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अर्थशास्त्रियों से PM बोले, टैक्सपेयर्स को मिलेगा लाभ तो कम होगी चोरी

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि टैक्स देने वाले लोगों को यदि उनके द्वारा दिये गये टैक्सों के उपयोग से लाभ होगा तो टैक्स चोरी में कमी आएगी।
पीएम मोदी ने 'स्किल, स्केल और स्कोप' थ्री S का उल्लेख करते हुये कहा कि टैक्स का उपयोग ऐसे कामों में किया जाना चाहिए जिससे टैक्स देने वाले लोगों को लाभ हो और टैक्स चोरी में कमी आए। उन्होंने पर्यटन और कौशल विकास के लिए इनोवेटिव (रचनात्मक) कार्यों को पहले करने का आह्वान करते हुये कहा कि पर्यटन में निवेश की आवश्यकता बताते हुये कहा कि कई देश पर्यटन केन्द्र विकसित करते हैं, जबकि हमारे देश में ऐतिहासिक स्थलों की कमी नहीं है और उन स्थलों को पर्यटन केन्द्रों के रूप में विकसित किया जा सकता है।
मोदी ने नीति आयोग द्वारा 'आर्थिक नीति-भविष्य की राह' विषय पर आयोजित परिचर्चा के दौरान कृषि, कौशल विकास तथा रोजगार सृजन, कराधान तथा शुल्क संबंधी मुद्दों, शिक्षा, डिजिटल प्रौद्योगिकी, हाउसिंग, पर्यटन, बैंकिंग, प्रशासनिक सुधार, डाटा समर्थित नीति एवं विकास के लिए भविष्य में उठाये जाने वाले कदमों पर अर्थशास्त्रियों तथा विशेषज्ञों की राय सुनने के दौरान यह बात कही।
उन्होंने कृषि के विकास के लिए इस क्षेत्र पर आधारित उत्कृष्टता केन्द्र बनाने पर भी जोर दिया। उन्होंने एक सुझाव दिया कि स्कूलों में आम तौर पर राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के फोटो लगाई जाती हैं जबकि राजस्थान में अब स्कूलों के ही शिक्षकों की तस्वीर लगाने की तैयारी चल रही है ताकि छात्रों को यह पता रहेगा कि उनके शिक्षक कौन हैं।
परंपरा से हटकर फरवरी के अंतिम सप्ताह की बजाय केंद्रीय बजट पेश करने का समय एक महीने पहले करने के बारे में मोदी ने परिचर्चा में कहा कि इससे वास्तविक अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि मौजूदा बजट कैलेंडर में व्यय के लिए स्वीकृति मानसून के आगमन के आसपास जाकर मिलती है। इससे वित्त वर्ष की शुरुआत से मानसून के आगमन तक के समय में सरकारी कार्यक्रम लगभग निष्क्रिय हो जाते हैं। इसी के मद्देनजर बजट पहले पेश करने की योजना बनायी गयी है ताकि नये वित्त वर्ष के शुरू होते-होते व्यय के लिए स्वीकृति भी मिल जाये।
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