जानिए कैसे बदल गई 'योगीराज' में बदहाल सरकारी स्कूलों की तस्वीर

यूपी में योगी सरकार ने कमान संभालते ही कई बार अलग-अलग मंच से शिक्षा विभाग की बदहाली का मुद्दा उठाया गया. लेकिन सिर्फ 6 महीने के कार्यकाल में ही सरकार ने शिक्षा विभाग में बड़े सुधार किए हैं.
इतना ही नहीं अपने बजट में भी सरकार ने दिखा दिया कि शिक्षा उसकी प्राथमिकता में है.

बता दें, कि साल 2016-17 में शिक्षा विभाग का बजट 49,807 करोड़ रुपये का था. जबकि योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2017-18 में शिक्षा विभाग का बजट बढ़ाकर 62,350.78 करोड़ रुपये कर दिया. सीएम योगी आदित्यनाथ ने सरकार आते ही सरकार के प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की यूनिफॉर्म बदलने की बात कही.

बच्चों को मिले जूते-मोजे और स्वेटर

आज बच्चे स्कूलों में होमगार्ड जैसी ड्रेस नहीं बल्कि कॉन्वेंट स्कूल के बच्चों जैसी यूनिफॉर्म में नजर आ रहे हैं. खुद सीएम योगी ने 1 जुलाई को स्कूल चलो अभियान की शुरू करने के साथ ही खूब पढ़ो, खूब बढ़ो का नारा दिया था. इसके अलावा बच्चों को इस साल से जूते-मोजे और स्वेटर देने की भी योजना शुरू की गई है.

कॉन्वेंट जैसी यूनिफॉर्म

पिछले साल स्कूलों में बच्चों की किताबें पहुंचने का सिलसिला दिसंबर-जनवरी तक चला. लेकिन इस साल बच्चों को सभी टेक्सट बुक मिल चुकी हैं. इन 6 महीनें में शिक्षा विभाग की एक बड़ी उपलब्धि 5 साल से सरकारी स्कूलों में गिर रहे छात्र पंजीकरण को संभालना भी रही. पिछले 5 सालों में प्राइमरी और अपर प्राइमरी स्कूलों में करीब 23 लाख छात्र कम हुए थे.

सरकारी स्कूलों में बढ़े बच्चे

लेकिन इस साल स्कूल चलो अभियान के दौरान करीब 7.39 लाख छात्रों का पंजीकरण हुआ है. पिछले साल की तुलना इस साल 1,54,243 छात्र इन स्कूलों में बढ़े हैं. इसके अलावा तकनीकी शिक्षा में 101 से अधिक परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन हुआ तो उच्च और माध्यमिक शिक्षा पर भी सरकार का पूरा ध्यान रहा है.

वाईफाई से जोड़ने की योजना

एक तरफ जहां डिग्री कॉलेजों में वाईफाई के लिए बजट दिया गया है. वहीं शोधपीठ बनाने के लिए भी बजट रखा गया. हालांकि इन सबके बावजूद शिक्षा विभाग के सामने अभी कई चुनौतियां हैं. मुद्दा चाहे शिक्षामित्रों को हो या बीटीसी-टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों का.

शिक्षामित्रों के मामले में सरकार ने निर्णय भले ही ले लिया हो लेकिन अब उनके कार्य बहिष्कार के चलते स्कूलों में शिक्षा व्यवस्था चरमार रही है. हालांकि कुल मिलाकर शिक्षा विभाग के लिए योगी सरकार के 6 महीने काफी अच्छे रहे हैं.
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