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हजारों की संख्या में काशी पहुंचे शिक्षामित्र, क्या हो पायेगी पीएम मोदी से मुलाकात?

वाराणसी (ब्यूरो)- पीएम नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में आगमन के दौरान शिक्षामित्र बड़ी समस्या बन सकते हैं। अन्य जिलों से हजारों की संख्या में शिक्षामित्रों के बनारस पहुंच चुके हैं।
बीएसए बीसी चौधरी ने भी विद्यालयों में शिक्षामित्रों की उपस्थिति को लेकर शिकंजा कस दिया है। बीएसए ने स्पष्ट कर दिया है कि २२ व २३ सितम्बर को विद्यालयों में शिक्षामित्रों की शतप्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करायी जाये। अनुपस्थित रहने वाले शिक्षामित्रों का सारा ब्यौरा शासन को उपलब्ध कराया जाये।
पुलिस प्रशासन के लिए शिक्षामित्रों का आंदोलन अब परेशानी का सबब बन चुका है। पीएम मोदी से मिलने के लिए शिक्षामित्रों ने काफी प्रयास किया है, लेकिन अभी तक प्रशासनिक स्तर पर यह सुनिश्चित नहीं हो पाया है कि पीएम मोदी से शिक्षामित्र मिल पायेंगे कि नहीं। सूत्रों की माने तो प्रशासन के अधिकारी भी चाहते है कि पीएम मोदी से शिक्षामित्रों के प्रतिनिधिमंडल की भेंट हो जाये। पीएम मोदी से भेंट करने के लिए पीएमओ व एसपीजी की भी अनुमति लेनी होती है इसलिए यह तय नहीं है कि पीएम मोदी से शिक्षामित्रों की भेंट हो पायेगी। पीएम मोदी के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ भी होंगे। इन परिस्थितियों में पीएम मोदी की सभा में शिक्षमित्र किसी तरह का हंगामा करते हैं तो जिला प्रशासन की किरकिरी होनी तय है।
शिक्षामित्रों को मिलेगा मौका तो अवश्य करेंगे पीएम मोदी से मुलाकात
पीएम मोदी से मिलने की अधिकारिक अनुमति मिल जाती है तो शिक्षामित्रों का प्रतिनिधिमंडल अपनी समस्या से पीएम को अवगत करा सकता है। सूत्रों की माने तो पीएम मोदी से मिलने के लिए शिक्षामित्रों ने सारी तैयारी कर ली है। शिक्षामित्रों को जहां भी मौका मिलेगा वह पीएम मोदी से मुलाकात करने का प्रयास करेंगे। शिक्षामित्रों ने इसके लिए महिला सहयोगियों को भी बुला लिया है, जिससे स्थानीय प्रशासन उन्हें पीएम से मिलने से नहीं रोक पाये।

जानिए पीएम मोदी से शिक्षामित्र क्यों मिलना चाहते हैं
पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बेसिक स्कूलों में शिक्षामित्रों का समायोजन सहायक अध्यापक पद पर कर दिया था बाद में यह प्रकरण हाईकोर्ट व सुप्रीमकोर्ट में पहुंचा था और दोनों ही जगहों से समायोजन निरस्त हो चुका है। इसके बाद सीएम योगी ने शिक्षामित्रों को १० हजार रुपये मानदेय देने का आदेश जारी किया है। शिक्षामित्रों को फिर से सहायक अध्यापक पद पर नियुक्त होने के लिए टीईटी पास करना अनिवार्य है, जबकि शिक्षामित्रों की मांग है कि उन्हें बिना टीईटी पास किये ही सहायक अध्यापक पद पर समायोजन कर दिया जाये। इसके चलते ही वह पीएम नरेन्द्र मोदी से मिलना चाहते हैं।
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