शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) की फर्जी मार्कशीट लगाकर जिले में नौकरी कर रहे 25 शिक्षकों पर बर्खास्तगी की तलवार लटक चुकी है। कार्रवाई के लिए बीएसए को सत्यापन रिपोर्ट का इंतजार है।
हालांकि वह इसके लिए खुद बोर्ड तक जा चुके हैं। कार्रवाई के दायरे में आए शिक्षकों को दो माह पहले नोटिस दिया जा चुका है।
कार्रवाई होने की सुगबुगाहट से शिक्षकों की नींद उड़ गई है।
जिले के 25 शिक्षकों की टीईटी की मार्कशीट आनलाइन सत्यापन में फर्जी मिली थी। इसकी रिपोर्ट मिलते ही तत्कालीन बीएसए दलश्रृंगार यादव ने फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। साथ ही इनका वेतन रोक दिया गया था। इससे शिक्षक बौखला गए थे। कई शिक्षकों ने जवाब दिया, लेकिन तत्कालीन बीएसए संतुष्ट नहीं थे। इसके बाद उनका तबादला हो गया। बीएसए महराज स्वामी ने कमान संभाली। कुछ दिनों तक इनके कार्यकाल में मामला ठंडा रहा, लेकिन फाइल सामने आते ही उन्होंने भी इस फर्जीवाड़े की जड़ खंगालनी शुरू कर दी। जिनको नोटिस दिया गया था उनकी बोर्ड से सत्यापन रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट न आने पर बीएसए महराज स्वामी खुद बोर्ड गए। वहां से हकीकत पता की। इसके बाद उनकी निगाह इस मामले में तिरछी हो गई। भीतरखाने उन्होंने शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। बीएसए दफ्तर में इसकी सुगबुगाहट शुरू हुई तो फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षक दोबारा बेचैन हो गए। हालांकि इनमें से कई शिक्षकों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है, लेकिन कुछ अभी भी स्कूल लगातार जा रहे हैं।
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पांच शिक्षक हो चुके हैं बर्खास्त
चार माह के भीतर पांच शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं। इनमें तीन शिक्षकों को फर्जी टीईटी व अंक पत्र में कूटरचना मिलने पर तत्कालीन बीएसए दलश्रृंगार यादव ने पांच मई को बर्खास्त किया था। इसके पहले एक शिक्षक को बर्खास्त किया गया था। हाल ही में बीएसए महराज स्वामी के निर्देश पर चायल में तैनात रहे शिक्षक को बर्खास्त किया गया है। सहायक अध्यापक पद पर समायोजित हुए एक शिक्षक को बर्खास्त कर रिपोर्ट लिखाई जा चुकी है।
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अंबेडकर विश्वविद्यालय के 55 शिक्षकों पर गिर सकती है गाज
डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से बीएड की डिग्री हासिल करने वाले 55 शिक्षकों पर भी कार्रवाई हो सकती है। वर्ष 2003-04 में बीएड की डिग्री हासिल कर नौकरी पाने वाले शिक्षक कार्रवाई के दायरे में हैं। जांच के लिए एसआईटी ने इनका ब्योरा बेसिक शिक्षा अधिकारी से मांगा था। ब्योरा एसआईटी को मिल चुका है। विश्वविद्यालय की चार हजार मार्कशीट फर्जी घोषित होने के बाद से 55 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना बढ़ गई है।
ऑनलाइन सत्यापन में 25 शिक्षकों की टीईटी की मार्कशीट फर्जी मिली है। सत्यापन के लिए अभिलेख बोर्ड को भेजे गए हैं। कार्रवाई के लिए रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट आते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
महराज स्वामी
बीएसए
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हालांकि वह इसके लिए खुद बोर्ड तक जा चुके हैं। कार्रवाई के दायरे में आए शिक्षकों को दो माह पहले नोटिस दिया जा चुका है।
कार्रवाई होने की सुगबुगाहट से शिक्षकों की नींद उड़ गई है।
जिले के 25 शिक्षकों की टीईटी की मार्कशीट आनलाइन सत्यापन में फर्जी मिली थी। इसकी रिपोर्ट मिलते ही तत्कालीन बीएसए दलश्रृंगार यादव ने फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। साथ ही इनका वेतन रोक दिया गया था। इससे शिक्षक बौखला गए थे। कई शिक्षकों ने जवाब दिया, लेकिन तत्कालीन बीएसए संतुष्ट नहीं थे। इसके बाद उनका तबादला हो गया। बीएसए महराज स्वामी ने कमान संभाली। कुछ दिनों तक इनके कार्यकाल में मामला ठंडा रहा, लेकिन फाइल सामने आते ही उन्होंने भी इस फर्जीवाड़े की जड़ खंगालनी शुरू कर दी। जिनको नोटिस दिया गया था उनकी बोर्ड से सत्यापन रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट न आने पर बीएसए महराज स्वामी खुद बोर्ड गए। वहां से हकीकत पता की। इसके बाद उनकी निगाह इस मामले में तिरछी हो गई। भीतरखाने उन्होंने शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। बीएसए दफ्तर में इसकी सुगबुगाहट शुरू हुई तो फर्जीवाड़ा करने वाले शिक्षक दोबारा बेचैन हो गए। हालांकि इनमें से कई शिक्षकों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है, लेकिन कुछ अभी भी स्कूल लगातार जा रहे हैं।
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पांच शिक्षक हो चुके हैं बर्खास्त
चार माह के भीतर पांच शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं। इनमें तीन शिक्षकों को फर्जी टीईटी व अंक पत्र में कूटरचना मिलने पर तत्कालीन बीएसए दलश्रृंगार यादव ने पांच मई को बर्खास्त किया था। इसके पहले एक शिक्षक को बर्खास्त किया गया था। हाल ही में बीएसए महराज स्वामी के निर्देश पर चायल में तैनात रहे शिक्षक को बर्खास्त किया गया है। सहायक अध्यापक पद पर समायोजित हुए एक शिक्षक को बर्खास्त कर रिपोर्ट लिखाई जा चुकी है।
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अंबेडकर विश्वविद्यालय के 55 शिक्षकों पर गिर सकती है गाज
डॉ. बीआर अंबेडकर यूनिवर्सिटी से बीएड की डिग्री हासिल करने वाले 55 शिक्षकों पर भी कार्रवाई हो सकती है। वर्ष 2003-04 में बीएड की डिग्री हासिल कर नौकरी पाने वाले शिक्षक कार्रवाई के दायरे में हैं। जांच के लिए एसआईटी ने इनका ब्योरा बेसिक शिक्षा अधिकारी से मांगा था। ब्योरा एसआईटी को मिल चुका है। विश्वविद्यालय की चार हजार मार्कशीट फर्जी घोषित होने के बाद से 55 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई होने की संभावना बढ़ गई है।
ऑनलाइन सत्यापन में 25 शिक्षकों की टीईटी की मार्कशीट फर्जी मिली है। सत्यापन के लिए अभिलेख बोर्ड को भेजे गए हैं। कार्रवाई के लिए रिपोर्ट का इंतजार है। रिपोर्ट आते ही कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
महराज स्वामी
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