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मिड-डे मील के कुक के लिए अनिवार्य होगी ट्रेनिंग, केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को लिखा पत्र: इस तरह मिलेगी ट्रेनिंग

देशभर के सरकारी स्कूलों में दोपहर का भोजन (मिड-डे मील) अब पौष्टिक और स्वच्छ होगा। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को पत्र लिखकर मिड-डे मील बनाने वाले सभी 25.38 लाख कुक को ट्रेनिंग देने का निर्देश दिया है।
कुक को यह प्रशिक्षण पर्यटन मंत्रालय से जुड़े संस्थानों से दिलाया जाएगा जिनकी सूची भी जारी कर दी गई है।
केंद्र सरकार की संयुक्त सचिव रीता चटर्जी की ओर से राज्य सरकारों को पत्र भेजा गया है। पत्र में लिखा है कि देशभर के सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के करीब 12.12 लाख स्कूलों में 10.54 करोड़ छात्रों को मिड-डे-मील का परोसा जाता है।

लेकिन अक्सर इस खाने में पौष्टिक तत्वों की कमी और साफ-सफाई पर सवाल उठते हैं। लिहाजा सभी कुक को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि खाना बनाने के दौरान पौष्टिक तत्व बरकरार रहे और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा जा सके।

- ट्रेनर का आठवीं पास होना अनिवार्य
 सरकार का कहना है कि सभी कुक को ट्रेनिंग सेंटर तक पहुंचाना मुश्किल है। इसलिए राज्य 30-30 कुक के ग्रुप में ट्रेनिंग करवाएं, जो ट्रेनर के रूप में आगे अन्य कुक को जाकर ट्रेनिंग दे सकें। हालांकि जो भी ट्रेनर चुने जाएं, उन्हें आठवीं पास होना अनिवार्य है। ट्रेनिंग के बाद उक्त ट्रेनर कुक की परीक्षा भी ली जाए। यदि कोई पास नहीं होता है तो उसे फिर से ट्रेनिंग दिलाई जाए।

इस तरह मिलेगी ट्रेनिंग
- खाना बनाने से पहले हाथ धोना। दाल, चावल व सब्जी बनाने से पहले उसे साफ कर धोना।
- खाना बनाने में साफ पानी का इस्तेमाल और उसे ढंक कर रखना ताकि चूहा, छिपकली आदि उसमें न गिरे।
- खाना बनाने के दौरान पौष्टिकता खत्म न हो, इसका पूरा ख्याल रखना।
- ऐसे मेन्यू बनाना, जो छात्रों के शारीरिक व मानसिक विकास में सहायक हो। साथ ही बच्चे भी खुशी-खुशी उस खाने के लिए तैयार हों।

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