उन्नाव. बीएड की फर्जी
डिग्री की हो रही जांच ने दोषियों की नींद उड़ा दी है। फर्जी बीएड डिग्री की
जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी की जांच को देखते हुये फर्जी प्रमाणपत्र के
आधार पर नौकरी कर रहे शिक्षक अभी भी विभागीय अधिकारियों को साध कर बीच का
रास्ता निकालने का प्रयास कर रहे हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी एसआईटी द्वारा
मांगे गये सवालों के जबाव देने में समय लगा रहा है। एसआईटी द्वारा मांगे
गये सवालों के जबाव न देने पर शिक्षा परिषद ने लापरवाह खंड शिक्षाधिकारी के
विषय में जानकारी मांगी है। जिनके खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती है।
2004-05 की डिग्री को बताया जा रहा है फर्जी
डा. भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा
से 2004-05 बीएड करने वाले डिग्री की जांच एसआईटी कर रही है। बताया जाता है
कि उपरोक्त विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्री लगाकर काफी संख्या में शिक्षक
परिषदीय विद्यालय में नौकरी कर रहे हैं। जिसका खुलासा होने पर शिक्षा परिषद
ने एसआईटी जांच बैठा दी है। जिसके बाद विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। फर्जी
डिग्री के दम पर नौकरी कर रहे शिक्षक खंड शिक्षा अधिकारी को साधने में लगे
हैं। एसआईटी ने खंड शिक्षा अधिकारियों से जांच से सम्बंधित कुछ जानकारियां
मांगी हैं। जिसे बीईओ देने में सोच समझकर लापरवाही कर रहे है। बीईओ की
लापरवाही शिक्षा परिषद को नागवार गुजर रही है। अपने आदेशों की अनदेखी करने
वाले खंड शिक्षा अधिकारी को चिन्हित करने का काम शुरू किया गया है।
शिक्षा परिषद और एसआईटी को नहीं मिल रही है जानकारी
एसआईटी और उत्तर प्रदेश शिक्षा परिषद के
द्वारा मांगी जा रही जानकारी को नहीं दी जा रही है। जबकि एसआईटी ने ऐसे 13
नामों की सूची बेसिक शिक्षा कार्यालय को भेज कर उनके विषय में आवश्यक
जानकारी मांगी है। साथ ही फर्जी डिग्री से नौकरी कर रहे शिक्षकों को भी
नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण मांगा गया है। विभाग से मिली जानकारी के अनुसार
बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा खंड शिक्षा अधिकारी से प्राप्त
जानकारी को शिक्षा परिषद भेजना है। परंतु अभी तक 14 विकासखंडो ने यह
जानकारी बीएसए ऑफिस को उपलब्ध कराई है। शेष 3 खंड शिक्षा अधिकारियों से
जानकारी नहीं मिल पाई है। जानकारी नहीं देने वाले विकासखंडों में असोहा,
सुमेरपुर, पूरवा विकासखंड शामिल है। इसके अतिरिक्त बीघापुर, बांगरमऊ,
बिछिया, औरास, हिलोली, गंज मुरादाबाद, सफीपुर, नवाबगंज आदि विकासखंड शक्ति
के बाद पूछे गए सवालों के जवाब दे दिए है। गौरतलब हैखंड शिक्षा अधिकारियों
द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत ना करने के कारण बी एस ए कार्यालय को शिक्षा
परिषद तक रिपोर्ट पहुंचाने में विलंब हो रहा है। शिक्षा परिषद ने अब ऐसे
खंड शिक्षा अधिकारियों को चिन्हित करने का काम शुरू किया है। जिससे उनके
खिलाफ कार्रवाई की जा सके।
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