UPTET : अब जब अंतिम आदेश आ चुका है तो चारों ओर मायूसी ही मायूसी क्यों : द्विवेदी विवेक

सुप्रभात ग्रुप!
पहले लोगों को बेचैनी थी कि अंतिम आदेश क्यों नही आ रहा, अब जब अंतिम आदेश आ चुका है तो चारों ओर मायूसी ही मायूसी है। उच्चतम न्यायालय के किसी भी आर्डर का विश्लेषण करने की योग्यता मुझमे नही है
परंतु मैं इतना कह सकता हूँ कि प्रथमदृष्टया यह आर्डर अपूर्ण प्रतीत होता है। इस आर्डर में बहुत सी महत्वपूर्ण बातों का जिक्र तक नही है। समय कठिन है परंतु विलाप करने से बेहतर है संघर्ष जारी रखा जाए और संघर्ष की कमान पूर्णरूप से अचयनितों को सौंप दी जानी चाहिए। अतिशीघ्र प्रत्येक जनपद में साथियों को इकट्ठा करके प्रत्येक जिला मुख्यालय पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर जिलाधिकारी महोदय एवं जनप्रतिनिधियों को सुप्रीम कोर्ट के अंतिम आदेश के अनुपालन में 72825 के नए विज्ञापन पर भर्ती के लिए ज्ञापन सौंपा जाना चाहिए एवं तत्पश्चात पूरी ताकत से लखनऊ में शक्तिप्रदर्शन की तैयारी करनी चाहिए। इसके साथ-2 किसी बेहतर वकील की राय से सुप्रीम कोर्ट में अंतिम आदेश के मॉडिफिकेशन के लिए रिव्यु पेटिशन दाखिल करने की तैयारी अतिशीघ्र करनी चाहिए। अब समय अहम के टकराव का नही है। सभी अचयनित अग्रणी साथी एक मंच पर आये और जिसको बाबा बनना हो उसको छोड़ दें। मुझसे जो भी सहयोग बन पड़ेगा करने को हमेशा तैयार हूँ। मेरा भी मन व्यथित है परंतु संघर्ष से पीछे नही हटा जा सकता है। प्रयास करते रहना ही है परिणाम चाहे कुछ भी हो।
धन्यवाद!
द्विवेदी विवेक
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