आईआईटी प्रोफेसर ने कहा- रोज 1 घंटा खेलें जरूर, 10वीं के छात्र ने 22 घंटों का शेड्यूल बता कहा- जान लोगे क्या

सुबह 5 बजे होमवर्क कर स्कूल जाता हूं। 3 बजे लौटकर खाना खा आराम, फिर कोचिंग। 7:30 बजे वहां से आता हूं। कोचिंग का होमवर्क, फिर डिनर में 10 बजे जाते हैं। किसी के साथ बैठने का समय तक नहीं।
स्कूल का तर्क...
आरबीएसई: नियम6 घंटे का, स्कूलों ने खुद बढ़ाया
शिक्षा विभाग के अनुसार स्कूल का टाइम 6 घंटे ही है लेकिन कई स्कूल 7 घंटे तक चला रहे हैं। डीईओ प्रथम दिनेश्वर पुरोहित के अनुसार स्कूल 8 बजे से शुरू होती है तब तक बच्चा नींद पूरी कर स्कूल सकता है। स्कूल संचालक के अनुसार सरकार ने गत वर्ष ही एक घंटा बढ़ाया है। इसका शिक्षकों ने विरोध भी किया था।

सीबीएसई: आधेसत्र के बाद कमजोर छात्रों को दें समय

आरटीई एक्ट 2009 के अनुसार सप्ताह में 45 घंटे पढ़ाना जरूरी है। शिक्षाविद आरके अग्रवाल के अनुसार उपस्थिति 75 फीसदी जरूरी है। बच्चों को जल्दी फ्री करने का नियम या कानून नहीं है लेकिन स्कूल जल्दी कोर्स करवा कर आधे सत्र के बाद समय कम कर सकते हैं। फिर कमजोर छात्रों को ही अधिक समय दिया जाए।

इंटरनेशनल लेवल के इस बोर्ड में स्कूल फाइव-डे वीक ही है। टाइमिंग सुबह 7:30 से दोपहर 3:20 तक रहता है। विशेषज्ञ नमित भंडारी के अनुसार एक घंटा अनिवार्य स्पोर्ट्स, 1 घंटा आर्ट एंड क्राफ्ट, म्यूजिक, ड्रामा डांस को देना होता है। स्कूल में ही ब्रेकफास्ट लंच भी देते हैं। शनिवार को कमजोर स्टूडेंट्स एक्स्ट्रा क्लास लगती है।

एक फेसबुक पोस्ट जिसने हर मां-बाप को सोचने पर मजबूर कर दिया

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