गोरखपुर : दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कार्यपरिषद की
बैठक खासी हंगामेदार रही। बैठक में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया के परिणाम घोषित
किए जाने को लेकर परिषद के सदस्यों में भारी मतभेद उभर कर आया।
कुछ सदस्य तत्काल ही साक्षात्कार परिणाम (चयन संस्तुतिया) जारी करने की
माग कर रहे थे, तो ज्यादातर ने शिक्षक भर्ती साक्षात्कार परिणाम जैसे अति
महत्वपूर्ण विषय पर बगैर पूर्व निर्धारित एजेंडे के चर्चा करने को
संदेहास्पद बताया और कहा कि साक्षात्कार परिणाम जारी करने की तिथि पहले से
सदस्यों को पता होनी चाहिए। विचार-विमर्श के बाद तय हुआ कि 29 अप्रैल को
शिक्षक चयन के लिए हुए साक्षात्कार के परिणाम से कार्यपरिषद को अवगत कराया
जाएगा। साक्षात्कार शेड्यूल के मुताबिक तब तक गणित, इतिहास, प्राचीन
इतिहास, अर्थशास्त्र, अंग्रेजी, रक्षा अध्ययन, प्राणि विज्ञान, विधि,
दर्शनशास्त्र, उर्दू, राजनीतिशास्त्र और वनस्पति विज्ञान विषय के लिए चयन
की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। ऐसे में 29 अप्रैल को इन विभागों के लिए
शिक्षक चयन की प्रक्त्रिया पूरी हो जाएगी।
यूजीसी के आदेश से नियुक्ति प्रक्रिया पर संकट : एक ओर जहा गोरखपुर
विश्वविद्यालय में शिक्षकों के चयन की प्रक्त्रिया आखिरी चरण में पहुंच गई
है, वहीं शुक्रवार को जारी यूजीसी के नए आदेश के बाद इस चयन प्रक्त्रिया के
पूरे होने पर आशका के बादल मंडराने लगे हैं। दरअसल, शिक्षक पदों को तय किए
जाने के लिए विभाग को आधार माने जाने के यूजीसी के आदेश के बाद से ही पूरे
देश में विवाद छिड़ा हुआ है। विरोध कर रहे लोगों ने इस नई व्यवस्था को
संविधान के विरुद्ध बताया है। भारी विरोध के चलते मानव संसाधन विकास
मंत्रालय के हस्तक्षेप के बाद शुक्त्रवार को यूजीसी ने नया आदेश सभी
विश्वविद्यालयों को भेजा है।
इस नए आदेश के मुताबिक यूजीसी ने एससी, एसटी और ओबीसी समुदाय के लिए
आरक्षण के संबंध में 2006 में लागू अपने नियमों पर ही अमल किए जाने को कहा
है। साथ ही विभाग को आधार मानकर लागू किए जाने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के
आदेश के खिलाफ यूजीसी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका भी दायर कर दी है।
इस आदेश का गोरखपुर विश्वविद्यालय में चल रही शिक्षक चयन प्रक्रिया पर भी
असर पड़ेगा, हालाकि विश्वविद्यालय ने 29 अप्रैल को ही चयन साक्षात्कार
परिणाम जारी करने की तैयारी कर ली है।
दो शिक्षकों का लिफाफा गुम : वनस्पति विज्ञान विभाग के जिन तीन
शिक्षकों की पदोन्नति के संबंध में कुलाधिपति के निर्देश पर चयन समिति की
संस्तुतियों को कार्यपरिषद के समक्ष रखा जाना था, उनमें से शुक्रवार को
केवल एक ही शिक्षक से जुड़ा लिफाफा ही खोला जा सका। शुक्त्रवार को हुई
कार्यवाही में वनस्पति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. यशवंत सिंह
की आचार्य पद पर प्रोन्नति को कार्यपरिषद ने मंजूरी दी। वहीं जब कुछ
सदस्यों कुलाधिपति के निर्देश का हवाला देते हुए डॉ. अजय सिंह और डॉ. बदरे
आलम से जुड़ी संस्तुतियों बाबत सवाल किया तो जिम्मेदारों ने बताया कि दोनों
से जुड़ी संस्तुतियों के लिफाफे नहीं मिल रहे हैं।
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