जागरण संवाददाता, औरैया : गत दिनों तीन दिन तक चले धरना प्रदर्शन के बाद
ैएसडीएम की मध्यस्थता में युटा की सभी मांगें मान ली गई थी। इस संबंध में
एक आदेश भी जारी किया गया था।
इसमें विभिन्न कार्यालयों में संबद्ध शिक्षकों को उनके मूल विद्यालय भेजे जाने की बात कही गई थी। लेकिन अब अधिकारियों और इन संबद्ध शिक्षकों वहां से हटाया नहीं गया है है। इसके चलते यूटा ने दोबारा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
युनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल व मंडल अध्यक्ष नीरज राजपूत ने रविवार को पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की। इसमें उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीन दिन तक यूटा ने कुछ मांगों को लेकर अनशन किया था। इस दौरान एसडीएम ने मध्यस्थता कर यूटा की मांगों को मान भी लिया था। कहा कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी किसी शिक्षा अधिकारी ने किसी भी संबद्ध शिक्षक को अपने कार्यालय से कार्य मुक्त नहीं किया है। तरह-तरह के बहाने बना कर शिक्षा अधिकारी संबद्ध शिक्षकों को बचाने का कार्य कर रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि पूरे जिले में बीआरसी, लेखा कार्यालय, बीएसए आफिस, डायट पर किस तरह भ्रष्टाचार हावी है। कहा कि अजीतमल डायट पर संबद्ध शिक्षक सभी आस पास के हैं जो कि मानक के शासनादेशों के विपरीत तैनात हैं। आरोप लगाया कि जनपद के 100 से ज्यादा शिक्षक अधिकारियों की मिलीभगत से अपने घर के पास के ही कार्यालय में संबद्ध हैं। कहा कि उन्होंने धरना उपजिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी के कहने पर समाप्त किया था। उन्होंने यूटा की सभी मांगों को मान लिया था। यदि शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों को कार्यालयों से उनके मूल विद्यालयों में नहीं भेजा तो यूटा की टीम जिलाधिकारी से मिल कर संबद्धीकरण को निरस्त कराने की मांग करेगी। फिर भी संबद्धीकरण निरस्त नहीं हुआ तो यूटा के पदाधिकारी दोबारा अनशन करने पर विवश होंगे।
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इसमें विभिन्न कार्यालयों में संबद्ध शिक्षकों को उनके मूल विद्यालय भेजे जाने की बात कही गई थी। लेकिन अब अधिकारियों और इन संबद्ध शिक्षकों वहां से हटाया नहीं गया है है। इसके चलते यूटा ने दोबारा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है।
युनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल व मंडल अध्यक्ष नीरज राजपूत ने रविवार को पदाधिकारियों के साथ एक बैठक की। इसमें उन्होंने बेसिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तीन दिन तक यूटा ने कुछ मांगों को लेकर अनशन किया था। इस दौरान एसडीएम ने मध्यस्थता कर यूटा की मांगों को मान भी लिया था। कहा कि तीन दिन बीत जाने के बाद भी किसी शिक्षा अधिकारी ने किसी भी संबद्ध शिक्षक को अपने कार्यालय से कार्य मुक्त नहीं किया है। तरह-तरह के बहाने बना कर शिक्षा अधिकारी संबद्ध शिक्षकों को बचाने का कार्य कर रहे हैं। इससे स्पष्ट होता है कि पूरे जिले में बीआरसी, लेखा कार्यालय, बीएसए आफिस, डायट पर किस तरह भ्रष्टाचार हावी है। कहा कि अजीतमल डायट पर संबद्ध शिक्षक सभी आस पास के हैं जो कि मानक के शासनादेशों के विपरीत तैनात हैं। आरोप लगाया कि जनपद के 100 से ज्यादा शिक्षक अधिकारियों की मिलीभगत से अपने घर के पास के ही कार्यालय में संबद्ध हैं। कहा कि उन्होंने धरना उपजिलाधिकारी व बेसिक शिक्षा अधिकारी के कहने पर समाप्त किया था। उन्होंने यूटा की सभी मांगों को मान लिया था। यदि शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों को कार्यालयों से उनके मूल विद्यालयों में नहीं भेजा तो यूटा की टीम जिलाधिकारी से मिल कर संबद्धीकरण को निरस्त कराने की मांग करेगी। फिर भी संबद्धीकरण निरस्त नहीं हुआ तो यूटा के पदाधिकारी दोबारा अनशन करने पर विवश होंगे।
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