अब मिड डे मील में दिए जाने वाले बजट की ऑनलाइन ट्रैकिंग की जाएगी। कोई भी शिक्षक यह नहीं कह सकेगा कि बजट के अभाव में मिड डे मील नहीं बना है। खाते में धनराशि होने के बावजूद वह कहता है कि मिड डे मील नहीं बना तो उस पर प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, स्कूलों में मिड डे मील बन रहा है कि नहीं, इसकी पड़ताल करने के लिए प्रतिदिन प्रधानाध्यापक के मोबाइल पर दैनिक अनुश्रवण प्रणाली लखनऊ से कॉल आती है। इसमें यह पूछा जाता है कि आज कितने बच्चों ने भोजन किया। इसमें भोजन नहीं बनने समेत कई विकल्प देकर संबंधित नंबर दबाने की बात कही जाती है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को प्रदेश के कई जिलों से प्राप्त हो रही रिपोर्ट में यह देखने को मिला है कि बजट उपलब्ध नहीं होने का बहाना बनाकर कई प्रधानाध्यापक मिड डे मील नहीं बनवा रहे हैं। ऐसे प्रधानाध्यापकों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए यह साफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। जैसे ही प्रधानाध्यापक मोबाइल पर सूचना दर्ज कराएगा कि बजट नहीं है। लखनऊ में ऑनलाइन ट्रैकिंग कर रही टीम उसके खाते की ऑनलाइन जांच कर लेगी। इसके बाद संबंधित जिले के बीएसए के पास संबंधित प्रधानाचार्य या शिक्षक पर कार्रवाई के लिए लखनऊ मुख्यालय से कॉल आएगी। इसके बाद प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
इधर, सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक रमेश तिवारी व मंडल मिड डे मील समन्वयक सुनीत पांडेय ने बताया कि ऑनलाइन ट्रैकिंग मिड डे मील योजना को गति प्रदान करेगी। बजट नहीं होने का बहाना शिक्षक नहीं बना सकेंगे। शासन ने ब्लाक, बैंक का नाम, स्कूल का नाम समेत कई सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र पर मांगी है। इसे तैयार कराकर ऑनलाइन शासन को मार्च माह के प्रथम सप्ताह तक भेज दी जाएगी।
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines
- 22 फरवरी को सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई को लेकर गाजी इमाम आला की अपील
- SHIKSHAMITRA: शिक्षामित्र मामले में दखल नहीं देगी सरकार, शीर्ष कोर्ट के बाद ही केंद्र सरकार बढ़ाएगी कदम
- हिमांशु राणा की लेटेस्ट पोस्ट याची नियुक्ति व् टेट पास अभ्यर्थियों की नियुक्ति पर, सरकार के लेटेस्ट शासनादेश पर दहाड़े
- याची लिस्ट देखने का लिंक , कुछ भी याची लिस्ट सम्बन्धी प्रॉब्लम के लिए 22 feb के बाद ही संपर्क करे
- शिक्षकों की समस्याओं पर हुई चर्चा, संघर्ष से मिलेगी टीईटी अभ्यर्थियों को सुप्रीमकोर्ट में जीत
दरअसल, स्कूलों में मिड डे मील बन रहा है कि नहीं, इसकी पड़ताल करने के लिए प्रतिदिन प्रधानाध्यापक के मोबाइल पर दैनिक अनुश्रवण प्रणाली लखनऊ से कॉल आती है। इसमें यह पूछा जाता है कि आज कितने बच्चों ने भोजन किया। इसमें भोजन नहीं बनने समेत कई विकल्प देकर संबंधित नंबर दबाने की बात कही जाती है। मध्याह्न भोजन प्राधिकरण को प्रदेश के कई जिलों से प्राप्त हो रही रिपोर्ट में यह देखने को मिला है कि बजट उपलब्ध नहीं होने का बहाना बनाकर कई प्रधानाध्यापक मिड डे मील नहीं बनवा रहे हैं। ऐसे प्रधानाध्यापकों की मनमानी पर लगाम लगाने के लिए यह साफ्टवेयर तैयार कराया जा रहा है। जैसे ही प्रधानाध्यापक मोबाइल पर सूचना दर्ज कराएगा कि बजट नहीं है। लखनऊ में ऑनलाइन ट्रैकिंग कर रही टीम उसके खाते की ऑनलाइन जांच कर लेगी। इसके बाद संबंधित जिले के बीएसए के पास संबंधित प्रधानाचार्य या शिक्षक पर कार्रवाई के लिए लखनऊ मुख्यालय से कॉल आएगी। इसके बाद प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
इधर, सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक रमेश तिवारी व मंडल मिड डे मील समन्वयक सुनीत पांडेय ने बताया कि ऑनलाइन ट्रैकिंग मिड डे मील योजना को गति प्रदान करेगी। बजट नहीं होने का बहाना शिक्षक नहीं बना सकेंगे। शासन ने ब्लाक, बैंक का नाम, स्कूल का नाम समेत कई सूचनाएं निर्धारित प्रपत्र पर मांगी है। इसे तैयार कराकर ऑनलाइन शासन को मार्च माह के प्रथम सप्ताह तक भेज दी जाएगी।
- सुप्रीम कोर्ट में अकादमिक भर्तियों से सम्बन्धित मुकदमों की सुनवाई का विवरण
- याची लिस्ट देखने का लिंक , कुछ भी याची लिस्ट सम्बन्धी प्रॉब्लम के लिए 22 feb के बाद ही संपर्क करे
- 22 को सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण सुनवाई हेतु
- इस साल अप्रैल से निकाल पाएंगे आॅनलाईन PF
- मैनपुरी : अब 10800 शिक्षक भर्ती में भी घोटाला,पढ़ें पूरा मामला
- टीईटी में छूट देने की मांग खारिज शिक्षामित्र का मामला पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित होने का दिया हवाला
- समस्त विवादित भर्तियों की तारीख 22 फ़रवरी के सन्दर्भ में कुछ बातें : हिमांशु राणा
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines