जागरण संवाददाता, एटा: एक ओर
शिक्षामित्र हाइकोर्ट की ओर से रद किए गए समायोजन को लेकर हुंकार भर रहे
हैं, वहीं तमाम शिक्षामित्र ऐसे हैं, जिन्होंने फर्जी प्रमाणपत्रों के
सहारे नौकरी पाई है। मामला जलेसर विकास खंड की ग्राम पंचायत जैनपुरा
स्थित प्राथमिक विद्यालय पसियापुर बेगमपुर का है।
मिथलेश कुमारी पत्नी रवेंद्र पाल सिंह ने शिक्षामित्र पद के लिए आवेदन किया था। मिथलेश का हाईस्कूल में 390 अंक और इंटरमीडिएट में 328 अंक के आधार पर शिक्षामित्र पद पर चयन कर लिया गया था।
इसके बाद जब शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजन करने की प्रक्रिया शुरू हुई, तो महिला शिक्षामित्र ने प्रमाण पत्रों में खेल कर दिया। काउंसिलिंग के दौरान महिला शिक्षामित्र के हाईस्कूल में 276 और इंटरमीडिएट में 214 अंक वाले प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए। पसियापुर बेगमपुर में ही सहायक अध्यापक पद पर उनका समायोजन हो गया।
इधर, रघुवीर सिंह निवासी मोहल्ला खेड़ा, फीरोजाबाद ने 15 फरवरी को फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने की शिकायत मुख्यमंत्री से कर दी। इसके बाद मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक अलीगढ़ ने बेसिक शिक्षा विभाग को जांच के आदेश जारी किए। विभाग ने महिला शिक्षामित्र को पत्र जारी कर मामले में अपना पक्ष रखने को बुलाया, लेकिन शिक्षामित्र ने पत्र के जरिए आरोपों को गलत बताते हुए मामले से पल्ला झाड़ना चाहा।
इसके बाद विभाग ने प्रमाण पत्रों का मिलान शुरू किया तो प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़ा सामने आया। विभाग ने शिक्षामित्र के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट अंकपत्रों में भिन्नता पाई। तब जाकर महिला शिक्षामित्र का समायोजन रद करने आदेश जारी कर दिया।
इनका कहना है
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महिला शिक्षामित्र की ओर से फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर शिक्षक पद समायोजित होने की शिकायत मिली थी। मामले की जांच में प्रमाण पत्रों में भिन्नता पाई गई। जिसके आधार पर महिला शिक्षामित्र का समायोजन निरस्त कर दिया गया है।
एसएस यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
मिथलेश कुमारी पत्नी रवेंद्र पाल सिंह ने शिक्षामित्र पद के लिए आवेदन किया था। मिथलेश का हाईस्कूल में 390 अंक और इंटरमीडिएट में 328 अंक के आधार पर शिक्षामित्र पद पर चयन कर लिया गया था।
इसके बाद जब शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर समायोजन करने की प्रक्रिया शुरू हुई, तो महिला शिक्षामित्र ने प्रमाण पत्रों में खेल कर दिया। काउंसिलिंग के दौरान महिला शिक्षामित्र के हाईस्कूल में 276 और इंटरमीडिएट में 214 अंक वाले प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए गए। पसियापुर बेगमपुर में ही सहायक अध्यापक पद पर उनका समायोजन हो गया।
इधर, रघुवीर सिंह निवासी मोहल्ला खेड़ा, फीरोजाबाद ने 15 फरवरी को फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी पाने की शिकायत मुख्यमंत्री से कर दी। इसके बाद मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक अलीगढ़ ने बेसिक शिक्षा विभाग को जांच के आदेश जारी किए। विभाग ने महिला शिक्षामित्र को पत्र जारी कर मामले में अपना पक्ष रखने को बुलाया, लेकिन शिक्षामित्र ने पत्र के जरिए आरोपों को गलत बताते हुए मामले से पल्ला झाड़ना चाहा।
इसके बाद विभाग ने प्रमाण पत्रों का मिलान शुरू किया तो प्रमाण पत्रों में फर्जीवाड़ा सामने आया। विभाग ने शिक्षामित्र के हाईस्कूल और इंटरमीडिएट अंकपत्रों में भिन्नता पाई। तब जाकर महिला शिक्षामित्र का समायोजन रद करने आदेश जारी कर दिया।
इनका कहना है
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महिला शिक्षामित्र की ओर से फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर शिक्षक पद समायोजित होने की शिकायत मिली थी। मामले की जांच में प्रमाण पत्रों में भिन्नता पाई गई। जिसके आधार पर महिला शिक्षामित्र का समायोजन निरस्त कर दिया गया है।
एसएस यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी
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