तबादले में उजागर हुआ फर्जीवाड़ा, 2500 शिक्षकों का आवेदन निरस्त

इलाहाबाद. प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के अंतर जनपदीय तबादले के पहले ही 2500 शिक्षकों के आवेदन निरस्त कर दिये गये। ये वह आवेदन थे जो शिक्षकों ने अपने शैक्षणिक प्रमाणपत्रों में गड़बड़ी कर फर्जी तरीके से आनलाइन फार्म भरा था।
सचिव बेसिक शिक्षा परिषद संजय सिन्हा ने बताया कि तबादले के लिए लगभग 23 हजार शिक्षकों ने आनलाइन आवेदन किया हैं। जिसमें 1500 शिक्षक ऐसे हैं जिन्होंने शिक्षण के दौरान एक जिले में अभी तक तीन वर्ष पूरा नहीं किया है। इसके अलावा इनमें से एक हजार से अधिक शिक्षक ऐसे हैं जो तबादले के लिए आनलाइन आवेदन तो कर दिया। लेकिन बीएसए कार्यालय में हुई काउंसिलिंग में शामिल नहीं हुए, उन्हें भी निरस्त कर दिया गया। उन्होंने आगे बताया कि पूरी कोशिश है कि तबादले 30 जुलाई तक कर दिये जायेगें और जिनका तबादला हो जायेगा उनको एक हफ्ते में संबंधित जिले के स्कूलों में कार्यभार ग्रहण करना होगा।
सचिव ने आगे कहा कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के होने वाले तबादले अंतर जनपदीय कोडिंग से होंगे, जिससे सभी वर्ग के अभ्यर्थियों की संख्या व क्रम आसानी से पता चल सके। जैसे विकलांग शिक्षकों की कोडिंग ए, सेना की बी, विधवा की सी होगी। इससे गड़बड़ी होने की संभावना नहीं है।
परिषदीय विद्यालयों को मिले तीन लाख शिक्षक
प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों को साढ़े चार वर्ष में तीन लाख शिक्षक मिले हैं, इससे जहां विद्यालयों के शिक्षण में सुधार हुआ वहीं विद्यालयों में प्रशासनिक व्यवस्था में भी बदलाव हुआ है। सचिव ने बताया कि सपा सरकार के साढ़े चार वर्ष के कार्यकाल में लगभग तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, इनमें एक लाख 37 हजार शिक्षामित्र हैं जो कि दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण, बीटीसी 2011 के तहत 15 हजार शिक्षक, 72,834 शिक्षकगण हैं। उन्होने बताया कि इसी प्रकार उर्दू शिक्षकों के लिए तीन बार में लगभग दस हजार शिक्षक हैं। पहली बार 4280, दूसरी बार 3500 एवं तीसरी बार 1939 शिक्षक हैं। सिन्हा ने अंत में कहा कि 16448 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, इनकी शीघ्र काउंसिलिंग कर नियुक्ति कर दी जायेगी।
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