केंद्रीय प्रशासनिक न्याधिकरण ने टेट को
सिर्फ पात्रता परीक्षा माना था और केंद्रीय विद्यालय संघठन के द्वारा टेट
वेटेज के आधार पर इंटरवियु ख़ारिज कर दिया था
See Judjement of CAT (Central Administrative Tribunal) i.e TET is ONLY ELGIBILITY TEST
Sirf Important Part Judgement ka Dee rahe hain, poora judgement bada hai >>>
CENTRAL ADMINISTRATIVE TRIBUNAL
इसी को देखते हुए के वी एस , एन वी एस और सभी केंद्रीय स्कूलों की भर्ती में टेट मार्क्स का वेटेज नहीं लिया जा रहा है , पोस्ट में नीचे केट (केंद्रीय प्रशासनिक न्याधिकरण) का निर्णय नीचे देख सकते हैं
अब उत्तर प्रदेश में टेट का मामला सुप्रीम कोर्ट में है
की क्या टेट परीक्षा सिर्फ पात्रता परीक्षा है , क्या इसके अंको का प्रयोग चयन में किया जा सकता है
इलाहबाद हाई कोर्ट के तीन जजों के बेंच ने चयन में टेट मार्क्स इग्नोर नहीं करने को बोला है , देखिये -
एन सी टी ई ने कहा है कि -
चयन में टेट मार्क्स का वेटेज दिया जाना चाहिए और अभ्यर्थी टेट मार्क्स वृद्दि करने के लिए दोबारा टेट परीक्षा दे सकते हैं
एक और बात सामने है की अलग अलग टेट परीक्षाओं के स्तर की तुलना कैसे हो सकती है सी टेट का परीक्षा परिणाम सामान्यत : दस प्रतिशत के नीचे रहा है
और यू पी टेट 2011 में 45% रहा है ।
हालाँकि यू पी टेट 2011 में सभी कैंडिडेट्स को पूर्व में ही सूचित कर दिया था की यह परीक्षा ही शिक्षकों के चयन का आधार बनेगी और यह उत्तर प्रदेश सरकार की पहली टेट परीक्षा थी तो इसमें अलग अलग टेट परिणामो की तुलना का प्रश्न ही नहीं उठता ।
लेकिन आगे के नई भर्ती में के चयन में उत्तर प्रदेश सरकार सरकार ने सी टेट वालों को भी आवेदन की छूट दे दी और यू पी टेट 2013 भी हो गया , और इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने टेट को सिर्फ पात्रता परीक्षा माना ।
दुसरी तरफ 72825 शिक्षकों यू पी टेट 2011 परीक्षा के तहत मामला इलाहबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच में चल रहा था , जहाँ की कोर्ट ने देखा कि चयन प्रक्रिया
बीच में ही बदल दी गई थी तो इस सबको देख कर पुरानी चयन प्रक्रिया जो की एन सी टी ई के नियमो का पूर्णत पालन करती थी और विधि सम्मत थी को बहाल कर दिया , साथ ही 15 वां संसोधन जो की सिर्फ अकादमिक अंको से चयन प्रक्रिया का था उसे एन सी टी ई के नियमो के विपरीत पाते हुए अवैध घोषित कर दिया
एक और मामला इलाहबाद हाई कोर्ट में थी की क्या टेट परीक्षा के बगैर शिक्षकों के भर्ती हो सकती है , उसमें लार्जर बेंच (तीन जजों के बेंच) ने फैसला दिया -
टेट योग्यता शिक्षक भर्ती के लिए परम आवश्यक है और टेट परीक्षा के अंको को चयन में इग्नोर न किया जाए
********************************
एक और बात की तत्कालीन यू पी सरकार ने भी पिछली सरकार की सभी भर्तियां नियमो के आभाव में कोर्ट में लटकती ही रही हैं , वोट बैंक, आरक्षण इन सबके कारण इसकी कई नीतियों को कोर्ट से झटका भी लगा है ।
जब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के चेयरमेन अनिल यादव अनिल यादव की भर्ती ही अवैध करार कर दी हाई कोर्ट ने तो सोच सकते हैं की ऐसे इंसान ने किस तरह की भर्तियों को अंजाम दिया होगा ।
पी सी एस अधिकारियों की भर्ती में तीन तीन लेवल पर आरक्षण - प्रीलिम्स , मेंस और इंटरवियु तीन चरणो में आरक्षण , मतलब भर्ती हुई नहीं आरक्षण हर लेवल पर दे दिया और इस प्रकार सामान्य वर्ग के गिने चुने उम्मीदवार ही अंतिम चरण अर्थात नियुक्ति में स्थान बना पाये , बाद में खुद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस गलती को तीव्र विरोध के कारण दूर किया ।
लेकिन इसने यही कार्य 29334 जूनियर गणित विज्ञानं शिक्षकों की भर्ती में भी कर दिया , मतलब टेट आरक्षित वर्ग से पास करने वालों को भी
सामान्य वर्ग में आवेदन / नियुक्ति की छूट दे दी , हालाँकि इलाहबाद हाई कोर्ट की अदालत ने टेट को पात्रता परीक्षा मानते
हुए सरकार की इस नीति को सही माना , लेकिन राजस्थान की हाई कोर्ट ने आरक्षित श्रेणी में टेट पास करने बालों को सिर्फ आरक्षित वर्ग की सीट पर आवेदन की अनुमति दी
मतलब नियम एक लेकिन अदालतों के फैसले अनेक
******************************
एक बार अंतिम निर्णायक लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में 7 /8 दिसंबर 2015 को तय होनी है की - टेट परीक्षा क्या है ?
पात्रता या फिर पात्रता+चयन में इसके अंको का आधार
अगर इसके अंको का वेटेज लेना था जरूरी था या है तो जिन चयन प्रक्रियाओं में इसके अंको का वेटेज नहीं लिया मतलब ऐसे लाखों चयनित शिक्षकों के भविष्य'का क्या होगा
और अगर इसके अंको का वेटेज नहीं लेना था तो एन सी टी ई गाइड लाइंस ने क्यों लिखा की अंक वृद्दि के लिए दोबारा परीक्षा दे सकते हो ,
क्यों बेरोजगारों को मूर्ख बना कर फीस वसूलते हो , उनका कीमती समय बर्बाद करते हो । उनका शोषण तो मत करो
अब सुप्रीम कोर्ट से इस पर अंतिम फैसला हो जाएगा तो फिर सब स्पष्ट हो जाएगा , बेरोजगारों का खून पीने में कमी आ सकती है
********************
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ताज़ा खबरें - प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
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CENTRAL ADMINISTRATIVE TRIBUNAL
PRINCIPAL BENCH
OA 764/2012 6. OA 888/2012 11. OA 1137/2012
MA 629/2012 MA 735/2012 MA 1698/2012
MA 630/2012 MA 736/2012
MA 1696/2012 MA 1705/2012
OA 783/2012 7. OA 891/2012
MA 659/2012 MA 1695/2012
MA 1702/2012
OA 824/2012 8. OA 920/2012
MA 688/2012 MA 772/2012
MA 1703/2012 MA 1699/2012
OA 866/2012 9 OA 976/2012
MA 1704/2012 MA 1697/2012
5. OA 985/2012 10. OA 990/2012
MA 1701/2012 MA 1700/2012
New Delhi this the 25th day of July, 2012
32. It is further clear
from the Scheme of the two Examinations, the CTET as conducted by the
NCTE, and the Main Examination as was notified to be conducted by the
respondent-KVS before the start of the selection procession, that the
two are not on all fours with each other. This aspect had been most
forcefully brought out by the learned counsel appearing for the
applicants for the posts of TGT (Maths), who had pointed out that in the
Table as reproduced in para-4/above, for the Main Examination for
recruitment for the posts of TGT (Science) required Chemistry, Botany
and Zoology, and for the posts TGT (Maths) required Maths with any two
of the subjects like Physics/Chemistry/Electronics/ Computer Science/Statistics, while the CTET combines the selection for the Science and Mathematics Teachers to be together. Therefore,
passing of CTET can at best be termed to be a minimum qualification or a
condition precedent, but not the sufficient qualification, and the
respondents cannot be allowed to base their judgment regarding the
selection of Teachers by downgrading the Educational standards from what
was prescribed at the beginning of the selection process. Therefore,
it is held that CTET could not have been and cannot be a substitute of
the Main Examination already notified to be held as per Rule-8 (ii) of
the Recruitment Advertisement.
33. In the result, the interviews held from 12.03.2012 to 26.03.2012 by the respondent-KVS, only on the basis of the marks
obtained by the candidates of the CTET, cannot be held to have been
conducted within the notified Scheme as per the Recruitment
Advertisement-cum-vacancy notification issued by the respondents
at the beginning of the selection process in the Employment News of the
week 30.10.2010 to 05.11.2010. An
examination which prescribes 60% or 50% etc. as the passing marks, but
does not give due weightage to any higher marks obtained by candidates
above that, and it is stated to be and meant to be only as a qualifying
examination for appointment of Primary Teachers and Upper Primary
Teachers, cannot provide the sole criteria of marks for selection of Trained Graduate Teachers (TGTs) in the respondent-KVS.
34. Accordingly, all the OAs
are allowed, and the interviews held in March, 2012 are declared to be
illegal. The respondents are directed to re-start the process of
selection, by conducting the already notified Main Examination, allowing
all the candidates who had applied for the relevant posts against the
Recruitment Advertisement-cum-vacancy notification, and had passed the
Preliminary Examination/Screening-Test conducted by the Respondent-KVS
on 10.02.2011, and have also thereafter passed and qualified at the
statutorily prescribed CTET held on 26.06.2011. Only after the
respective merit of the candidates is reflected through the marks
obtained by them in the Main Examination conducted by the
respondent-KVS, and fresh cut-off marks are determined for each
Post-Code for calling the candidates for interviews, those interviews
alone would be valid under the process of selection already initiated
for being undertaken by the respondents. There shall be no order as to
costs.
(Sudhir Kumar) (G. George Paracken)
Member (A) Member (J)
इसी को देखते हुए के वी एस , एन वी एस और सभी केंद्रीय स्कूलों की भर्ती में टेट मार्क्स का वेटेज नहीं लिया जा रहा है , पोस्ट में नीचे केट (केंद्रीय प्रशासनिक न्याधिकरण) का निर्णय नीचे देख सकते हैं
अब उत्तर प्रदेश में टेट का मामला सुप्रीम कोर्ट में है
की क्या टेट परीक्षा सिर्फ पात्रता परीक्षा है , क्या इसके अंको का प्रयोग चयन में किया जा सकता है
इलाहबाद हाई कोर्ट के तीन जजों के बेंच ने चयन में टेट मार्क्स इग्नोर नहीं करने को बोला है , देखिये -
एन सी टी ई ने कहा है कि -
चयन में टेट मार्क्स का वेटेज दिया जाना चाहिए और अभ्यर्थी टेट मार्क्स वृद्दि करने के लिए दोबारा टेट परीक्षा दे सकते हैं
एक और बात सामने है की अलग अलग टेट परीक्षाओं के स्तर की तुलना कैसे हो सकती है सी टेट का परीक्षा परिणाम सामान्यत : दस प्रतिशत के नीचे रहा है
और यू पी टेट 2011 में 45% रहा है ।
हालाँकि यू पी टेट 2011 में सभी कैंडिडेट्स को पूर्व में ही सूचित कर दिया था की यह परीक्षा ही शिक्षकों के चयन का आधार बनेगी और यह उत्तर प्रदेश सरकार की पहली टेट परीक्षा थी तो इसमें अलग अलग टेट परिणामो की तुलना का प्रश्न ही नहीं उठता ।
लेकिन आगे के नई भर्ती में के चयन में उत्तर प्रदेश सरकार सरकार ने सी टेट वालों को भी आवेदन की छूट दे दी और यू पी टेट 2013 भी हो गया , और इसके साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार ने टेट को सिर्फ पात्रता परीक्षा माना ।
दुसरी तरफ 72825 शिक्षकों यू पी टेट 2011 परीक्षा के तहत मामला इलाहबाद हाई कोर्ट की डबल बेंच में चल रहा था , जहाँ की कोर्ट ने देखा कि चयन प्रक्रिया
बीच में ही बदल दी गई थी तो इस सबको देख कर पुरानी चयन प्रक्रिया जो की एन सी टी ई के नियमो का पूर्णत पालन करती थी और विधि सम्मत थी को बहाल कर दिया , साथ ही 15 वां संसोधन जो की सिर्फ अकादमिक अंको से चयन प्रक्रिया का था उसे एन सी टी ई के नियमो के विपरीत पाते हुए अवैध घोषित कर दिया
एक और मामला इलाहबाद हाई कोर्ट में थी की क्या टेट परीक्षा के बगैर शिक्षकों के भर्ती हो सकती है , उसमें लार्जर बेंच (तीन जजों के बेंच) ने फैसला दिया -
टेट योग्यता शिक्षक भर्ती के लिए परम आवश्यक है और टेट परीक्षा के अंको को चयन में इग्नोर न किया जाए
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एक और बात की तत्कालीन यू पी सरकार ने भी पिछली सरकार की सभी भर्तियां नियमो के आभाव में कोर्ट में लटकती ही रही हैं , वोट बैंक, आरक्षण इन सबके कारण इसकी कई नीतियों को कोर्ट से झटका भी लगा है ।
जब उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के चेयरमेन अनिल यादव अनिल यादव की भर्ती ही अवैध करार कर दी हाई कोर्ट ने तो सोच सकते हैं की ऐसे इंसान ने किस तरह की भर्तियों को अंजाम दिया होगा ।
पी सी एस अधिकारियों की भर्ती में तीन तीन लेवल पर आरक्षण - प्रीलिम्स , मेंस और इंटरवियु तीन चरणो में आरक्षण , मतलब भर्ती हुई नहीं आरक्षण हर लेवल पर दे दिया और इस प्रकार सामान्य वर्ग के गिने चुने उम्मीदवार ही अंतिम चरण अर्थात नियुक्ति में स्थान बना पाये , बाद में खुद उत्तर प्रदेश सरकार ने इस गलती को तीव्र विरोध के कारण दूर किया ।
लेकिन इसने यही कार्य 29334 जूनियर गणित विज्ञानं शिक्षकों की भर्ती में भी कर दिया , मतलब टेट आरक्षित वर्ग से पास करने वालों को भी
सामान्य वर्ग में आवेदन / नियुक्ति की छूट दे दी , हालाँकि इलाहबाद हाई कोर्ट की अदालत ने टेट को पात्रता परीक्षा मानते
हुए सरकार की इस नीति को सही माना , लेकिन राजस्थान की हाई कोर्ट ने आरक्षित श्रेणी में टेट पास करने बालों को सिर्फ आरक्षित वर्ग की सीट पर आवेदन की अनुमति दी
मतलब नियम एक लेकिन अदालतों के फैसले अनेक
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एक बार अंतिम निर्णायक लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में 7 /8 दिसंबर 2015 को तय होनी है की - टेट परीक्षा क्या है ?
पात्रता या फिर पात्रता+चयन में इसके अंको का आधार
अगर इसके अंको का वेटेज लेना था जरूरी था या है तो जिन चयन प्रक्रियाओं में इसके अंको का वेटेज नहीं लिया मतलब ऐसे लाखों चयनित शिक्षकों के भविष्य'का क्या होगा
और अगर इसके अंको का वेटेज नहीं लेना था तो एन सी टी ई गाइड लाइंस ने क्यों लिखा की अंक वृद्दि के लिए दोबारा परीक्षा दे सकते हो ,
क्यों बेरोजगारों को मूर्ख बना कर फीस वसूलते हो , उनका कीमती समय बर्बाद करते हो । उनका शोषण तो मत करो
अब सुप्रीम कोर्ट से इस पर अंतिम फैसला हो जाएगा तो फिर सब स्पष्ट हो जाएगा , बेरोजगारों का खून पीने में कमी आ सकती है
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See Judjement of CAT (Central Administrative Tribunal) i.e TET is ONLY ELGIBILITY TEST ->>>
Sirf Important Part Judgement ka Dee rahe hain, poora judgement bada hai >>>
CENTRAL ADMINISTRATIVE TRIBUNAL
PRINCIPAL BENCH
OA 764/2012 6. OA 888/2012 11. OA 1137/2012
MA 629/2012 MA 735/2012 MA 1698/2012
MA 630/2012 MA 736/2012
MA 1696/2012 MA 1705/2012
OA 783/2012 7. OA 891/2012
MA 659/2012 MA 1695/2012
MA 1702/2012
OA 824/2012 8. OA 920/2012
MA 688/2012 MA 772/2012
MA 1703/2012 MA 1699/2012
OA 866/2012 9 OA 976/2012
MA 1704/2012 MA 1697/2012
5. OA 985/2012 10. OA 990/2012
MA 1701/2012 MA 1700/2012
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32. It is further clear
from the Scheme of the two Examinations, the CTET as conducted by the
NCTE, and the Main Examination as was notified to be conducted by the
respondent-KVS before the start of the selection procession, that the
two are not on all fours with each other. This aspect had been most
forcefully brought out by the learned counsel appearing for the
applicants for the posts of TGT (Maths), who had pointed out that in the
Table as reproduced in para-4/above, for the Main Examination for
recruitment for the posts of TGT (Science) required Chemistry, Botany
and Zoology, and for the posts TGT (Maths) required Maths with any two
of the subjects like Physics/Chemistry/Electronics/ Computer Science/Statistics, while the CTET combines the selection for the Science and Mathematics Teachers to be together. Therefore,
passing of CTET can at best be termed to be a minimum qualification or a
condition precedent, but not the sufficient qualification, and the
respondents cannot be allowed to base their judgment regarding the
selection of Teachers by downgrading the Educational standards from what
was prescribed at the beginning of the selection process. Therefore,
it is held that CTET could not have been and cannot be a substitute of
the Main Examination already notified to be held as per Rule-8 (ii) of
the Recruitment Advertisement.
33. In the result, the interviews held from 12.03.2012 to 26.03.2012 by the respondent-KVS, only on the basis of the marks
obtained by the candidates of the CTET, cannot be held to have been
conducted within the notified Scheme as per the Recruitment
Advertisement-cum-vacancy notification issued by the respondents
at the beginning of the selection process in the Employment News of the
week 30.10.2010 to 05.11.2010. An
examination which prescribes 60% or 50% etc. as the passing marks, but
does not give due weightage to any higher marks obtained by candidates
above that, and it is stated to be and meant to be only as a qualifying
examination for appointment of Primary Teachers and Upper Primary
Teachers, cannot provide the sole criteria of marks for selection of Trained Graduate Teachers (TGTs) in the respondent-KVS.
34. Accordingly, all the OAs
are allowed, and the interviews held in March, 2012 are declared to be
illegal. The respondents are directed to re-start the process of
selection, by conducting the already notified Main Examination, allowing
all the candidates who had applied for the relevant posts against the
Recruitment Advertisement-cum-vacancy notification, and had passed the
Preliminary Examination/Screening-Test conducted by the Respondent-KVS
on 10.02.2011, and have also thereafter passed and qualified at the
statutorily prescribed CTET held on 26.06.2011. Only after the
respective merit of the candidates is reflected through the marks
obtained by them in the Main Examination conducted by the
respondent-KVS, and fresh cut-off marks are determined for each
Post-Code for calling the candidates for interviews, those interviews
alone would be valid under the process of selection already initiated
for being undertaken by the respondents. There shall be no order as to
costs.
(Sudhir Kumar) (G. George Paracken)
Member (A) Member (J)
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