बदायूं। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से जिले में शिक्षामित्र से सहायक
अध्यापक बने करीब 2665 शिक्षक प्रभावित होंगे। करीब तीन सौ शिक्षामित्रों
का समायोजन होना अभी बाकी रह गया था। हाईकोर्ट के फैसले की खबर फैलते ही
समायोजित हुए शिक्षकों में खलबली मच गई है।
जिले में करीब तीन हजार शिक्षामित्र थे। जिनमें प्रथम चरण में वरिष्ठता के आधार पर 1119 स्नातक शिक्षामित्र को दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी उत्तीर्ण करने के बाद सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किए गए। उनमें बहुत से समायोजित शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन होने के बाद उन्हें वेतन भी मिलने लगा। प्रथम चरण में तमाम शिक्षकों को सत्यापन के अभाव में अभी वेतन नहीं मिला। सरकार के निर्देशों के बाद दूसरे चरण में जिले में 634 शिक्षामित्रों का, तीसरे चरण में 281 और बाद में चौथे चरण में 631 शिक्षामित्रों का दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी होने के बाद सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन किया गया। जिले में कुल 2665 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन हुआ है। विभागीय सूत्रों ने कहा कि लगभग तीन सौ शिक्षामित्र समायोजन से शेष रह गए हैं। इनमें ज्यादातर ऐसे रहे हैं, जो इंटरमीडिएट थे या फिर वरिष्ठता क्रम में सबसे बाद में आ रहे थे।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई दिनों से शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन को लेकर दायर अपीलों पर सुनवाई चल रही थी। सो शिक्षामित्रों की नजरें कोर्ट के फैसले पर ही लगी हुईं थीं। सुनवाई पूरी होने के बाद समायोजित हुए शिक्षामित्रों का ध्यान फैसले पर लगा हुआ था। दोपहर करीब तीन बजे जैसे ही हाईकोर्ट का फैसला उनके खिलाफ आया, तैसे ही समायोजित हुए शिक्षकों में सन्नाटा फैल गया। शिक्षा महकमे से जुड़े लोगों में हर तरफ इसी को लेकर चर्चाएं होने लगीं। सोशल मीडिया पर तो जैसे जंग ही छिड़ गई। फैसले को लेकर कई तरह की टिप्पणियां की गईं।
नौ सौ समायोजित शिक्षामित्रों को मिल रहा है वेतन
बदायूं। जिले में भले ही 2265 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजन हो गया हो, लेकिन अभी तक मात्र नौ सौ शिक्षकों को ही वेतन मिल रहा है। बाकी समायोजित हुए शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन चल रहा है। सत्यापन पूरा नहीं आने के कारण उनका वेतन नहीं मिल पाया।
सुप्रीम कोर्ट से लगाएंगे गुहार: निर्भान
बदायूं। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष निर्भान सिंह ने दूरभाष पर कहा कि हाईकोर्ट का फैसला निराशाजनक है। इस फैसले से सभी समायोजित शिक्षामित्र आहत हैं। बोले, वह इस फैसले को चुनौती देेने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। समायोजित शिक्षक ध्यान और शांति बनाए रखने का आह्वान किया है। कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आगे कोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा।
पदाधिकारी इलाहाबाद में जमे रहे
बदायूं। शिक्षामित्र संगठन के कई पदाधिकारी इलाहाबाद में ही जमे रहे। जिलाध्यक्ष निर्भान सिंह ने बताया कि उनके साथ कई पदाधिकारी सुनवाई के दिन से ही वहीं रुके हुए हैं।
शिक्षा जगत से जुड़े लोगों में होती रहीं फैसले पर चर्चाएं
फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़ी जुबानी जंग
चार चरणों में शिक्षामित्रों का हुआ समायोजन
लगभग तीन सौ शिक्षामित्र अभी रह गए शिक्षक बनने से
निर्णय के बाद सन्नाटे में आ गए समायोजित शिक्षक
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
जिले में करीब तीन हजार शिक्षामित्र थे। जिनमें प्रथम चरण में वरिष्ठता के आधार पर 1119 स्नातक शिक्षामित्र को दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी उत्तीर्ण करने के बाद सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किए गए। उनमें बहुत से समायोजित शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन होने के बाद उन्हें वेतन भी मिलने लगा। प्रथम चरण में तमाम शिक्षकों को सत्यापन के अभाव में अभी वेतन नहीं मिला। सरकार के निर्देशों के बाद दूसरे चरण में जिले में 634 शिक्षामित्रों का, तीसरे चरण में 281 और बाद में चौथे चरण में 631 शिक्षामित्रों का दो वर्षीय पत्राचार बीटीसी होने के बाद सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन किया गया। जिले में कुल 2665 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन हुआ है। विभागीय सूत्रों ने कहा कि लगभग तीन सौ शिक्षामित्र समायोजन से शेष रह गए हैं। इनमें ज्यादातर ऐसे रहे हैं, जो इंटरमीडिएट थे या फिर वरिष्ठता क्रम में सबसे बाद में आ रहे थे।
बताते चलें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में कई दिनों से शिक्षामित्रों के सहायक अध्यापक के पद पर समायोजन को लेकर दायर अपीलों पर सुनवाई चल रही थी। सो शिक्षामित्रों की नजरें कोर्ट के फैसले पर ही लगी हुईं थीं। सुनवाई पूरी होने के बाद समायोजित हुए शिक्षामित्रों का ध्यान फैसले पर लगा हुआ था। दोपहर करीब तीन बजे जैसे ही हाईकोर्ट का फैसला उनके खिलाफ आया, तैसे ही समायोजित हुए शिक्षकों में सन्नाटा फैल गया। शिक्षा महकमे से जुड़े लोगों में हर तरफ इसी को लेकर चर्चाएं होने लगीं। सोशल मीडिया पर तो जैसे जंग ही छिड़ गई। फैसले को लेकर कई तरह की टिप्पणियां की गईं।
नौ सौ समायोजित शिक्षामित्रों को मिल रहा है वेतन
बदायूं। जिले में भले ही 2265 शिक्षामित्रों का सहायक अध्यापक के पदों पर समायोजन हो गया हो, लेकिन अभी तक मात्र नौ सौ शिक्षकों को ही वेतन मिल रहा है। बाकी समायोजित हुए शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन चल रहा है। सत्यापन पूरा नहीं आने के कारण उनका वेतन नहीं मिल पाया।
सुप्रीम कोर्ट से लगाएंगे गुहार: निर्भान
बदायूं। शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष निर्भान सिंह ने दूरभाष पर कहा कि हाईकोर्ट का फैसला निराशाजनक है। इस फैसले से सभी समायोजित शिक्षामित्र आहत हैं। बोले, वह इस फैसले को चुनौती देेने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। समायोजित शिक्षक ध्यान और शांति बनाए रखने का आह्वान किया है। कहा कि उन्हें पूर्ण विश्वास है कि आगे कोर्ट से उन्हें न्याय मिलेगा।
पदाधिकारी इलाहाबाद में जमे रहे
बदायूं। शिक्षामित्र संगठन के कई पदाधिकारी इलाहाबाद में ही जमे रहे। जिलाध्यक्ष निर्भान सिंह ने बताया कि उनके साथ कई पदाधिकारी सुनवाई के दिन से ही वहीं रुके हुए हैं।
शिक्षा जगत से जुड़े लोगों में होती रहीं फैसले पर चर्चाएं
फैसले को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़ी जुबानी जंग
चार चरणों में शिक्षामित्रों का हुआ समायोजन
लगभग तीन सौ शिक्षामित्र अभी रह गए शिक्षक बनने से
निर्णय के बाद सन्नाटे में आ गए समायोजित शिक्षक
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC