Breaking Posts

Top Post Ad

शिक्षक बोले नहीं देंगे इम्तिहान : प्रशासन के कहने से इम्तिहान देकर खुद को क्यों काबिल साबित करें?

बागपत : काबिलियत परखने को शिक्षकों के इम्तिहान का मामला तूल पकड़ने लगा है। शिक्षकों ने फेसबुक पर इम्तिहान का विरोध शुरू कर दिया है। उनकी टिप्पणी है कि-हम इम्तिहान देकर शिक्षक बने हैं। प्रशासन के कहने से इम्तिहान देकर खुद को क्यों काबिल साबित करें?
पहले अफसर खुद इम्तिहान देकर साबित करें कि वे अफसरी के लायक हैं या नहीं?
दरअसल, प्राथमिक स्कूलों में घटती बच्चों की संख्या और गिरती शिक्षण गुणवत्ता में सुधार लाने को गत 19 जुलाई को विकास भवन में अधिकारियों की बैठक में योग्यता परखने को शिक्षकों का इम्तिहान लेने का निर्णय लिया गया था। निर्धारित न्यूनतम योग्यता परखने को अगस्त में शिक्षकों की लिखित परीक्षा लेने और 20 तक का पहाड़ा भी सुनने का फैसला हुआ था। पेपर तैयार करने का जिम्मा डायट प्रचार को सौंपा गया। प्रशासन और शिक्षा विभाग के अफसरों के उक्त निर्णय से शिक्षकों में खलबली मची है।
प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के अधिकांश शिक्षकों में नाराजगी है। शिक्षकों ने फेसबुक और व्हाट्सएप पर इम्तिहान का विरोध शुरू कर दिया। एक शिक्षक की टिप्पणी है कि इस तरह की बातें शिक्षकों का अपमान है। सामूहिक विरोध होना चाहिए। शिक्षकों की परीक्षा लेने की बात कह अफसर अब शासन की शिक्षकों की चयन की व्यवस्था पर ही सवाल खड़ा कर रहे हैं।

एक शिक्षक की टिप्पणी है कि-शिक्षकों की परीक्षा से पहले ऐसी बातें कहने वाले अफसर को परीक्षा देकर ये साबित करना चाहिए कि वे अफसर लायक हैं या नहीं? और भी शिक्षकों ने फेसबुक पर अपनी नाराजगी जताई है। वहीं उप्र प्राथमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष राकेश यादव और जिला मंत्री राजकुमार शर्मा ने कहा कि शिक्षकों का इम्तिहान लेने की बात कहकर अध्यापकों का अपमान किया गया है। शिक्षक किसी भी सूरत में इम्तिहान नहीं देंगे। कहा कि घास छीलकर नहीं बल्कि पढ़-लिखकर और ग्रेजूएट, पोस्ट ग्रेजूएट के साथ बीएड व बीटीसी इम्तिहान पास करके ही शिक्षक बने हैं। अफसर परीक्षा लेने पर अड़े तो शिक्षक आंदोलन में देरी नहीं करेंगे।
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines

No comments:

Post a Comment

Facebook