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टीम (हिमांशु टीम) द्वारा अब तक किये गये कार्य : 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती Latest News

टीम (हिमांशु टीम) द्वारा अब तक किये गये कार्यों से अवगत कराना चाहूँगा तत्पश्चात मैं अगली पोस्ट में आप सभी की दो प्रमुख शंका (प्रदेश में कुल रिक्तियां एवं नियुक्तियों की संभावना) पर प्रमाणिक साक्ष्यों के साथ निवारण करने का प्रयास करूँगा!

1. साथियों आप सभी भलीभांति अवगत होंगे कि पिछले 04 वर्षों से हम सभी लोग वर्ष २०११ में विज्ञापित 72825 शिक्षक भर्ती के चयन विवाद (टेट मेरिट अथवा अकादमिक) में उलझे हुए थे! उस संघर्ष की अगुवाई कर रहे विचित्र प्राणियों ने अपने स्वार्थपूर्ति हेतु आपको निरंतर भ्रमित रखा, कई सारे छद्दम वेश्धारियों ने 100 के ऊपर मात्र ३२००० अभ्यर्थियों की पेड न्यूज़ निकलवाई तो किसी ने स्टाम्प पेपर में 100 तक अनारक्षित की मेरिट लाने की घोषणापत्र जारी की ! अनवरत 3 वर्षों तक भोले-भाले बेरोजगारों को भ्रमित कर लूट का कार्यक्रम जारी रहा हैं! जबकि अगुवाई करने वाले सभी स्वघोषित नेतागण एवं स्वयं आप भी अवगत थे कि वर्ष २०११ टेट परीक्षा में 2.92 लाख(पात्र-अपात्र सहित) अभ्यर्थी उत्तीर्ण थे व 100 अंक से ऊपर 1.24 लाख अभ्यर्थी थे!
2. फिलहाल चयन विवाद का संघर्ष अनवरत जारी रहा और हमने उच्च न्यायालय से लेकर सर्वोच्च न्यायालय तक एक पूर्ण बहुमत सरकार को परास्त कर 72825 शिक्षक चयन प्रक्रिया का आरम्भ कराया जिसमें नियुक्ति-प्रक्रिया गतिमान हैं!
3. सर्वप्रथम दि० 10 अप्रैल 2015 को हमने समस्त टेट उत्तीर्ण साथियों को नियुक्ति दिलाने के उद्देश्य से मा० सुप्रीमकोर्ट में आर्टिकल ३२ के तहत परमादेश याचिका WP(c) 167/2015 हिमांशु राणा व अन्य बनाम यूनियन ऑफ़ इंडिया व अन्य दाखिल की थी! जिसे मा० दीपक मिश्रा एवं पन्त जी ने तत्काल स्वीकृति प्रदान कर प्रतिवादियों को नोटिस इशू किया था !
४. इसी मध्य राज्य सरकार ने परमादेश याचिका पर जारी नोटिस को नजरअंदाज करते हुए शिक्षामित्रों का 92,000 अवैध समायोजन प्रक्रिया आरम्भ कर दिया! हमने शिक्षामित्रों के अवैध समायोजन को भाई M.p. Singh की रिट 2728/2015 के माध्यम से हाईकोर्ट मे चैलेंज कर रखा था परन्तु सरकार निरंकुशता के साथ अवैध समायोजन करती जा रही थी ! अतः समस्त टेट साथियों के हितों को देखते हुए यह अवश्यंभावी हो चुका था कि शिक्षामित्र अवैध समायोजन प्रकरण को मा० सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया जाए!
5. इसके लिए हमने अपनी स्वीकृत परमादेश याचिका 167/2015 का सहारा लिया और उसमें Interlocutory एप्लीकेशन 2 & 3/2015 हिमांशु राणा व अन्य के माध्यम से कोर्ट के समक्ष शिक्षामित्र प्रकरण रखा और कोर्ट को अवगत कराया कि दि० 10 अप्रैल को दाखिल परमादेश याचिका में हम रिक्त पदों पर टेट उत्तीर्ण योग्य शिक्षकों की नियुक्ति की डिमांड कर रहे हैं और याचिका आपके द्वारा स्वीकृत एवं विचाराधीन हैं, दूसरी ओर राज्य सरकार रिक्त पदों पर अयोग्य शिक्षामित्रों का अवैध समायोजन कर रही हैं, जिसकों रद्द किया जाए !
6. दि० 15 मई को सुप्रीमकोर्ट ने शिक्षामित्र प्रकरण पर दाखिल हमारी IA को स्वीकृत प्रदान करते हुए नोटिस इशू किया, फिर भी सरकार मनमानी करती रही!
7. दि० 06 जुलाई को हमारे अधिवक्ता श्री आनन्द नन्दा जी ने हियरिंग के दौरान कोर्ट को शिक्षामित्र समायोजन का शासनादेश दिखाते हुए अवगत कराया कि नोटिस इशू होने के बावजूद भी सरकार शिक्षामित्रों का अवैध समायोजन कर रही हैं, जिसपर मा० दीपक मिश्रा जी ने सरकारी अधिवक्ता श्री रमणी जी से पूछा कि "ये उत्तर प्रदेश में क्या चल रहा हैं ?",
रमणी जी निरुत्तर हो गये और कहाँ कि "मुझे शिक्षामित्र समायोजन के सम्बन्ध में कोई जानकारी नहीं हैं!"तत्पश्चात कोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन पर रोक लगाकर प्रमुख सचिव को काउंटर सहित उपस्थित होने का आदेश पारित किया!
8. दि० 27 जुलाई की सुनवाई में शिक्षामित्रों के सीनियर अधिवक्ता श्री वेणुगोपाल जी ने शिक्षामित्रों को टेट से छूट बताई परन्तु हमारे अधिवक्ता श्री नन्दन जी ने कोर्ट को अवगत कराया कि RTE एक्ट के तहत ऐसी कोई भी छूट अनुमन्य नहीं हैं जिसपर कोर्ट ने अपनी सहमति प्रगट की ! शिक्षामित्र पक्ष को हल्का पड़ते देख शिक्षामित्रों के अधिवक्ताओं ने हाईकोर्ट में विचाराधीन लगभग २ दर्जन याचिकाओं की बात आरम्भ कर दी गयी और मामले को हाईकोर्ट में रेफेर करने मांग की! हमारे चयनित साथी के अधिवक्ता ने ७२८२५ चयन विवाद से सम्बंधित सिविल अपील को हमारे परमादेश याचिका से अलग करने की मांग की जिसे मा० दीपक मिश्रा जी ने ठुकरा दिया!
लगभग दो मिनट आपसी विचार-विमर्श के उपरान्त दोनों न्यायाधीशों ने हाईकोर्ट में विचाराधीन समस्त याचिकाओं को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में गठित पूर्ण पीठ से निस्तारित करवाने का निर्णय लिया ! हमारे अधिवक्ता श्री नंदन जी एवं सीनियर अधिवक्ता श्री अजीत कुमार सिन्हा जी ने एक निश्चित समय के भीतर निस्तारण एवं अग्रिम प्रक्रिया पर स्थगनादेश बरकरार रखने की मांग की ! जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर हाईकोर्ट में विचाराधीन समस्त याचिकाओं को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में गठित पूर्ण पीठ द्वारा दो माह के भीतर निस्तारित करने का आदेश पारित किया व IA 2 & 3 हिमांशु राणा पर दि० 06 जुलाई के स्थगनादेश को जारी रखा !
9. मा० उच्च न्यायालय की पूर्ण पीठ में शिक्षामित्रों को पूर्ण रूप से बाहर कराकर अपने समस्त बी० एड० एवं बी० टी० सी० प्रशिक्षित एवं टेट परीक्षा उत्तीर्ण साथियों का पक्ष मजबूती से रखने के लिए हमने अपने सुप्रीमकोर्ट के अधिवक्ता श्री आनंद नन्दा जी को बुलाया! 05 दिवसीय सुनवाई के दौरान, जब दुसरे दिन CJ साहब ने मानवता के आधार पर शिक्षामित्रों के तरफ झुकाव दिखाया तो तीसरे दिन से उपस्थित हमारे अधिवक्ता ने पूरे केस को "वैधता बनाम अवैधता" की तरफ मोड़ दिया क्योंकि संविधान एवं विधि अवैध तरीके से आरम्भ हुयी प्रक्रिया को नष्ट करने का समर्थन करती हैं न कि किसी अन्य प्रक्रिया (ट्रेनिंग इत्यादि कराकर) से उसे वैधता प्रदान करने को!
अधिवक्ता श्री नन्दन जी के प्रयासों से ही आदेश के पैरा C12 में शिक्षामित्रों के अवैध समायोजन की वजह कोर्ट ने समस्त प्रशिक्षित एवं टेट उत्तीर्ण युवाओं का अहित बताकर वर्तमान में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति हेतु पात्र माना हैं !
अतः सकारात्मक विचारधारा बनाये रखे! आप सभी के आर्थिक एवं मानसिक संबल से हमारी टीम( हिमांशु टीम) तीव्रतम गति से हर मोर्चे पर विजय प्राप्त कर रही हैं और वह दिन दूर नहीं जब हमारे समस्त टेट उत्तीर्ण साथी अपने उच्च कोटि के शिक्षण कला से राष्ट्र के बुनियादी तालीम को अभिसिंचित करेंगे! धन्यवाद
____________BY दुर्गेश प्रताप सिंह

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