NCTE टीचर्स ट्रेनिंग के नियमों में बड़ा बदलाव, एडमिशन लेने से पहले जानें ये जरूरी बात

लखनऊ. पत्रिका उत्तर प्रदेश की खबर सच साबित हुई। पत्रिका ने बहुत पहले बता दिया था कि अब शिक्षक बनना आसान नहीं होगा। पत्रिका के इस खबर पर केंद्र सरकार ने भी मुहर लगा दी है।
उप्र की योगी आदित्यनाथ सरकार ने केंद्र के फैसले के बाद शिक्षा का स्तर बढ़ाने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार अब कोई भी संस्थान मनमाने तरीके से टीचर्स ट्रेनिंग से जुड़े कोर्स संचालित नहीं कर सकेगा। इसके लिए उन्हें एनसीटीई (NCTE) की अनुमति लेनी जरूरी होगी। केंद्र सरकार के इस नए दिशा निर्देश के दायरे में राज्य और केंद्रीय विश्वविद्यालय सहित टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स चलाने वाले केंद्र व राज्य सरकार से जुड़े सभी संस्थान आएंगे।

NCTE को मिली और ताकत

केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण से जुड़े संशोधन बिल को मंजूरी दे दी है। इसे संसद के आने वाले सत्र में पेश किया जाएगा। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (HRD Ministry) ने जो ड्राफ्ट तैयार किया है उसके मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षक प्रशिक्षण (संशोधन) बिल से एनसीटीई को और ज्यादा अधिकार मिल जाएगा। इसके अलावा बगैर एनसीटीई की अनुमति के टीचर्स ट्रेनिंग कोर्स संचालित कर रहे संस्थानों को पिछली तारीखों से वैधता देने का भी विकल्प दिया गया है, ताकि पहले पढ़ाई कर चुके और मौजूदा समय में पढ़ाई कर रहे छात्रों के भविष्य पर इसका कोई असर न पड़े।

टीचर्स ट्रेनिंग दे रहे सभी संस्थान आएंगे दायरे में

उप्र के शिक्षा विभाग से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि नए नियम के बाद Teachers Training कोर्स संचालित कर रहे सभी संस्थानों को एनसीटीई के सामने अनुमति के लिए आवेदन करना होगा। हालांकि, इसके पहले ही NCTE ने देश भर के सभी विश्वविद्यालयों और टीचर्स ट्रेनिंग देने वाले संस्थानों को अनुमति लेने के भी निर्देश दिए थे। बावजूद इसके उत्तर प्रदेश और देश के तमाम ऐसे विश्वविद्यालय और संस्थान हैं, जिन्होंने अभी तक टीचर्स ट्रेनिंग कोर्सो की अनुमति नहीं ली है। काउंसिल ने ऐसे सभी संस्थानों को एक और मौका देते हुए उन्हें जल्द से जल्द इसकी अनुमति के लिए आवेदन करने को कहा है। मौजूदा समय में टीचर्स ट्रेनिंग से जुड़े कोर्सो की संचालन प्रदेशभर में अलग-अलग स्तरों पर किया जा रहा है। इनमें बीएड-डीएड जैसे कोर्सो का संचालन विश्वविद्यालय कर रहे हैं, जबकि बीटीसी जैसे कोर्सों का संचालन राज्य सरकार द्वारा जिला स्तर पर किया जा रहा है। बदलाव के तहत इन सभी को एनसीटीई से अनुमति लेनी होगी।

यूपी सरकार ने कसी कमर


उत्तर प्रदेश में तमाम ऐसे कई संस्थान संचालित किये जा रहे हैं जिसमें शिक्षकों की ट्रेनिंग दी जाती थी। लेकिन, कई ऐसे थे जो एनसीटीई से मान्यता प्राप्त नहीं थे। अब स्टूडेंट को भी यह जानकारी रखना जरूरी हो जाएगा कि वह इस बात की तहकीकात कर लें कि जिस संस्थान में वे टीचर्स कोर्स का दाखिला लेने जा रहे हैं वह मान्यता प्राप्त है कि नहीं। यानी अब सभी संस्थाओं को एनसीटीई से अनुमति लेनी होगी। यूपी सरकार ने इस संबंध में सभी शैक्षणिक संस्थानों को नोटिस जारी कर दिया है।
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