दो चरणों में किए जा चुके हैं समायोजित
लखीमपुर खीरी। हाईकोर्ट के आदेश से खीरी जिले में शिक्षक पद पर समायोजित हुए 3506 शिक्षामित्र प्रभावित होंगे। खीरी जिले में दो चरणों में शिक्षामित्रों को समायोजित कर शिक्षक बनाया जा चुका है।वर्ष 2001 से काम कर रहे शिक्षामित्रों को दूरस्थ विधि से बीटीसी की ट्रेनिंग देने के बाद सरकार ने 2014 में शिक्षक पद पर समायोजित कर दिया था।
खीरी जिले में पहले चरण में 1058 शिक्षामित्रों को समायोजित किया गया था, दूसरे चरण में ट्रेंनिग पूरी कर चुके द्वितीय बैच के 2448 शिक्षामित्रों को समायोजित किया गया था। अभी पूरे जिले में इंटर पास करीब 240 शिक्षामित्र समायोजन की राह देख रहे हैं। कोर्ट के फैसले के बाद 3506 समायोजित हो चुके शिक्षामित्र इस पसोपेश में हैं कि उनका आगे का भविष्य क्या होगा।
बिजुआ ब्लाक के इब्राहीमपुर गांव के अकील खान बताते हैं कि साल 2001 से उनकी नियुक्ति शिक्षामित्र के पद पर हुई थी, 14 साल से वह लोग पढ़ा रहे हैं, उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच चुके हैं, जहां से वापसी का कोई रास्ता नही बचता।
देर शाम को बनेगी आगे की रणनीति ः
संगठन आगे की रणनीति बनाने के लिए देर शाम को बिलोबी हाल में एक बैठक करने जा रहा है, इतनी देर में सरकार का कोई बयान अगर नही आता है तो रात को ही संगठन कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेगा।
लेखपाल भर्ती परीक्षा में परीक्षक बनने या न बनने पर हुई माथापच्ची ः
रविवार को पूरे प्रदेश में आयोजित लेखपाल भर्ती परीक्षा में परीक्षक के तौर पर जिले के काफी तादाद में समायोजित शिक्षामित्र ड्यूटी पर लगाए गए हैं, देर शाम तक व्हाट्सअप और फेसबुक पर कोर्ट का निर्णय सुनने के बाद से शिक्षामित्र लेखपाल भर्ती परीक्षा का बहिष्कार करने की रणनीति बनाते रहे।
पोलियो ड्यूटी के बहिष्कार की उठती रही बात? ः
रविवार को होने वाले पोलियो दिवस पर शिक्षक बन चुके शिक्षामित्र सुपरवाइजर की ड्यूटी निभाते हैं, ऐसे में शिक्षामित्रों ने पोलियो अभियान का बहिष्कार करने के बाबत निर्णय लेने की सोशल साइटों पर पोस्ट करते रहे।
निर्णय निराशापूर्ण पर सरकार से उम्मीद
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष राकेश सिंह ने हाईकोर्ट के निर्णय को समायोजित हो चुके शिक्षामित्रों के खिलाफ जरूर माना, पर कहते हैं कि वह निराश नही हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार कोई न कोई निर्णय जरूर लेगी, यही नहीं उन्होंने कहा कि कोई समायोजित शिक्षक निराश न हो, कोर्ट का आदेश 120 पन्नो का है, पूरा आदेश पढ़ने के बाद ही संगठन निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि वह लोग सरकार के अलावा सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
लखीमपुर खीरी। हाईकोर्ट के आदेश से खीरी जिले में शिक्षक पद पर समायोजित हुए 3506 शिक्षामित्र प्रभावित होंगे। खीरी जिले में दो चरणों में शिक्षामित्रों को समायोजित कर शिक्षक बनाया जा चुका है।वर्ष 2001 से काम कर रहे शिक्षामित्रों को दूरस्थ विधि से बीटीसी की ट्रेनिंग देने के बाद सरकार ने 2014 में शिक्षक पद पर समायोजित कर दिया था।
खीरी जिले में पहले चरण में 1058 शिक्षामित्रों को समायोजित किया गया था, दूसरे चरण में ट्रेंनिग पूरी कर चुके द्वितीय बैच के 2448 शिक्षामित्रों को समायोजित किया गया था। अभी पूरे जिले में इंटर पास करीब 240 शिक्षामित्र समायोजन की राह देख रहे हैं। कोर्ट के फैसले के बाद 3506 समायोजित हो चुके शिक्षामित्र इस पसोपेश में हैं कि उनका आगे का भविष्य क्या होगा।
बिजुआ ब्लाक के इब्राहीमपुर गांव के अकील खान बताते हैं कि साल 2001 से उनकी नियुक्ति शिक्षामित्र के पद पर हुई थी, 14 साल से वह लोग पढ़ा रहे हैं, उम्र के उस पड़ाव पर पहुंच चुके हैं, जहां से वापसी का कोई रास्ता नही बचता।
देर शाम को बनेगी आगे की रणनीति ः
संगठन आगे की रणनीति बनाने के लिए देर शाम को बिलोबी हाल में एक बैठक करने जा रहा है, इतनी देर में सरकार का कोई बयान अगर नही आता है तो रात को ही संगठन कोई महत्वपूर्ण निर्णय लेगा।
लेखपाल भर्ती परीक्षा में परीक्षक बनने या न बनने पर हुई माथापच्ची ः
रविवार को पूरे प्रदेश में आयोजित लेखपाल भर्ती परीक्षा में परीक्षक के तौर पर जिले के काफी तादाद में समायोजित शिक्षामित्र ड्यूटी पर लगाए गए हैं, देर शाम तक व्हाट्सअप और फेसबुक पर कोर्ट का निर्णय सुनने के बाद से शिक्षामित्र लेखपाल भर्ती परीक्षा का बहिष्कार करने की रणनीति बनाते रहे।
पोलियो ड्यूटी के बहिष्कार की उठती रही बात? ः
रविवार को होने वाले पोलियो दिवस पर शिक्षक बन चुके शिक्षामित्र सुपरवाइजर की ड्यूटी निभाते हैं, ऐसे में शिक्षामित्रों ने पोलियो अभियान का बहिष्कार करने के बाबत निर्णय लेने की सोशल साइटों पर पोस्ट करते रहे।
निर्णय निराशापूर्ण पर सरकार से उम्मीद
उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष राकेश सिंह ने हाईकोर्ट के निर्णय को समायोजित हो चुके शिक्षामित्रों के खिलाफ जरूर माना, पर कहते हैं कि वह निराश नही हैं। उन्हें उम्मीद है कि सरकार कोई न कोई निर्णय जरूर लेगी, यही नहीं उन्होंने कहा कि कोई समायोजित शिक्षक निराश न हो, कोर्ट का आदेश 120 पन्नो का है, पूरा आदेश पढ़ने के बाद ही संगठन निर्णय लेगा। उन्होंने कहा कि वह लोग सरकार के अलावा सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे।
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