ग्वालियर। आपने
टीचर्स को बच्चे की परफॉर्मेंस के आधार पर माक्र्स देते देखा होगा, लेकिन
अब बच्चे भी अपने टीचर्स की परफॉर्मेंस पर माक्र्स देते नजर आएंगे। यह
सुनकर आपको हैरानी जरूर हो रही होगी, लेकिन यह हकीकत है। दरअसल यूनिवर्सिटी
ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने हाल ही में एक गाइडलाइन जारी की है, जिसके तहत
स्टूडेंट्स द्वारा टीचर्स का रिपोर्ट कार्ड भरा जाएगा और उसमें दिए गए
माक्र्स के हिसाब से उनकी पदोन्नति होगी। साइंस कॉलेज के इंचार्ज प्रिंसिपल
बीपीएस जादौन के अनुसार यकीनन इससे शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा। टीचर
का पूरा फोकस कोर्स पूरा कराने में रहेगा। साथ ही गवर्नमेंट कॉलेज में चल
रही अव्यवस्थाएं भी दुरस्त होंगी।
दस नंबर का होगा क्वेश्चनायर पेपर
कॉलेज
की ओर से स्टूडेंट्स को एक क्वेश्चनायर दिया जाएगा, जिसमें टीचर्स का
स्टूडेंट्स से इंटरेक्शन कैसा है? वह समय पर क्लास आते हैं या नहीं?
क्वालिटी एजुकेशन दे पाते हैं या नहीं? आदि क्वेश्चन शामिल होंगे। यह
क्वेश्चनायर कुल १० अंकों का होगा, जिसके आधार पर टीचर्स को स्टूडेंट्स
माक्र्स देंगे। इतना ही नहीं माक्र्स कम आने पर उनसे सवाल जवाब भी किए
जाएंगे। साथ ही दंडात्मक कार्यवाई भी की जा सकती है।
टीचर्स के भी बनेंगे रिपोर्ट कार्ड
जिस
तरह स्टूडेंट्स का रिपोर्ट कार्ड तैयार होता है। ठीक उसी प्रकार अब टीचर्स
का भी रिपोर्ट कार्ड बनेगा। कॉलेज इस रिपोर्ट कार्ड को हर छह माह में अपने
एफिलिटेड यूनिवर्सिटी को सार्वजनिक करेंगे। इससे पारदर्शिता बनी रहेगी।
एपीआई में किया बदलाव
टीचर्स
के प्रमोशन के लिए एकेडमिक परफॉर्मेंस इंडीकेटर्स (एपीआई) ने बड़ा बदलाव
किया है। टीचर्स को अब पहले से अधिक मल्टीटास्किंग होना होगा। टीचर्स का
प्रमोशन स्टूडेंट्स के ओरल नहीं, बल्कि क्वेश्चनायर फीडबैक पर होगा।
स्टूडेंट्स की रिपोर्ट तय करेगी कि टीचर को प्रमोशन दिया जाए या नहीं। इस
चेंज प्रणाली पर अब टीचर्स को खरा उतरना होगा।
सेमिनार में समय होता था बर्बाद
दरअसल
लंबे समय में यूजीसी के पास यह शिकायत पहुंच रही थी कि कॉलेज एवं
यूनिवर्सिटी में सेमिनार सहित कई एक्टिविटी कंडक्ट होती हैं, जिससे टीचर्स
का समय वहीं लग जाता है। इससे कई दिन प्रभावित होते हैं और स्टूडेंट्स का
कोर्स पूरा नहीं हो पाता। यही कारण रहा कि यूजीसी ने एपीआई में बदलाव किया,
जिसके तहत एकेडमिक स्टडीज और एडमिनिस्ट्रेटिव वर्क में स्टूडेंट्स को अधिक
माक्र्स दिए जाएंगे। इससे अब टीचर्स अपनी क्लास पर भी ध्यान देंगे।
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