बस्ती: सूखा ग्रस्त जनपदों में गर्मी की छुट्टियों में भी मध्याह्न भोजन
देने की योजना धराशाई हो गई है। शिक्षकों की समस्या है कि वह सरकारी
फरमान पूरा करें तो बच्चे कहां से खोज कर लाएं। जनपद के 2400 परिषदीय स्कूल
व मदरसों में मध्याह्न भोजन देने की योजना चल रही है।
21 मई से 30 जून तक के लिए दिए गए इस आदेश का अनुपालन जैसे-तैसे ही हो रहा है। अब तक मात्र 700 विद्यालयों में ही योजना को किसी प्रकार अंजाम देने की कोशिश की जा रही है। शिक्षकों की दिक्कत यह है कि अधिकांश बच्चे गर्मी की छुट्टी में नानी के घर अथवा अन्य रिश्तेदारी में चले गए हैं। अब भोजन बने भी तो किसके लिए। इसके अलावा शिक्षक संगठनों ने भी अभियान के खिलाफ तलवार खींच ली है। शिक्षकों का कहना है कि उनसे शैक्षणिक कार्य के अलावा अन्य कोई कार्य न लिया जाए। मध्याह्न भोजन की व्यवस्था ग्राम शिक्षा समितियों के जिम्मे किया जाए।
कुछ बाग में खेल रहे थे। 10.30 बजे पूर्व माध्यमिक विद्यालय मझौआ में प्रधानाध्यापक मोहर अली कि मौजूदगी में रसोइया खाना बना रही थी। सहायक अध्यापक प्रताप नारायण व अब्दुल कादिर अनुदेशक तथा अनुचर मौजूद रहे। यहां 134 बच्चों में से मात्र दस बच्चे ही आये थे। प्राथमिक विद्यालय पिपरहिया में रसोइया गुड़िया व निर्मला खाना पका रही थीं। प्रधानाध्यापक महेंद्र कुमार वर्मा व सहायक अध्यापक प्रियंका मौर्य ने बच्चों के बारे में पूछने पर बताया कि बच्चों को खाना बनने कि सूचना है वह समय पर आ जाएंगे।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. संतोष ¨सह ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनाने व बच्चों को खिलाने की योजना चल रही है। जो भी बच्चे विद्यालय पर पहुंच रहे हैं उन्हें समय से भोजन दिया जा रहा है। जहां भोजन नहीं बन रहा है वहां जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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21 मई से 30 जून तक के लिए दिए गए इस आदेश का अनुपालन जैसे-तैसे ही हो रहा है। अब तक मात्र 700 विद्यालयों में ही योजना को किसी प्रकार अंजाम देने की कोशिश की जा रही है। शिक्षकों की दिक्कत यह है कि अधिकांश बच्चे गर्मी की छुट्टी में नानी के घर अथवा अन्य रिश्तेदारी में चले गए हैं। अब भोजन बने भी तो किसके लिए। इसके अलावा शिक्षक संगठनों ने भी अभियान के खिलाफ तलवार खींच ली है। शिक्षकों का कहना है कि उनसे शैक्षणिक कार्य के अलावा अन्य कोई कार्य न लिया जाए। मध्याह्न भोजन की व्यवस्था ग्राम शिक्षा समितियों के जिम्मे किया जाए।
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कुछ बाग में खेल रहे थे। 10.30 बजे पूर्व माध्यमिक विद्यालय मझौआ में प्रधानाध्यापक मोहर अली कि मौजूदगी में रसोइया खाना बना रही थी। सहायक अध्यापक प्रताप नारायण व अब्दुल कादिर अनुदेशक तथा अनुचर मौजूद रहे। यहां 134 बच्चों में से मात्र दस बच्चे ही आये थे। प्राथमिक विद्यालय पिपरहिया में रसोइया गुड़िया व निर्मला खाना पका रही थीं। प्रधानाध्यापक महेंद्र कुमार वर्मा व सहायक अध्यापक प्रियंका मौर्य ने बच्चों के बारे में पूछने पर बताया कि बच्चों को खाना बनने कि सूचना है वह समय पर आ जाएंगे।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. संतोष ¨सह ने कहा कि परिषदीय विद्यालयों में मध्याह्न भोजन बनाने व बच्चों को खिलाने की योजना चल रही है। जो भी बच्चे विद्यालय पर पहुंच रहे हैं उन्हें समय से भोजन दिया जा रहा है। जहां भोजन नहीं बन रहा है वहां जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
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