यूपी बोर्ड की परीक्षा में रहेगा शिक्षकों का टोटा

 जासं, इलाहाबाद : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा नकल विहीन कराना शिक्षा विभाग के अफसरों के लिए इस बार बेहद चुनौतीपूर्ण काम होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि एडेड स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो रही है, वहीं दूसरी ओर इस सत्र में सरकारी स्कूलों से लगभग तीन सौ शिक्षक सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
वित्तविहीन विद्यालयों में भी मानदेय की घोषणा होने के बाद स्कूलों में अध्यापकों की संख्या निर्धारित कर दी है। जिनका नाम मानदेय की सूची में शामिल होगा उन्हीं शिक्षकों को कक्ष निरीक्षण कार्य केलिए अधिकृत किया जाएगा।
दरअसल अभी तक वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों की ड्यूटी यूपी बोर्ड परीक्षा में थोक के भाव लगा दी जाती थी। लेकिन सरकार ने वित्त विहीन शिक्षकों को मानदेय देना शुरू कर दिया है जिससे शिक्षकों का पूरा डाटा सरकार के पास है। इस वजह से यूपी बोर्ड परीक्षा कराने में लगाए जाने वाले केंद्र व्यवस्थापक व परीक्षक का टोटा हो सकता है। हालांकि अफसरों का दावा है कि परीक्षा कराने में कोई समस्या नहीं आएगी। एसोसिएट डीआइओएस गोविंद राम ने बताया कि यूपी बोर्ड परीक्षा में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त मात्रा में रहे इसके लिए वित्त विहीन स्कूलों के प्रबंधकों को उनके यहां कार्यरत शिक्षकों का संपूर्ण ब्योरा देने के निर्देश दिए गए हैं। परीक्षा में शिक्षकों की कमी नहीं होगी।
जिले में वित्त विहीन स्कूल 876
इनमें शिक्षकों की संख्या 10 हजार 125
मंडल में बनाए गए 1096 परीक्षा केंद्र
इलाहाबाद : यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षा केंद्र बना दिए हैं। मंडल में 1096 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं।
इलाहाबाद में 508 केंद्र हैं, जिसमें 11 राजकीय, 146 अशासकीय सहायता प्राप्त व 351 वित्त विहीन बनाए गए हैं।
कौशांबी में 112 परीक्षा केंद्र बने हैं। इसमें 4 राजकीय, 24 अशासकीय सहायता प्राप्त व 84 वित्त विहीन विद्यालय हैं।

प्रतापगढ़ में 332 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। इसमें 9 राजकीय, 65 अशासकीय सहायता प्राप्त व 258 वित्त विहीन स्कूल शामिल हैं।
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