तो फिर आंदोलन की राह में आए शिक्षा मित्र

जागरण संवाददाता, फतेहपुर : 10 हजार रुपए का मानदेय और मूल तैनाती वाली जगह में वापसी की सरकार की घोषणा शिक्षामित्रों को रास नहीं आई है। घोषणा के दूसरे दिन शिक्षामित्रों ने दरी बिछाकर आवाज बुलंद की।
शिक्षामित्रों ने सरकार पर आरोप लगाया कि कई चक्र की वार्ता में सरकार द्वारा भरी गई हामी दिखाई नहीं दे रही है। महज 10 हजार रुपए मासिक मानदेय का ऐलान करके शिक्षामित्रों के छलने का काम किया गया है।
आदर्श समायोजित शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष विजय ¨सह गौर एवं मंत्री शिव कुमार यादव की अगुवाई में बुधवार को बैठक दिया गया। नहर कॉलोनी मैदान में जिले भर से आए शिक्षामित्रों ने आवाज बुलंद की। जिलाध्यक्ष श्री गौर ने कहाकि 5 सितंबर को सीएम योगी ने जो घोषणा की है वह हमारे संगठन को मान्य नहीं है। प्रदेश सरकार के इस मसौदे हो हम सिरे से खारिज करते हैं। संगठन और अपर मुख्य सचिव राज प्रताप ¨सह ने 5 बार वार्ता हुई। जिसमें समान कार्य समान वेतन, पैरा 4 में संशोधन कर नौवीं अनुसूची में शामिल करते हुए टेट से छूट दिया जाना, आश्रम पद्धति से शिक्षक पर समायोजित करना, खुली भर्ती हेतु 2.5 अंक प्रति वर्ष का भारांक अधिकतम 25 अंक देने की बात तय हुई थी लेकिन सरकार ने ऐसा कुछ भी नहीं किया है। महामंत्री श्री यादव ने कहाकि शिक्षामित्र कार्य बहिष्कार करते हुए स्कूल न जाकर नहर कॉलोनी में धरना देंगे। डंडे में तिरंगा झंडा लगाकर हर शिक्षामित्र प्रतिभाग करेगा। इस मौके पर भारी संख्या में पुरुष एवं महिला शिक्षामित्र रहे।
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