह धोखे से दो हॉस्टलों में कमरा आवंटित करा लेते हैं तो उन्हें छात्रावास का लाभ नहीं मिलेगा।
काउंसिल ने सालों से लंबित शिक्षकों के प्रमोशन के लिए विभागाध्यक्षों की ओर से सुझाए गए नामों की कमेटी बना दी है। अब विश्वविद्यालय की कार्यकारी समिति एक्सपर्ट कमेटी का चयन करेगी, जो लंबित कार्यो को निबटाएगी। यही नहीं विभिन्न विभागों की ओर से डीफिल की डिग्री देने के लिए जिन नामों को सुझाया गया था, एकेडमिक काउंसिल ने उस पर मुहर लगा दी है। ऐसे ही अन्य कई मामलों पर भी मुहर लग गई है। बैठक में कुलपति प्रो. एनआर फारुकी, रजिस्ट्रार प्रो. बीपी सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय, डीन कला संकाय प्रो. मृदुला त्रिपाठी, रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. जगदंबा सिंह समेत सभी विभागों के प्रमुख मौजूद थे।
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अगली बैठक 19 को
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दो बरस बाद हो रही एकेडमिक काउंसिल की बैठक के एजेंडे में इतने अधिक बिंदु शामिल थे कि पांच घंटे की मैराथन बैठक में भी सभी पर विचार नहीं हो सका। तमाम ज्वलंत मुद्दों पर अभी चर्चा शुरू ही नहीं हो सकी। ऐसे में आगामी 19 मई को फिर आगे के बिंदुओं पर सीनेट हाल में 11:30 बजे से बैठक होगी। इसमें सीबीसीएस, छात्रनेताओं को दोबारा चुनाव लड़ने का मौका देने आदि विषयों पर चर्चा होगी।
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एक घंटे बाद ही मची अफरातफरी
सीनेट हाल में चल रही एकेडमिक काउंसिल की बैठक शुरू हुए अभी एक घंटा बीता था कि एकाएक अफरातफरी मच गई। दरअसल, हाल में सभी प्रोफेसरों के सामने रखे कांच के ग्लास आदि भूकंप के तेज झटके से हिलने लगे इससे धरती में भी तेज कंपनी महसूस होने पर सभी भागकर बाहर आए। इससे करीब आधे घंटे तक बैठक प्रभावित रही। बाद में फिर चर्चा शुरू हुई।
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छात्रों ने फूल देकर की गांधीगीरी
इलाहाबाद : एकेडमिक काउंसिल में छात्रसंघ चुनाव का मुद्दा शामिल होने से सभी छात्र नेता मंगलवार को खासे उत्साहित थे। छात्रों की मांग के अनुरूप काउंसिल के एजेंडे में दो बार चुनाव लड़ने का मौका देने का मुद्दा शामिल था। इसीलिए छात्रनेता शेष नारायण ओझा की अगुवाई में छात्रों ने काउंसिल की बैठक में शामिल होने जा रहे सभी प्रोफेसरों को गुलाब का फूल देकर अनुरोध किया कि छात्रसंघ के नियमों में परिवर्तन करा दें। लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुरूप अब तक एक छात्र एक बार ही (हारे या जीते) चुनाव लड़ सकता है।
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : इलाहाबाद विश्वविद्यालय में अब दो साल के शिक्षण कार्य का अनुभव रखने वाले शिक्षक भी पीएचडी करा सकेंगे। एकेडमिक काउंसिल ने मंगलवार को इस पर मुहर लगा दी है। इसके पहले पीएचडी कराने के लिए पांच वर्ष के शिक्षण का अनुभव जरूरी था। काउंसिल के इस निर्णय से विश्वविद्यालय में शोध कार्यो में तेजी आने की उम्मीद जगी है।
एकेडमिक काउंसिल ने आखिरकार हॉस्टलों के आवंटन की केंद्रीकृत व्यवस्था को खत्म करने पर मुहर लगा दी है। दरअसल, पिछले शैक्षिक सत्र तक अधिष्ठाता छात्र कल्याण (डीएसडब्ल्यू) के यहां से सभी छात्रावासों के लिए छात्रों का आवंटन होता था, जबकि आगामी शैक्षिक सत्र से हर हॉस्टल खुद छात्रों को प्रवेश देंगे। इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें वार्डेन अध्यक्ष, अधीक्षक समन्वयक, सहायक डीएसडब्ल्यू के साथ एससी व ओबीसी प्रतिनिधि शामिल होंगे। एससी प्रतिनिधि का चयन कुलपति एवं ओबीसी प्रतिनिधि का चयन प्रॉक्टर करेंगे। यही टीम छात्रों को प्रवेश देगी।
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दो से अधिक हॉस्टलों के लिए कर सकेंगे आवेदन
इसके लिए छात्र फार्म या फिर वेबसाइट के जरिए दो या दो से अधिक हॉस्टलों के लिए आवेदन कर सकते हैं। एक हॉस्टल में प्रवेश लेते ही उनका दावा खत्म हो जाएगा। यदि वह धोखे से दो हॉस्टलों में कमरा आवंटित करा लेते हैं तो उन्हें छात्रावास का लाभ नहीं मिलेगा।
काउंसिल ने सालों से लंबित शिक्षकों के प्रमोशन के लिए विभागाध्यक्षों की ओर से सुझाए गए नामों की कमेटी बना दी है। अब विश्वविद्यालय की कार्यकारी समिति एक्सपर्ट कमेटी का चयन करेगी, जो लंबित कार्यो को निबटाएगी। यही नहीं विभिन्न विभागों की ओर से डीफिल की डिग्री देने के लिए जिन नामों को सुझाया गया था, एकेडमिक काउंसिल ने उस पर मुहर लगा दी है। ऐसे ही अन्य कई मामलों पर भी मुहर लग गई है। बैठक में कुलपति प्रो. एनआर फारुकी, रजिस्ट्रार प्रो. बीपी सिंह, चीफ प्रॉक्टर प्रो. आरके उपाध्याय, डीन कला संकाय प्रो. मृदुला त्रिपाठी, रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो. जगदंबा सिंह समेत सभी विभागों के प्रमुख मौजूद थे।
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अगली बैठक 19 को
इलाहाबाद विश्वविद्यालय में दो बरस बाद हो रही एकेडमिक काउंसिल की बैठक के एजेंडे में इतने अधिक बिंदु शामिल थे कि पांच घंटे की मैराथन बैठक में भी सभी पर विचार नहीं हो सका। तमाम ज्वलंत मुद्दों पर अभी चर्चा शुरू ही नहीं हो सकी। ऐसे में आगामी 19 मई को फिर आगे के बिंदुओं पर सीनेट हाल में 11:30 बजे से बैठक होगी। इसमें सीबीसीएस, छात्रनेताओं को दोबारा चुनाव लड़ने का मौका देने आदि विषयों पर चर्चा होगी।
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एक घंटे बाद ही मची अफरातफरी
सीनेट हाल में चल रही एकेडमिक काउंसिल की बैठक शुरू हुए अभी एक घंटा बीता था कि एकाएक अफरातफरी मच गई। दरअसल, हाल में सभी प्रोफेसरों के सामने रखे कांच के ग्लास आदि भूकंप के तेज झटके से हिलने लगे इससे धरती में भी तेज कंपनी महसूस होने पर सभी भागकर बाहर आए। इससे करीब आधे घंटे तक बैठक प्रभावित रही। बाद में फिर चर्चा शुरू हुई।
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छात्रों ने फूल देकर की गांधीगीरी
इलाहाबाद : एकेडमिक काउंसिल में छात्रसंघ चुनाव का मुद्दा शामिल होने से सभी छात्र नेता मंगलवार को खासे उत्साहित थे। छात्रों की मांग के अनुरूप काउंसिल के एजेंडे में दो बार चुनाव लड़ने का मौका देने का मुद्दा शामिल था। इसीलिए छात्रनेता शेष नारायण ओझा की अगुवाई में छात्रों ने काउंसिल की बैठक में शामिल होने जा रहे सभी प्रोफेसरों को गुलाब का फूल देकर अनुरोध किया कि छात्रसंघ के नियमों में परिवर्तन करा दें। लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुरूप अब तक एक छात्र एक बार ही (हारे या जीते) चुनाव लड़ सकता है।
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