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गुरुजी बैंक की लाइन में, बच्चों ने ली क्लास

खतौली : नोटबंदी का असर अब सरकारी स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ने लगा है। मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक बच्चों को रामभरोसे छोड़कर बैंक से पैसे निकालने चले गए।
इस दौरान कई बच्चों ने अध्यापक की भूमिका निभाते हुए बच्चों को सबक सिखाया। बच्चों के साथ हो रही इस नाइंसाफी का जवाब न तो अध्यापक के पास है और न विभागीय अधिकारियों के। इस व्यवस्था में शिक्षक और विभागीय अधिकारी बेशक अपने भविष्य को 'स्वर्णिम' कर लें, लेकिन उन नौनिहालों के भविष्य पर कालिख पुत रही है, जिनके माता-पिता ने अरमानों के साथ उन्हें स्कूल में दाखिल कराया था।
सरकारी विद्यालयों में पानी की तरह पैसा बहाया जा रहा है। मिड-डे मील से लेकर बच्चों की यूनिफार्म तक सरकार इस उद्देश्य से नि:शुल्क मुहैया कराती है कि किसी गरीब का बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे। सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को मोटी पगार मिलने के बाद अब वह मलाल भी खत्म हो गया है, जिसमें शिक्षण का पेशा हमेशा दोयम दर्जे का रहा। जब इन्हीं स्कूलों में गरीब बच्चों के साथ न्याय न हो तो इसे क्या कहा जा सकता है।
'दैनिक जागरण' की टीम मंगलवार को प्राथमिक विद्यालय सठेड़ी रोड पहुंची तो तीनों कक्ष से अध्यापक नदारद थे। कुछ बच्चे इधर-उधर घूमते मिले। एक कक्ष में तीन बच्चों ने मास्टरजी की जिम्मेदारी संभाल रखी थी। ये तीनों बच्चे हाथ में किताब लेकर अपनी कक्षा के अन्य बच्चों को पढ़ा रहे थे। जब बच्चों से स्कूल से लापता शिक्षकों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि मास्टरजी कहीं गए हैं, लेकिन कहां गया हैं, वे इसका कोई जवाब नहीं दे सके।
स्कूर परिसर में दो रसोई माता बच्चों के लिए मिड-डे मील तैयार कर रही थीं। इन्होंने टीम के आने की जानकारी स्कूल के बराबर में संचालित दूसरे प्राथमिक विद्यालय मिट्ठू लाल की अध्यापिका को दी। टीम ने जब उक्त अध्यापिका से प्राथमिक विद्यालय सठेड़ी रोड से सभी अध्यापकों के नदारद होने के संबंध में पूछा तो उन्होंने बताया कि प्रधानाध्यापक शिवकुमार बैंक में जाने की बात कहकर कुछ ही देर पहले गए हैं। इस संबंध में प्रधानाध्यापक शिव कुमार ने बैंक जाने की बात को गलत बताते हुए कहा कि वे यूआरसी दफ्तर में विद्यालय के काम से ही गए थे। इस संबंध में जब नगर शिक्षा अधिकारी सतीश शर्मा से बात करने का प्रयास किया तो उनका मोबाइल स्विच मिला।
इन्होंने कहा..
मामले की जांच की जाएगी। यदि अध्यापक दोषी हैं तो नियमानुसार कार्रवाई भी की जाएगी।

- चंद्रकेश यादव, बीएसए, मुजफ्फरनगर।
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