औरैया. बेसिक शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार और
कर्मचारियों के हो रहे शोषण के खिलाफ शिक्षकों के संगठन 'यूटा' (United
Teachers Association) ने जिला मुख्यालय में धरना शुरू कर दिया है।
जनपद स्तरीय विशाल धरना प्रदर्शन/क्रमिक अनशन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ककोर पर शुरू हुआ। प्रदर्शन मांगें पूरी न होने तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। धरना प्रदर्शन में यूटा (UTA) के प्रदेश अध्यक्ष भी पहुंचे और शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर आवाज उठाई।
सोमवार को जिला मुख्यालय ककोर स्थित बीएसए कार्यालय पर यूनाइटेड टीचर एसोसिएशन के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सैकड़ों की संख्या में धरना प्रदर्शन किया। संगठन ने शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का विरोध करते हुए सम्बद्ध अस्थायी शिक्षकों को तुरंत हटाने की मांग की।
प्रदर्शन में आये यूटा के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि शिक्षा विभाग देश का भविष्य है। यदि यही भ्रष्टाचार में उलझ गया तो आगे हालात खराब होंगे। यूटा का गठन इन्हीं परिस्थितियों में किया गया। अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक युद्ध में अपनी यूटा टीम का सहयोग करें और भ्रस्टाचारियों के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम करें। औरैया की धरती आजादी के योद्धा मुकुन्दीलाल गुप्त जैसे शूरवीरों से भरी पड़ी है।
ये हैं यूटा की मांगें
जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल ने कहा कि उनकी मांग हैं कि पूरे जनपद में विभिन्न कार्यालयों में लगे शिक्षकों के असंवैधानिक और अस्थायी सम्बद्धिकरण तत्काल प्रभाव से निरस्त करके उन शिक्षकों को उनके मूल विद्यालय भेजा जाए। बीटीसी शिक्षकों के लम्बित एरियर का तत्काल भुगतान हो और 1अप्रैल 2016 से अभी तक निकले सभी एरियर भुगतानों की जांच की जाए। शेष रह गए शिक्षकों के सत्यापन दर्ज किये जाएं उनमें हुयी देरी में आरोपी सम्बंधित बाबू के खिलाफ कार्यवाही की जाए। शिक्षिकाओं की मेटरनिटी लीव अधिकतम 3 दिन और सीसीएल अधिकतम 7 दिन में स्वीकृत हो तथा हर शिक्षक की समस्या के निस्तारण की एक समय सीमा तय की जाए, जिससे शिक्षक अनावश्यक कार्यालयों की भागदौड़ और भ्रष्टाचार का शिकार न हो। निश्चित समय में समस्या का निराकरण न होने पर सम्बंधित अधिकारी/बाबू के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
बोले यूटा के मंडल संजोयक
मंडल संयोजक नीरज राजपूत ने कहा कि उनके संगठन के दबाव में जनपद के 120 बीटीसी शिक्षकों का लंबित एरियर तो निकल गया पर अभी 80 शिक्षक बाकी हैं, जिन पर कार्यालय के बाबू पैसे का दबाव बना रहे हैं।अगर उनकी मांगें पूरी न की गयीं तो वह अपना प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे। धरने में प्रदेश से आये तमाम पदाधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इसके अलावा संगठन ने पांच दिन के अंदर जनपद में प्रमोशन की लिस्ट जारी कर प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर विशाल पोरवाल, आशीष त्रिपाठी, विपुल चौहान, शिवबालक वर्मा, पीयूष पोरवाल, आलोक बाबू गुप्ता, मुहीत सिद्दीकी, ज्ञानप्रकाश बाथम,शरद कुमार, प्रशांत लोहिया, राहुल यादव , मुर्शिद, चित्रा मिश्रा, गरिमा, गुलशन जहां सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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जनपद स्तरीय विशाल धरना प्रदर्शन/क्रमिक अनशन बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय ककोर पर शुरू हुआ। प्रदर्शन मांगें पूरी न होने तक धरना-प्रदर्शन जारी रहेगा। धरना प्रदर्शन में यूटा (UTA) के प्रदेश अध्यक्ष भी पहुंचे और शिक्षा विभाग में फैले भ्रष्टाचार पर आवाज उठाई।
सोमवार को जिला मुख्यालय ककोर स्थित बीएसए कार्यालय पर यूनाइटेड टीचर एसोसिएशन के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने सैकड़ों की संख्या में धरना प्रदर्शन किया। संगठन ने शिक्षा विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार का विरोध करते हुए सम्बद्ध अस्थायी शिक्षकों को तुरंत हटाने की मांग की।
प्रदर्शन में आये यूटा के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने कहा कि शिक्षा विभाग देश का भविष्य है। यदि यही भ्रष्टाचार में उलझ गया तो आगे हालात खराब होंगे। यूटा का गठन इन्हीं परिस्थितियों में किया गया। अन्याय और भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक युद्ध में अपनी यूटा टीम का सहयोग करें और भ्रस्टाचारियों के ताबूत में आखिरी कील ठोकने का काम करें। औरैया की धरती आजादी के योद्धा मुकुन्दीलाल गुप्त जैसे शूरवीरों से भरी पड़ी है।
ये हैं यूटा की मांगें
जिलाध्यक्ष ओमजी पोरवाल ने कहा कि उनकी मांग हैं कि पूरे जनपद में विभिन्न कार्यालयों में लगे शिक्षकों के असंवैधानिक और अस्थायी सम्बद्धिकरण तत्काल प्रभाव से निरस्त करके उन शिक्षकों को उनके मूल विद्यालय भेजा जाए। बीटीसी शिक्षकों के लम्बित एरियर का तत्काल भुगतान हो और 1अप्रैल 2016 से अभी तक निकले सभी एरियर भुगतानों की जांच की जाए। शेष रह गए शिक्षकों के सत्यापन दर्ज किये जाएं उनमें हुयी देरी में आरोपी सम्बंधित बाबू के खिलाफ कार्यवाही की जाए। शिक्षिकाओं की मेटरनिटी लीव अधिकतम 3 दिन और सीसीएल अधिकतम 7 दिन में स्वीकृत हो तथा हर शिक्षक की समस्या के निस्तारण की एक समय सीमा तय की जाए, जिससे शिक्षक अनावश्यक कार्यालयों की भागदौड़ और भ्रष्टाचार का शिकार न हो। निश्चित समय में समस्या का निराकरण न होने पर सम्बंधित अधिकारी/बाबू के खिलाफ कार्यवाही की जाए।
बोले यूटा के मंडल संजोयक
मंडल संयोजक नीरज राजपूत ने कहा कि उनके संगठन के दबाव में जनपद के 120 बीटीसी शिक्षकों का लंबित एरियर तो निकल गया पर अभी 80 शिक्षक बाकी हैं, जिन पर कार्यालय के बाबू पैसे का दबाव बना रहे हैं।अगर उनकी मांगें पूरी न की गयीं तो वह अपना प्रदर्शन तब तक जारी रखेंगे। धरने में प्रदेश से आये तमाम पदाधिकारियों ने भी अपने विचार व्यक्त किये। इसके अलावा संगठन ने पांच दिन के अंदर जनपद में प्रमोशन की लिस्ट जारी कर प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
ये रहे मौजूद
इस मौके पर विशाल पोरवाल, आशीष त्रिपाठी, विपुल चौहान, शिवबालक वर्मा, पीयूष पोरवाल, आलोक बाबू गुप्ता, मुहीत सिद्दीकी, ज्ञानप्रकाश बाथम,शरद कुमार, प्रशांत लोहिया, राहुल यादव , मुर्शिद, चित्रा मिश्रा, गरिमा, गुलशन जहां सहित तमाम लोग मौजूद रहे।
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