आज कुछ बेसिक शिक्षा की गुडवत्ता की बात हो जाये।
आज से 5 वर्ष पहले की बात है जब टेट का एग्जाम होने के बाद प्राथमिक विद्यालयो में 72825 टीचर भर्ती का विज्ञापन निकला था तब एक नई तरह की चर्चा चली थी कि अब प्राथमिक में टेट पास योग्य टीचर आएंगे जो बेसिक शिक्षा में अमूल चूक परिवर्तन लाएंगे।
फिर जब ये भर्ती कोर्ट में जा कर फँस गई तब टेट पास साथियो का जोश देखते ही बनता था।
लेकिन अब जब ये भर्ती अपनी मंज़िल तक पहुँच चुकी है और योग्य टीचरो को अपने स्कूलो में पहुचे लगभग एक साल हो गया है तब क्या बेसिक शिक्षा में कुछ सुधार हुआ है?
जवाब है "नहीं"
आज मैंने एक टेट वालो के बाबा की पोस्ट पढ़ी जो पुरे देश की शिक्षा व्यवस्था को बदलने का दम्भ भरते है,
उन्होंने लिखा था कि कोई मेरे लेसन प्लान बना दो।
या फिर बाकि टेट वालो को भी बस अब एक ही काम दिखाई देता है - वेतन, मूल जनपद में ट्रान्सफर,या फिर छुट्टी
तो क्या ऐसे होगा बेसिक शिक्षा में परिवर्तन?
उन्होंने लिखा था कि कोई मेरे लेसन प्लान बना दो।
या फिर बाकि टेट वालो को भी बस अब एक ही काम दिखाई देता है - वेतन, मूल जनपद में ट्रान्सफर,या फिर छुट्टी
तो क्या ऐसे होगा बेसिक शिक्षा में परिवर्तन?
बेसिक शिक्षा में परिवर्तन लाने का एक ही तरीका है बेसिक शिक्षा को प्राइवेट सेक्टर को शोप देना चाहिए।
मोटी मोटी पगार लेने वाले टीचरो का इन्क्रीमेंट और प्रिमोसन परफॉर्मेंस बेस्ड होना चाहिए।
सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को एक साथ मिला देना चाहिए।प्राइवेट स्कूलो में भी RTE के अनुसार टीचर रखे जाने चाहिए।
मोटी मोटी पगार लेने वाले टीचरो का इन्क्रीमेंट और प्रिमोसन परफॉर्मेंस बेस्ड होना चाहिए।
सभी प्राइवेट और सरकारी स्कूलों को एक साथ मिला देना चाहिए।प्राइवेट स्कूलो में भी RTE के अनुसार टीचर रखे जाने चाहिए।
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