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शिक्षामित्र केस : बिना टीईटी पास शिक्षक हटेंगे, शिक्षा मित्रों को नियमित करने के लिए जो छूट प्रदान की थी, वह पूरी तरह से अवैधानिक

हाई कोर्ट ने पिछले साल जनवरी में सहायक अध्यापक पद पर नियमित किए गए बिना टीईटी पास शिक्षा मित्रों को हटाने और उनके स्थान पर टीईटी पास योग्यताधारी को नियुक्ति देने के आदेश पारित किए हैं। इस फैसले के बाद तीन हजार से अधिक शिक्षा मित्रों की नौकरी खतरे में पड़ गई है।
1पिछले साल जनवरी में प्रदेश सरकार ने 3652 शिक्षा मित्रों को सहायक अध्यापक पद पर नियमित किया था। इधर सरकार के इस फैसले को टीईटी पास अभ्यर्थी ललित कुमार व अन्य द्वारा हाई कोर्ट में चुनौती दी गई। याचिका में कहा गया कि शिक्षामित्रों को टीईटी में दी गई छूट नियम विरुद्ध है।
इसकी वजह से टीईटी पास अभ्यर्थी शिक्षक बनने की दौड़ से बाहर हो गए हैं। 1इस याचिका के जवाब में राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि केंद्र सरकार व एनसीटीई की मंजूरी के बाद शिक्षा मित्रों को नियमित करने के लिए नियमावली में छूट दी गई है। न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की एकल पीठ ने पक्षकारों को सुनने के बाद एनसीटीई द्वारा दी गई छूट को असंवैधानिक बताया। कोर्ट ने कहा कि शिक्षक बनने के लिए टीईटी उत्तीर्ण होना अनिवार्य है। इस आधार पर कोर्ट ने शिक्षा मित्रों को दी गई टीईटी छूट को अवैधानिक मानते हुए सरकार द्वारा नियमावली में किए गए परिवर्तन के प्रावधान को ही निरस्त कर दिया। कोर्ट ने साफ किया कि जो शिक्षा मित्र टीईटी पास नहीं हैं, उन्हें सेवा से हटाया जाए और जो टीईटी उत्तीर्ण हैं, उन्हें उनके स्थान पर नियुक्ति दी जाए।
कोर्ट के समक्ष आए तथ्य और आदेश के मुख्य अंश :
शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत शिक्षा मित्रों को शिक्षक नहीं माना जा सकता। एनसीटीई की ओर से क्लॉज चार ए व चार सी के तहत टीईटी की छूट नहीं दी जा सकती। सरकार ने चार मार्च 2014 को सेवा नियमावली में शिक्षा मित्रों को नियमित करने के लिए जो छूट प्रदान की थी, वह पूरी तरह से अवैधानिक थी। 1आरटीई के अनुच्छेद-21 के तहत छह से 14 साल के बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करने के साथ ही उन्हें शिक्षित बनाने के लिए योग्य शिक्षक की नियुक्ति का प्रावधान है। शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा की छूट देने का अधिकार, राज्य तो क्या केंद्र सरकार को भी नहीं है। सिर्फ संसद ही इसमें छूट प्रदान कर सकती है।एनसीटीई की ओर से क्लॉज चार ए व चार सी के तहत टीईटी की छूट नहीं दी जा सकती। सरकार ने चार मार्च 2014 को सेवा नियमावली में शिक्षा मित्रों को नियमित करने के लिए जो छूट प्रदान की थी, वह पूरी तरह से अवैधानिक थी।
आरटीई के अनुच्छेद-21 के तहत छह से 14 साल के बच्चों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करने के साथ ही उन्हें शिक्षित बनाने के लिए योग्य शिक्षक की नियुक्ति का प्रावधान है। शिक्षक बनने के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा की छूट देने का अधिकार, राज्य तो क्या केंद्र सरकार को भी नहीं है। सिर्फ संसद ही इसमें छूट प्रदान कर सकती है।
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