मुरादाबाद: सूबे में शिक्षामित्रों का धरना एक बार फिर शुरू हो गया है। करीब दो सप्ताह से शांत बैठे शिक्षामित्र आज फिर सड़कों पर उतर आये। दरअसल पिछले दिनों लखनऊ में प्रदर्शन के दौरान सीएम योगी से वार्ता के बाद शिक्षामित्र काम पर लौट आये थे।
दरअसल जुलाई के अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों की नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताते हुए निरस्त कर दिया था और इन्हें मूल पद पर वापस भेजने को कहा। जिसके बाद शिक्षामित्र योगी सरकार पर दवाब बनाने के लिए सड़कों पर उतर आये और जिला स्तर से लेकर राजधानी लखनऊ तक घेराव किया। वहीं सरकार ने भी शिक्षामित्रों के संगठनों से कई दौर की वार्ता की। जिसमें सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नहीं जाएगी। यही नहीं सरकार ने सभी शिक्षामित्रों से शिक्षण कार्य पर लौटने की अपील भी की।
यहां बता दें कि इस दौरान कई जगह शिक्षामित्रों का आन्दोलन हिंसात्मक हो गया। वहीं मुरादाबाद में भी शिक्षामित्रों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था और मंगलवार को सरकार के मानदेय ऐलान के बाद शिक्षामित्र आज फिर से सड़कों पर उतर आये हैं। इनकी एक ही मांग है कि उन्हें फिर से सहायक अध्यापक पद पर बहाल किया जाए वर्ना शिक्षामित्र कोई कदम उठाने को बाध्य हो जाएंगे।
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दरअसल जुलाई के अंतिम सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में शिक्षामित्रों की नियुक्ति को नियम विरुद्ध बताते हुए निरस्त कर दिया था और इन्हें मूल पद पर वापस भेजने को कहा। जिसके बाद शिक्षामित्र योगी सरकार पर दवाब बनाने के लिए सड़कों पर उतर आये और जिला स्तर से लेकर राजधानी लखनऊ तक घेराव किया। वहीं सरकार ने भी शिक्षामित्रों के संगठनों से कई दौर की वार्ता की। जिसमें सरकार ने स्पष्ट कर दिया था कि वो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ नहीं जाएगी। यही नहीं सरकार ने सभी शिक्षामित्रों से शिक्षण कार्य पर लौटने की अपील भी की।
यहां बता दें कि इस दौरान कई जगह शिक्षामित्रों का आन्दोलन हिंसात्मक हो गया। वहीं मुरादाबाद में भी शिक्षामित्रों ने सड़क जाम कर प्रदर्शन किया था और मंगलवार को सरकार के मानदेय ऐलान के बाद शिक्षामित्र आज फिर से सड़कों पर उतर आये हैं। इनकी एक ही मांग है कि उन्हें फिर से सहायक अध्यापक पद पर बहाल किया जाए वर्ना शिक्षामित्र कोई कदम उठाने को बाध्य हो जाएंगे।
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