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शिक्षा, सेहत से खिलवाड़ हुआ तो भुगतेंगे गुरु जी

जागरण संवाददाता, उन्नाव: बिछिया के शहजादपुर प्राइमरी स्कूल का कड़वा सच सामने आने के बाद एसडीएम सदर मेधा रूपम ने तहसील क्षेत्र के सभी ब्लाक के शिक्षकों को सचेत कर दिया है।
उन्होंने तहसील सभागार में बैठक बुलाकर शहजादपुर प्रायमरी स्कूल की तस्वीर सामने रखकर सवाल किया कि क्या इस तरह की आलू की सब्जी आप खुद या फिर अपने बच्चों को खिला सकते हैं। एसडीएम के सवाल से शिक्षक-शिक्षिकाएं नजरें चुराने लगे। शैक्षिक स्तर पर किए सवाल पर भी अधिकतर मौन रहे। कुछ स्कूल के अध्यापकों को वाहवाही भी मिली। अपनी प्राथमिकताएं बताने के साथ ही उन्होंने कहा कि यदि इसके बाद भी गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई के साथ मीडिया के माध्यम से कलई खोलकर सार्वजनिक करने में भी हिचक न की जाएगी।
सोमवार को एसडीएम सदर मेधा रूपम के शहजादपुर गांव का निरीक्षण किया था। जहां उन्हें बच्चों को बटने वाला खाना घटिया और शैक्षिक स्तर तो खराब मिला ही शिक्षक भी नदारत मिले। इतना ही नहीं शिक्षकों की जानकारी करने पर एबीएसए द्वारा सेक्टर मजिस्ट्रेट से यह कहना कि ये उन्नाव है यहां 12 बजे ही मास्टर स्कूल पहुंचते हैं, को गंभीरता से लिया। इसी के बाद एसडीएम सदर ने बिछिया ब्लाक के अलावा, सिकंदरपुर सरोसी, सिकंदरपुर कर्ण और नगर क्षेत्र के शिक्षकों की बैठक बुलाई थी। सदर तहसील में आयोजित हुई बैठक में एसडीएम ने शिक्षक शिक्षिकाओं से कहा कि सभी अपने अपने स्कूल समय से पहुंचे, इसमें लापरवाही नहीं होनी चाहिए। हर शिक्षक का टाइम टेबल होना चाहिए कि वह कब किस क्लास में क्या पढ़ाएगा। इस टाइम टेबल की जानकारी प्रधान शिक्षक के साथ साथ छात्रों को भी होनी चाहिए। निरीक्षण के समय टाइम टेबल के आधार पर ही क्लास का शैक्षिक स्तर जांचा जाएगा।
भोजन की गुणवत्ता को लेकर उठे सवाल पर एसडीएम ने कहा कि सभी तय कर लें कि बच्चों के लिए बनने वाला खाना किसी भी तरह गुणवत्ता में खराब नहीं होना चाहिए। प्रधान सामग्री दें या फिर वह खुद लेकर आएं, इससे कोई लेना देना ही सीधे तौर पर शिक्षक इसके जिम्मेदार होंगे।
नहीं मिली नेता जी को कुर्सी : शिक्षकों की तहसील सभागार में आयोजित हुई बैठक में शिक्षक संघ के नेता भी पहुंचे। उन्होंने पहले पहुंच कर एसडीएम को अपना परिचय दिया और साथ बैठक के लिए सभागार में पहुंच गए। उन्हें भी लगा कि पूर्व की बैठकों की तरह से मंच पर जगह मिलेगी। पर माहौल शिक्षक राजनीति का न होकर बेसिक स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के भविष्य से जुड़ा था और एसडीएम मेधा रूपम ने दो टूक वाले अंदाज में बैठक ले रही थी। उन्होंने नेता जी को केवल शिक्षक के रूप में लिया और मंच क्या सामने भी कुर्सी के लिए कोई तवज्जो नहीं मिली।

एबीएसए बिछिया का प्रकरण पकड़ रहा तूल : बैठक के दौरान एसडीएम सदर ने एबीएसए बिछिया के प्रकरण की चर्चा शिक्षकों के सामने करते हुए उनके डायलाग ही नहीं बताया और बल्कि ये भी कहा कि अब वह बता रहे कि उनसे बात नहीं हुई। लेकिन नंबर ट्रेस कर लिया है। वह एबीएसए बिछिया का ही नंबर है। उन्होंने कहा कि मनमानी करने वाले शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई के लिए डीएम को रिपोर्ट लिखकर भेज दी है। एबीएसए के खिलाफ भी कार्रवाई के लिए लिखा गया है।
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