‘शिक्षक व स्टाफ पर निराधार आरोप बंद हों’

लखनऊ : अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने कहा कि निजी स्कूलों में यदि कोई घटना होती है, तो सीधे तौर पर वहां कार्यरत शिक्षक, स्टाफ को दोषी ठहरा दिया जाता है।

बिना गुनाह साबित हुए एफआइआर भी दर्ज कर ली जाती है। इतना ही नहीं, स्कूल के मान्यता व संबद्धता पर भी सवाल उठाए जाने लगते हैं। इससे शिक्षक व स्टाफ दहशत में रहते हैं। दरअसल, देश भर के निजी स्कूल संगठनों ने तीन कारणों के चलतेएक दिन स्कूल बंदी का एलान किया है। इसी क्रम में राजधानी समेत प्रदेश भर के निजी स्कूल भी बंद रहेंगे। अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल का कहना है कि सरकार के बढ़ते हस्तक्षेप के कारण स्कूलों की स्वायत्ता निरंतर घट रही है। निजी शैक्षिक संस्था का केंद्र उसकी स्वायत्तता उनके प्रबंधन व प्रशासन में होनी चाहिए। यह भी कहा कि हम आरटीई के तहत विद्यार्थियों को निश्शुल्क दाखिला देने के विरोधी नहीं है। बशर्ते राज्य सरकार फीस प्रतिपूर्ति समय पर करे।
अभी प्रति छात्र प्रति महीने फीस 450 रुपये है, इसे बढ़ाया जाए। वहीं अनएडेड प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन में शामिल सीएमएस की निदेशक गीता गांधी पहले ही आरटीई के तहत निश्शुल्क दाखिले पर सवाल उठा चुकी हैं।अपनी बात रखने के और भी बहुत से रास्ते हैं। स्कूल संचालकों को ऐसे किसी कार्य से बचना चाहिए, जिससे बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो।
डॉ मुकेश सिंह, डीआइओएस, लखनऊ

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