सहारनपुर। ऐसे विद्यालयों के बच्चों से क्या उम्मीद की जा सकती है, जहां शिक्षिकों का शैक्षिक स्तर न्यून है। बेसिक शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण में परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के नदारद रहने, अनेक खामियां मिलने के साथ शिक्षकों के शैक्षिक स्तर की भी पोल खुली रही है।निरीक्षण के दौरान उच्च प्राथमिक विद्यालय मायापुर रूपपुर की प्रभारी सहायक अध्यापिका और प्राथमिक विद्यालय मगनपुरा की प्रधानाध्यापिका देश के राष्ट्रपति का नाम तक नहीं बता सकी। एक शिक्षिका की प्रतिकूल प्रविष्टि और एक शिक्षिकों को कठोर चेतावनी दी गई है। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शासन ने शिक्षक नियुक्ति के मापदंड़ों में बदलाव किया है। ताकि काबिल अभ्यर्थी ही शिक्षक बने और परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधरे। शिक्षक बनने की कतार में खड़े अभ्यर्थियों ने इसका लाख विरोध किया। परिषदीय विद्यालयों के बच्चे ही नहीं, अब से पहले नियुक्त जिले के शिक्षकों का ही शैक्षिक स्तर निम्न है। इन शिक्षकों के भरोसे परिषदीय विद्यालयों के बच्चों से उम्मीद करना बेमानी होगी। बीएसए रमेंद्र कुमार ने शनिवार को सढ़ौली हरिया विकास क्षेत्र के कई विद्यालयों का निरीक्षण किया। बीएसए ने उच्च प्राथमिक विद्यालय मायापुर रूपपुर में कक्षा पांच के छात्रों से देश के राष्ट्रपति का नाम पूछा तो वह बता नहीं पाए। इसके बाद बीएसए ने प्रभारी सहायक शिक्षिका रीना सैनी ने पूछा तो उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को वर्तमान राष्टपति बताया। इसपर शिक्षिका के प्रतिकूल प्रविष्टि दर्ज की गई है। बीएसए ने प्राथमिक विद्यालय मगनपुर में भी कक्षा पांच के छात्रों और प्रधानाध्यिापिका सुनीता देवी से भी यही सवाल किया। बच्चों के साथ प्रधानाध्यापिका भी राष्ट्रपति का नाम नहीं बता पाई। प्रधानाध्यिापिका को कड़ी चेतावनी दी गई है।
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