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शिक्षा विभाग में लिखी महाघोटाले की किताब

 ज्योत्यवेंद्र दुबे, मैनपुरी: बीएड की फर्जी डिग्री को लेकर परिषदीय शिक्षकों में खलबली से शिक्षा विभाग की उस किताब के पन्ने फिर पलटने को फड़फड़ाने लगे हैं जिसमें टेट के फर्जी प्रमाण पत्र के बूते तमाम ने नौकरी हथिया लीं।
इस किताब की प्रस्तावना पढ़ते ही जिले में 31 शिक्षकों को बर्खास्त तो कर दिया गया। मगर, रैकेट के लंबे हाथों ने उन्हें कानूनी शिकंजे में नहीं फंसने दिया। इतना नहीं, इससे पहले इस महाघोटाले के पन्ने और पलटे जाते, कार्रवाई करने वाले तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी रामकरन का तबादला ही करा दिया गया।
बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षक की नौकरी के लिए वर्ष 2010 तक केवल मेरिट पर चयन होता था। इसके बाद टेट(टीचर एप्टीट्यूड टेस्ट) होने लगा। तमाम आवेदक इसी टेट को उत्तीर्ण करने के बाद शिक्षक बन गए। प्रदेश भर में करीब 16000 शिक्षकों में से मैनपुरी जिले में इस दौर में 228 शिक्षक भर्ती हुए थे। शिक्षकों की ये भर्ती तीन चरणों में की गई थी। नियमानुसार, वेतन आहरण से पहले ऐसे नवनियुक्त शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन होना चाहिए था। मगर विभागीय कार्यालय तक पैंठ बना चुके रैकेट ने ये सत्यापन कराए बगैर ही वेतन आहरित करवा दिया।
इसी बीच बेसिक शिक्षा अधिकारी रामकरन की तैनाती हुई। एक शिकायत पर उन्होंने सुल्तानगंज क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय में तैनात अजय उपाध्याय के अभिलेखों की जांच कराई। इनके टेट के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए। बीएसए ने अजय को बर्खास्त कर दिया। साथ ही अन्य शिक्षकों के अभिलेखों की भी जांच कराई। इस जांच में जिले के 30 अन्य शिक्षक भी बेनकाब हो गए। इन्हें भी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
नौकरी के लिए फर्जीवाड़ा करने वाले रैकेट में इस कार्रवाई से खलबली मच गई। बीएसए रामकरन के तेवर भांप रैकेट ने दूसरा ही रास्ता अपनाया। अपने संबंधों का इस्तेमाल कर इसी 6 जुलाई को उनका तबादला करा दिया। इसके साथ ही टेट के अभिलेखों की जांच की फाइल भी बंद कर दी गई। फर्जी बीएड डिग्री को लेकर मची खलबली को लेकर जानकारों का कहना है कि टेट के अभिलेखों की जांच कराई जाए तो तमाम शिक्षक भी बेनकाब हो जाएंगे।
इनके टीईटी प्रमाण पत्र निकले थे फर्जी
नाम- तैनाती
वीरपाल ¨सह- प्रा. वि. रंपुरा, किशनी
विकास चंद्र-प्रा. वि. प्रहलादपुर, बरनाहल
चंद्रकांत- प्रा. वि. मनिगांव, किशनी
राजीव कुमार-प्रा. वि. मोटा, बेवर
उपेंद्र ¨सह-प्रा. वि. सैयदपुर कैहरी, बरनाहल
ऊषा-प्रा. वि. शाहजहांपुर, घिरोर
शीला देवी-प्रा. वि. नगला मूंज, बरनाहल
हरवेंद्र ¨सह-प्रा. वि. नगरिया चितायन, किशनी
नवनीत कुमार-प्रा. वि. शहजादापुर, बरनाहल
योगेश कुमार-प्रा. वि. शाहपुर, सुल्तानगंज
रामकुमार-प्रा. वि. नगला झील, घिरोर
सर¨वद्र कुमार-प्रा. वि. अकबेलपुर, सुल्तानगंज
विनोद ¨सह-प्रा. वि. रसूलपुर, बरनाहन
दिलीप कुमार-प्रा. वि. बरधनियां, सुल्तानगंज
संजय कुमार-प्रा. वि. नगला रामा, घिरोर
अशीष यादव-प्रा. वि. तिरकारा दौलतपुर, बरनाहल
सुरेखा-प्रा. वि. सजावारपुर, बरनाहल
विनोद कुमार-प्रा. वि. परसादपुर हरगनपुर, सुल्तानगंज
सुनील कुमार-प्रा. वि. तेजपुरा, सुल्तानगंज
अनुरुद्ध कुमार-प्रा. वि. नगला रामा, घिरोर
मोहित यादव-प्रा. वि. कन्हूपुर, किशनी
देवंद्र ¨सह भिड़वार-प्रा. वि. नगला मंगली, सुल्तानगंज
राजकुमार-उ. प्रा. वि. वसैत, किशनी
अंजली राय-उ. प्रा. वि. बिछवां, सुल्तानगंज
अभिषेक कुमार-उ. प्रा. वि. लौंगपुर, बरनाहल
रमेश यादव-उ. प्रा. वि. ईसई खास, कुरावली
राजकुमारी-उ. प्रा. वि. शास्त्रीनगर, सुल्तानगंज
पूनम यादव-उ. प्रा. वि. तालिबपुर, घिरोर
प्रवेंद्र कुमार-उ. प्रा. वि. पहाड़पुर, किशनी
देवेश शर्मा-उ. प्रा. वि. अचलपुर, घिरोर
अमित उपाध्याय-सुल्तानगंज।
बॉक्स
क्या कहते हैं बीएसए
फर्जी शिक्षकों की अभी पहचान कराई जा रही है। इसके बाद ये जांच की जाएगी कि विभाग के किस लिपिक ने दस्तावेज सत्यापित किए थे। उनकी क्या भूमिका था। तब कार्रवाई की जाएगी।

विजय प्रताप ¨सह, बीएसए।
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