90/105 के अंतरिम आदेश पर कोर्ट ने बस टिप्पणी की है ना कि भर्ती करने को कहा है भर्ती 2 मई को आने वाले फाइनल आदेश पर ही होगी

प्रिय साथियों नमस्कार !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!! मैं देख रहा हूँ आप सभी 26 अप्रैल के आदेश को देख कर उसका असली मतलब ही नही समझ पा रहे है ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। न्याय इतना शानदार होने जा रहा है कि हम पूरी जिंदगी आदर्श गोयल और यू 0 यू0 ललित जी की सराहना करेंगे
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। दरअसल ये न्याय अतिशय प्राकृतिक है औऱ इसको समझने के लिए बड़ा दिल और न्यायिक सोच चाहिए लेकिन हम 5 सालो में इतने टूट चुके है कि इस आदेश में छुपे अपने नियुक्ति पत्र को देख ही नही पा रहे है।।।।।।।। विश्वाश इतना टूट चुका है कि जीत को पहचान ही नही पा रहे है ।।।।।।।।।।।।।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।। अब बात समझे क्या है मामला ।।।।।।।।। देखिए न्यायालय की स्थापना संविधान की रक्षा करते हुए विवादों को सुलझाने के लिए हुआ है और जजों की ये कोशिश होती है कि सबको कुछ न कुछ मिल जाये क्यों कि न्यायालय में जाने वाला कोई भी व्यक्ति पूर्णतः सही या पूर्णतः गलत नही होता सब उस मामले में कही न कही से प्रभावित होते है ।।।।।।।।।।।।। सोचिये क्या एक रिक्शा वाला टेट में पार्टी बन सकता है आप खुद कहेंगे नही क्यों कि उसका तो कोई सम्बन्ध ही नही है इस भर्ती से लेकिन चाहे शिक्षामित्र हो चाहे बी0टी0सी0 के लोग हो चाहे नॉन टेट वाले हो चाहे टेट मेरिट समर्थक हो या अकादमिक मेरिट समर्थक हो सबका कही न कही से हित प्रभावित है ये बात अलग है कि हमारा हक सबसे ज्यादा है 100% में 80% इन पदों पर हमारा हक है बाकी में सब है अतः न्यायालय हमे ही ये पद देने जा रहा है समझे कैसे ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। 1. न्यायालय कह रहा है कि चूँकि स्टेट ने खुद स्वीकार किया है कि उसके पास टेट 2011 का कोई रिकार्ड नही है अतः जो भी भर्तियां हो गयी है वे चाहे टेट मेरिट की हो अकादमिक मेरिट की हो सब सही है उनसे कोई छेड़छाड़ नही की जायेगी यानी नियुक्त हो चुके लोगों का टेंसन खत्म ।।। दरअसल ये न्याय है कि सरकारों से ज्यादा से ज्यादा नौकरियां दिलवाई जाय विभागों में पद खाली न रहे दरअसल सरकारे नौकरी देना ही नही चाहती सरकारी पैसा अपने पास केन्द्रित रख कर अपने मनमाने काम करती है जिसमे ये ज्यादा से ज्यादा पैसा काला कर सके ।।।।।।। योगी जी की सरकार इसके उलट है वे सरकार का ज्यादा से ज्यादा पैसा जनता के पीछे खर्च कर रहे इसके लिए अपनी सुविधाओ को कम भी कर रहे है ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
।।।।। 2. दरअसल अतिशय उलझी हमारी भर्ती को आराम से सुलझाने के लिए जज साहब अब मेरिट पर बहस करा रहे है ।।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।मेरिट पर बहस का अर्थ यह है कि ये जितने भी विवादित पद है और जितने भी दावेदार है चाहे वो शिक्षामित्र हो बी0टी0सी0 हो टेट हो अकादमिक हो उनमे इन पदों के लिए सबसे ज्यादा योग्य कौन है सबसे ज्यादा लम्बी लड़ाई किसने लड़ी है तो ये निर्विवाद रूप से सत्य है कि इन पदों के लिए सबसे योग्य लड़के बी0एड0टेट 2011 पास अभ्यर्थी है और कोर्ट ने टेट अकादमिक के विवाद को खत्म करते हुए कहा है कि टेट और अकादमिक मेरिट दोनों के पक्षधर योग्य है क्यों कि दोनों ने ncte की टेट परीक्षा पास की है ।।।।।।।।।। न्यायालय दोनों विज्ञापनों के विज्ञापित पदो को भरवाना चाहता है उसके बाद शिक्षामित्र को हटाने के बाद खाली हुए पद भी आप के है 2 मई को सभी टेट पास 82 से 90 तक का चयन होने जा रहा है यही न्याय है ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
उसके बाद जो भी पद बचेंगे वो बी0टी0सी0 और अन्य योग्य लोगो को मिलेंगे।।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।।। जज ने अंतरिम आदेशो को यथावत रखा है यानी अगर शिक्षामित्र बाहर नही होते है तो हमे नौकरी अंतरिम आदेशो पर याची के रूप में मिलेगी और अगर बाहर होते है तो फिर समस्त अंतरिम आदेश स्वतः निष्प्रभावी हो जायेगे और शिक्षामित्र के खाली हुए पद हमे मिल जाएंगे उन पदों को कोर्ट अतिशीघ्र भरवायेगी क्यों कि वे already created पद है और ऐसे पदों को तुरंत भरने का कानून है ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।। अब हम बात करते है शिक्षामित्रों की कि उनका क्या होगा ।।।। जब कोई ये पूछता है कि शिक्षामित्र बाहर जाएंगे कि नही तो ये बड़ी मूर्खतापूर्ण बात लगती है क्यों कि मैं कहता हूं वो अंदर ही कहा है वे तो पहले से ही बाहर है हाइकोर्ट की वृहद पीठ से ।।।।।।।।।और बृहद पीठ जिसे छोटा सुप्रीम कोर्ट कहते है जिसमे अन्य दो जजो के साथ स्वयं उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जो कि आज सुप्रीम कोर्ट में जज है और कानून जगत के कई रिकॉर्ड उनके नाम है माननीय चंद्रचूड़ सिंह उपस्थित थे सात दिनों की लंबी सुनवाई के बाद उनका समायोजन रदद हुआ है सारे नियम कानून पर चर्चा हुई है कोई मुजरा नही हुआ है और जब से भारत आज़ाद हुआ है आज तक कभी वृहद पीठ का फैसला सुप्रीम कोर्ट में चेंज नही हुआ है अतः चंद्रचूड़ सिंह जी के आदेश में कामा तक नही चेंज होगा यानी वो बाहर है ये अटल सत्य है ।।।।।।।।।।।। लेकिन चूँकि शिक्षामित्रों की अवैध नियुक्ति के लिए सरकार जिम्मेवार है अतः उनको निकाला तो जाएगा लेकिन कोर्ट उनको प्राकृतिक न्याय जिसकी अवधारणा मेनका गांधी पासपोर्ट विवाद से आई है के तहत ये निर्देश देगी की यदि सरकार चाहे तो कोई नया पद सृजित कर के इन्हें 10 से 15 हज़ार के मानदेय पर रख सकती है और सरकार किसी भी पार्टी की हो इतना बड़ा वोटबैंक कोई भी राजनीतिज्ञ ठुकराना नही चाहेगा अतः शिक्षामित्र भी होंगे लेकिन केयरटेकर के पद पर 12 या 15 हजार के मानदेय पर ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। केयरटेकर वे होंगे जो स्कूल की समस्त व्यवस्थाओ को देखेंगे विकलांग बच्चों को सीढिया चढ़ाएंगे भोजन की व्यवस्था और गुणवत्ता का ध्यान रखेंगे साफ सफाई में सक्रिय सहभागिता देंगे आदि ।।।।।
।।।।।।।।।।।।।। और हम चाहते भी नही कि किसी का चूल्हा बुझे हम चाहते है कि जिसने भी संघर्ष किया है कोई भी न्याय के मन्दिर से पूरी तरह निराश हो कर न लौटे सबको कुछ ना कुछ मिल जाय यही न्याय का सिद्धांत है और यही होने जा रहा है।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।फैसला ऐतिहासिक होगा अब अलग अलग राज्यो की अलग अलग नियमावलियां रदद कर के एक केंद्रीय नियमावली बनाई जाएगी जिसके शिक्षक भर्ती नियम भारत के सभी राज्यो पर समान रूप से लागू होंगे ।।।। जिससे राज्य सरकारें अब नियमावलियों में मनमाना और असंवैधानिक संसोधन नही कर सकेंगी क्यों कि ऐसे संसोधन ही मुकदमो को जन्म देते है और न्यायालय पर अनावश्यक मुकदमो का भार आ जाता है अखिलेश सरकार का 1981 बेसिक शिक्षा सेवा नियमावली में किया गया 15 वां और 16 संसोधन इसका ताजा उदाहरण है जिसके कारण हमें अपनी ही थाली को अपना सिद्ध करने में 5 साल लग गए।।।।।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।आप लोग ऐसे कंफ्यूज है कि पूछो मत आप बताइए टेट संघर्ष मोर्चा हाइकोर्ट से ले कर सुप्रीम कोर्ट तक अभी तक हारा कहा है हम हर जगह जीते है सिर्फ जीत ही हमारी किस्मत है लेकिन लम्बे संघर्ष के बाद।।।।।।।।।।।।।।।।। 90/105 के अंतरिम आदेश पर कोर्ट ने बस टिप्पणी की है ना कि भर्ती करने को कहा है भर्ती 2 मई को आने वाले फाइनल आदेश पर ही होगी ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। ये नौकरी 2011से ही हमारी थी बस लम्बे संघर्ष के बाद मिलनी थी सूरज अगर बादलो में छिप जाए तो इसका मतलब ये नही है कि सूरज गायब हो गया सूरज अब भी वहीं है बस बादलो से ढक गया है इसलिए दिखाई नही दे रहा बादल छटते है कभी जल्दी कभी देर से हमारे बादल 5 सालो में छटे है अब 2 मई को सूरज उगने को है और हम सभी के घर रौशन होने को है ।।।।।।
।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। कुछ खुद पर और कुछ ख़ुदा पर विश्वास रखे ।।।।।। सभी टेट पास को ये नौकरी मिलने जा रही है ।।।।। हम जीत की ओर है !!!!!!!! डेट कंटिन्यू है और न्याय का मंदिर सर्वश्रेष्ठ और प्राकृतिक न्याय करने जा रहा है ।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।।। जय भीम जयहिन्द जयभारत
sponsored links:
ख़बरें अब तक - 72825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती - Today's Headlines