इलाहाबाद : उप्र लोकसेवा आयोग इस बार पीसीएस परीक्षा बदले पैटर्न यानी
यूपीएससी की तर्ज पर कराएगा। तीन बड़े बदलाव के साथ आयोग में पाठ्यक्रम की
समीक्षा हो रही है। इसे अनुमोदन के लिए शासन में भेजा जाना है।
प्रतियोगियों को इस बदलाव से यह उम्मीद है कि आयोग योग्य विशेषज्ञों से
प्रश्न पत्र बनवाएगा।
1पीसीएस परीक्षा 2018 आयोग से 24 जून को प्रस्तावित है।
आयोग की ओर से कहा गया है कि परीक्षा अब यूपीएससी यानी संघ लोकसेवा आयोग
की तर्ज पर कराई जाएगी। इसके लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। मुख्य परीक्षा के
वैकल्पिक में दो विषयों के स्थान पर एक विषय रखने पर निर्णय हुआ है।
साक्षात्कार े 200 अंकों का होता था, अब 100 अंकों का होगा। इसके अलावा
जीएस यानी सामान्य अध्ययन के प्रश्नपत्र दो की बजाय चार होंगे जो कि
सब्जेक्टिव रहेंगे। पूर्व में जीएस के दो प्रश्नपत्र आब्जेक्टिव आते थे।
अन्य प्रश्नपत्र निबंध और हंिदूी के े जैसे ही रखे गए हैं। आयोग के सचिव
जगदीश ने बताया है कि बदलाव के निर्णय े ही लिए जा चुके हैं। उसी के अनुसार
पाठ्यक्रम का रिव्यू कराया जा रहा है। जिसे अनुमोदन के लिए शासन को भेजा
जाएगा।योग्य विशेषज्ञों से मिलेगा लाभ 1संघ लोकसेवा आयोग की तर्ज पर उप्र
लोकसेवा आयोग की ओर से पीसीएस परीक्षा कराने के निर्णय को प्रतियोगी
छात्रों ने सराहा है। प्रतियोगी छात्र विजय मिश्र का कहना है कि स्केलिंग
में छात्रों के साथ होने वाला अन्याय रुकना चाहिए। स्केलिंग में पारदर्शिता
होने चाहिए। बदलाव को उन्होंने अच्छा कदम बताया है। वहीं प्रतियोगी छात्र
संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी अवनीश पांडेय ने कहा कि जिस तरह संघ
लोकसेवा आयोग में योग्य विशेषज्ञों से प्रश्नपत्र बनवाए जाते हैं उसी तरह
से यूपीपीएससी को भी योग्य विशेषज्ञ रखने होंगे। कहा कि योग्य विशेषज्ञों
की ओर से बनाए जाने वाले प्रश्न पत्रों पर विवाद उठने की संभावना बेहद कम
रहती है।
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