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तो इसलिए शिक्षामित्रों ने ठुकराया योगी सरकार का प्रस्ताव

शिक्षामित्रों के लिए बड़ा फैसला लेते हुए योगी सरकार ने शिक्षामित्रों का मानदेय 3500 रुपये से बढ़ाकर 10 हजार रुपये प्रति माह कर दिया है।
बता दें सीएम योगी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मानदेय बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। लेकिन इस फैसले को भी मानने से अब शिक्षामित्रों ने इंकार कर दिया है। दरअसल फैसले को लेकर आदर्श समायोजित शिक्षामित्र समिति का कहना है कि उन्‍हें ये स्वीकार नहीं है। प्रदेश नेतृत्व रणनीति बना रहा है। इसके बाद में आंदोलन करके फिर से विरोध जाहिर किया जाएगा।
इसके अलावा समिति का दावा है कि योगी सरकार की तरफ से दो बार इसके संबंध में मुलाकात हुई, लेकिन किसी भी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं हुआ। लाखों शिक्षामित्रों के साथ में वादाखिलाफी की गई है। शिक्षामित्रों का कहना है कि समान कार्य और समान वेतन से नीचे उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है। ये मेरिट अंकों से तय की जाए, ना कि ग्रेड सिस्टम से।

आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के मंडल मंत्री दुष्यंत के मुताबिक, उनके साथ धोखा करने वाली एक सरकार जा चुकी है। बीजेपी सरकार भी अब जले पर नमक छिड़क रही है, लेकिन वे अपना हक लेकर रहेंगे। शासन को जल्द से जल्द उनकी मांग पूरी करनी चाहिए। उन्‍होंने कहा कि सरकार से इस मामले में दो मांगें रखी गई हैं। पहली कि अदालत के फैसले के खिलाफ अध्यादेश लाया जाए। इसके अलावा जब तक अध्यादेश नहीं आ जाता है, तब तक सभी को समान वेतन मुहैया कराया जाए। इन दोनों पर कुछ नहीं हुआ और अगर वादाखिलाफी की गई तो शिक्षा मित्र आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे।
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