शिक्षामित्रों पर ‘लाठीचार्ज लोकतंत्र का मजाक’

एटा: शुक्रवार को एटा में प्रदेश के मंत्री को ज्ञापन देने की मांग पर अड़े शिक्षामित्रों पर हुए लाठीचार्ज के बाद शिक्षक संगठनों ने जहां निंदा की है। वहीं राजनैतिक दलों के नेताओं ने भी घटनाक्रम को लोकतंत्र का मजाक
बताया है। शिक्षामित्रों पर की गई फायरिंग और लाठीचार्ज की घटना निंदनीय है।
शिक्षा जगत से जुड़े लोगों का इस सरकार में यह हाल होगा यह बात शिक्षकों ने नहीं सोची होगी। बार-बार शिक्षामित्रों को आश्वासन देकर वाहवाही लूटने के बाद जब सरकार उन्हें संतुष्ट नहीं कर सकी तो उनकी आवाज को दबाने के लिए इस तरह का घटिया कदम उठाया जा रहा है।1गुमान सिंह यादव, प्रदेश उपाध्यक्ष शिक्षक संघ 1अब तक शिक्षामित्र शांतिप्रिय ढंग से आंदोलन कर रहे हैं। यदि उन्हें उग्रता ही दिखानी होती तो दो बार सरकार के आश्वासन पर आंदोलन स्थगित नहीं करते। सरकार को उन्हें न्याय देने के लिए विचार करना चाहिए। आज जो हालात हैं वह राजनीति ने ही उत्पन्न किए हैं। एक सरकार ने उन्हें बड़े सपने दिखाए और अब दूसरी सरकार में उन्हें न्याय नहीं मिल पा रहा। घटना शिक्षा क्षेत्र के लिए कलंक है। 1मनोज तिवारी, जिलाध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ, एटा1शिक्षामित्रों की गलती इतनी थी कि वह अपनी पीड़ा मंत्री को सुनाना चाहते थे। निहत्थे ही मिलने पहुंचे, लेकिन इस तरह का हश्र किया जाएगा यह किसी को नहीं मालूम था। घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। महिलाओं पर इस तरह का कहर कतई उचित नहीं। संगठन घटना की निंदा करते हुए मांग करता है कि सरकार उन्हें न्याय दे। 1वीरपाल सिंह, जिलामंत्री प्राथमिक संघ, एटा 1योगी सरकार में यह सब क्या हो रहा है। इसे देख जनता हैरान है। न्याय मांगने वालों पर अब तो हर रोज लाठियां बरसाई जा रही हैं। सपा सरकार ने शिक्षामित्रों के लिए उनके उज्ज्वल भविष्य को समायोजन किया। लाठीचार्ज की घटना साफ करतीं हैं कि प्रदेश में अपनी बात कहने का भी अधिकार लोगों को नहीं रहा है। लोकतंत्र का खुलेआम गला घोंटा जा रहा है। सपा अब भी शिक्षामित्रों के साथ है। 1अशरफ हुसैन, जिलाध्यक्ष सपा, एटा 1शिक्षामित्रों के साथ हुई घटना काफी दुखद है। ऐसी स्थिति के लिए प्रदेश सरकार ही जिम्मेदार है। जो कुछ शहर में शिक्षामित्रों के साथ घटित हुआ है, उससे आम जनता की नजर में भी सरकार की हकीकत सामने आ गई है। 1अखिलेश दिनकर ,जिलाध्यक्ष बसपा ।

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