कानपुर, जागरण संवाददाता : प्रदेश के बीएड कालेजों में एक लाख दस हजार
सीटें खाली रहने से वे बंदी की कगार पर हैं। ऐसे कालेजों की दुर्दशा
सुधारने के लिए सोमवार को कानपुर, बनारस व इटावा समेत विभिन्न शहरों के
कालेज प्रबंधकों ने एनसीटीई के क्षेत्रीय निदेशक डा. एसके चौहान से मुलाकात
की।
सत्र 2015-16 में प्रवेश के लिए बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रदेश के 1600 कालेजों की एक लाख 70 हजार सीटों पर छात्रों को प्रवेश दिए जाने का लक्ष्य रखा गया। लेकिन इनमें से महज 50 हजार सीटें ही भर पाई है। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएड कालेजों में 75 कालेज ऐसे हैं जिनमें 25 सीटें भी नहीं भर सकी हैं जबकि प्रत्येक कालेज में सौ से अधिक सीटें हैं। विश्वविद्यालय से संबद्ध दो सौ बीएड कालेजों की 25 हजार सीटों पर प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या इतनी कम है कि कालेज प्रबंधक अब उन्हें बंद करने पर विचार कर रहे हैं। इस मसले पर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी के साथ बनारस के एक निजी कालेज के प्रबंधक राजेंद्र प्रताप सिंह, इटावा से रमाकांत तिवारी व कानपुर से डा. बृजेश भदौरिया समेत कई प्रबंधकों का प्रतिनिधिमंडल एनसीटीई के क्षेत्रीय निदेशक डा. एसके चौहान से मिला। उनकी बात सुनने के बाद डा. चौहान ने कहा कि इन समस्याओं पर विचार किया जाएगा। इनमें से कुछ समस्याएं ऐसी भी हैं जिनके निदान के लिए राज्य सरकार की स्वीकृति जरूरी है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
सत्र 2015-16 में प्रवेश के लिए बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आधार पर प्रदेश के 1600 कालेजों की एक लाख 70 हजार सीटों पर छात्रों को प्रवेश दिए जाने का लक्ष्य रखा गया। लेकिन इनमें से महज 50 हजार सीटें ही भर पाई है। छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय से संबद्ध बीएड कालेजों में 75 कालेज ऐसे हैं जिनमें 25 सीटें भी नहीं भर सकी हैं जबकि प्रत्येक कालेज में सौ से अधिक सीटें हैं। विश्वविद्यालय से संबद्ध दो सौ बीएड कालेजों की 25 हजार सीटों पर प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या इतनी कम है कि कालेज प्रबंधक अब उन्हें बंद करने पर विचार कर रहे हैं। इस मसले पर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय त्रिवेदी के साथ बनारस के एक निजी कालेज के प्रबंधक राजेंद्र प्रताप सिंह, इटावा से रमाकांत तिवारी व कानपुर से डा. बृजेश भदौरिया समेत कई प्रबंधकों का प्रतिनिधिमंडल एनसीटीई के क्षेत्रीय निदेशक डा. एसके चौहान से मिला। उनकी बात सुनने के बाद डा. चौहान ने कहा कि इन समस्याओं पर विचार किया जाएगा। इनमें से कुछ समस्याएं ऐसी भी हैं जिनके निदान के लिए राज्य सरकार की स्वीकृति जरूरी है।
शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के लिए जून तक का मांगा समय :
एनसीटीई के नए रेगुलेशन में सौ सीटों पर शिक्षकों की संख्या दोगुनी करने के निर्देश जारी किए हैं। मानक के अनुसार 50 सीट पर सात शिक्षक होने चाहिए जबकि सौ सीटों पर उनकी संख्या 15 किए जाने का नियम बनाया गया है। नियमानुसार 30 अक्टूबर तक उन्हें शिक्षकों की संख्या पूरी करनी है। कालेजों में शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के लिए एसोसिएशन ने 30 जून तक का समय मांगा है।
एनसीटीई के नए रेगुलेशन में सौ सीटों पर शिक्षकों की संख्या दोगुनी करने के निर्देश जारी किए हैं। मानक के अनुसार 50 सीट पर सात शिक्षक होने चाहिए जबकि सौ सीटों पर उनकी संख्या 15 किए जाने का नियम बनाया गया है। नियमानुसार 30 अक्टूबर तक उन्हें शिक्षकों की संख्या पूरी करनी है। कालेजों में शिक्षकों की संख्या बढ़ाने के लिए एसोसिएशन ने 30 जून तक का समय मांगा है।
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