इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग की सपा शासनकाल में हुई भर्तियों की जांच जल्द शुरू होनी है। सीबीआइ ने प्रदेश सरकार के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है। इस खबर से प्रतियोगी गदगद हैं और जांच शुरू होने से पहले ही विजय जश्न मना रहे हैं। सोशल मीडिया पर बधाइयों का दौर चल पड़ा है। अधिकांश प्रतियोगी मानते हैं कि जांच में गड़बड़ियों की फेहरिश्त सामने आएगी। 1सपा शासनकाल में आयोग में हुई लगभग हर भर्ती विवादों के घेरे में है। हर परीक्षा से लेकर उसके परिणाम आने तक प्रतियोगी धरना-प्रदर्शन आंदोलन करने के साथ ही हाईकोर्ट तक में गुहार लगाते रहे हैं। पीसीएस व अन्य कई परीक्षाओं के पेपर लीक होने की घटनाएं हुई हैं। साथ ही अहम परीक्षाओं में अभ्यर्थियों की उत्तर पुस्तिकाएं तक बदल चुकी हैं। प्रतियोगी लंबे समय से भर्तियों की सीबीआइ जांच की मांग कर रहे हैं, इस मामले में कोर्ट में याचिका तक लंबित है। रायबरेली की सुहासिनी बाजपेई की कॉपी बदलने का मामला खुद प्रधानमंत्री विधानसभा चुनाव की रैली में उठा चुके हैं। पीएम के वादे के अनुरूप भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद आयोग की भर्तियों की सीबीआइ से जांच कराने पर मुहर लगाई। बीते 19 जुलाई को प्रदेश की कैबिनेट ने यह घोषणा की थी, उसके बाद से जांच शुरू होने का इंतजार हो रहा था। 1अब सीबीआइ ने इस संबंध में नोटीफिकेशन जारी कर दिया है। प्रतियोगी तीनों मौकों पर खुशी का इजहार करते आ रहे हैं। पहले पीएम के एलान, फिर जांच की घोषणा और अब सीबीआइ की मुहर से मानों मुंह मांगी मुराद पूरी हो गई है। प्रतियोगी मोर्चा के अवनीश पांडेय, प्रशांत पांडेय, शांतनु राय, नितिन सिंह, जितेंद्र कुमार आदि ने कहा है कि जांच में प्रतियोगियों की विजय होना तय है।
लिपिक गायब, अपर निदेशक नाराज : शिक्षा निदेशालय मुख्यालय का अपर शिक्षा निदेशक बेसिक व माध्यमिक विनय कुमार पांडेय ने निरीक्षण किया। यहां 44 पटलों में उन्हें अधिकांश लिपिक नदारत मिले। उन्होंने निर्देश दिया है कि यदि अब लिपिक सीट से गायब होते हैं तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वह नियमित रूप से हाजिरी की बायोमेटिक मशीन में अंगूठा लगाए और रजिस्टर पर हस्ताक्षर भी करें। एक साथ लंच पर सभी का जाना प्रतिबंधित किया गया है।
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