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चुनावी वादे पूरा न होने पर सियासी दल हों जवाबदेह: सुप्रीमकोर्ट जस्टिस खेहर

नई दिल्ली, प्रेट्र : प्रधान न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर ने शनिवार को कहा कि चुनावी वादे लगातार पूरे नहीं किए जा रहे और राजनीतिक दलों के चुनावी घोषणा पत्र महज कागज के टुकड़े साबित हो रहे हैं। हमारी न्याय प्रणाली में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिससे उन्हें इसका परिणाम भुगतना पड़े।
उन्होंने कहा कि इस मामले में राजनीतिक दलों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की उपस्थिति में एक सेमिनार में जस्टिस खेहर ने कहा कि चुनावी वादे पूरे न करने पर राजनीतिक दल, सदस्यों के बीच आमसहमति के अभाव जैसे बेकार के बहाने बनाते हैं। उन्होंने कहा कि नागरिकों की अल्पकालिक याददाश्त की वजह से उनके चुनावी घोषणा पत्र महज कागज के टुकड़े साबित हो रहे हैं। 2014 के आम चुनावों में राजनीतिक दलों ने जो घोषणा पत्र जारी किए थे, उनमें से किसी में भी आर्थिक विकास और कमजोर तबकों को आर्थिक-सामाजिक न्याय दिलाने के संवैधानिक लक्ष्य के बीच संबंध का कोई जिक्र नहीं था। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दल घोषणा पत्रों में आर्थिक सुधारों और वैश्वीकरण की बातें तो खूब करते हैं, लेकिन आर्थिक विकास की उपलब्धियों को कमजोर तबकों से जोड़ने का प्रयास नहीं करते। उन्होंने कहा कि चुनावों में जाति के मुद्दों को अलग ही तरह से उछाला जाता है ताकि प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में बहुमत हासिल किया जा सके। जब से वंचित तबके के लोग बड़ी संख्या में मतदाता बन गए हैं तब से चुनावी परिणामों में उनकी महत्ता अप्रत्याशित रूप से बढ़ गई है। लेकिन, अधूरे रह गए चुनावी वादे कभी भी मुद्दा नहीं बनते। उन्होंने बताया कि मुफ्त चीजें बांटने की घोषणाओं के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से चुनाव आयोग को दिशा-निर्देश तैयार करने के आदेश दिए जाने के बाद ही आयोग आचार संहिता उल्लंघन के लिए राजनीतिक दलों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सबसे वरिष्ठ जज जस्टिस दीपक मिश्र ने कहा कि चुनावों में क्रय शक्ति का कोई स्थान नहीं है। उम्मीदवारों को ध्यान रखना चाहिए कि वे कोई निवेश नहीं कर रहे, बल्कि चुनाव लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि चुनावों को अपराधीकरण से मुक्त होना ही चाहिए और लोगों को प्रत्याशियों के प्रतिस्पर्धात्मक दोषों के स्थान पर उच्च नैतिक मूल्यों के आधार पर मतदान करना चाहिए। 1नई दिल्ली में शनिवार को कंफेडरेशन ऑफ इंडियन बार द्वारा आयोजित सेमिनार में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और देश के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जेएस खेहर।

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