बीटीसी 2013 सत्र में प्रवेश लेने के लिए किया था आवेदन
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : भले ही बीटीसी 2014 की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरा कर लिए जाने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन अभी बीटीसी 2013 के प्रकरण भी अधर में हैं। अभ्यर्थियों ने काउंसिलिंग कराई फिर भी उन्हें प्रवेश नहीं मिला।
इस पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो वहां से प्रवेश करने का निर्देश दिया गया है, फिर भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की अनदेखी कायम है।
इलाहाबाद के रहने वाले संजय सक्सेना, अभिषेक कुमार पांडेय व विवेक कुमार समेत करीब पचास से अधिक अभ्यर्थियों ने बीटीसी 2013 में प्रवेश लेने के लिए आवेदन किया था। पहली एवं दूसरी काउंसिलिंग कराने के बाद तीसरी काउंसिलिंग भी कराई, तब यह अभ्यर्थी कट ऑफ मेरिट के दायरे में आए, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया बल्कि इन अभ्यर्थियों से कम मेरिट वालों को अन्य जनपदों को आसानी से प्रवेश मिल गया। इसकी शिकायत सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी तक से की गई, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। आजिज आकर अभ्यर्थियों ने बीते 31 मार्च 2015 को उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी। इस पर बीते चार सितंबर को हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि याचिका करने वाले अभ्यर्थी जिस जिले की मेरिट में आते हैं उनका प्रवेश दो महीने में करा दिया जाए। अभ्यर्थी संजय ने बताया कि इस आदेश की प्रति सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव को भी सौंप दी है, लेकिन न तो प्रवेश दिलाया जा रहा है और न ही कोई जानकारी दी जा रही है। उधर परीक्षा नियामक कार्यालय की ओर से कहा गया है कि इस प्रकरण को जांचने के बाद ही आदेश का अमल किया जाएगा।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
राज्य ब्यूरो, इलाहाबाद : भले ही बीटीसी 2014 की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरा कर लिए जाने का दावा किया जा रहा हो, लेकिन अभी बीटीसी 2013 के प्रकरण भी अधर में हैं। अभ्यर्थियों ने काउंसिलिंग कराई फिर भी उन्हें प्रवेश नहीं मिला।
इस पर हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो वहां से प्रवेश करने का निर्देश दिया गया है, फिर भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की अनदेखी कायम है।
इलाहाबाद के रहने वाले संजय सक्सेना, अभिषेक कुमार पांडेय व विवेक कुमार समेत करीब पचास से अधिक अभ्यर्थियों ने बीटीसी 2013 में प्रवेश लेने के लिए आवेदन किया था। पहली एवं दूसरी काउंसिलिंग कराने के बाद तीसरी काउंसिलिंग भी कराई, तब यह अभ्यर्थी कट ऑफ मेरिट के दायरे में आए, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं दिया गया बल्कि इन अभ्यर्थियों से कम मेरिट वालों को अन्य जनपदों को आसानी से प्रवेश मिल गया। इसकी शिकायत सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी तक से की गई, लेकिन कोई असर नहीं हुआ। आजिज आकर अभ्यर्थियों ने बीते 31 मार्च 2015 को उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल कर दी। इस पर बीते चार सितंबर को हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि याचिका करने वाले अभ्यर्थी जिस जिले की मेरिट में आते हैं उनका प्रवेश दो महीने में करा दिया जाए। अभ्यर्थी संजय ने बताया कि इस आदेश की प्रति सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी नीना श्रीवास्तव को भी सौंप दी है, लेकिन न तो प्रवेश दिलाया जा रहा है और न ही कोई जानकारी दी जा रही है। उधर परीक्षा नियामक कार्यालय की ओर से कहा गया है कि इस प्रकरण को जांचने के बाद ही आदेश का अमल किया जाएगा।
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