जान सकेंगे फीस वृद्धि
स्कूलों को अपनी वेबसाइट पर फीस का विवरण देना होगा. आगामी सत्र से यह व्यवस्था लागू होगी. इस संबंध में अधिकारियों का कहना है कि इस व्यवस्था से पेरेंट्स न केवल हर स्कूल की फीस में अंतर जान सकेंगे, बल्कि फीस वृद्धि का प्रतिशत जानने में भी आसानी होगी.
कमेटी करेगी हिसाब
शिक्षा विभाग फीस रिव्यू कमेटी बनाने का विचार कर रहा है. इसमें जेडी, डीआईओएस, बीएसए, सहोदय पदाधिकारी, सीए व पैरेंट्स एसोसिएशन के पदाधिकारी आदि शामिल होंगे. कमेटी स्कूलों की हर साल की फीस का रिव्यू कर बढ़ाई जाने वाली फीस पर रोक लगाएगा.
स्कूलों के लिए तैयार हो रहे विधेयक में यह नियम हैं. स्कूलों की मनमानी फीस वृद्धि को लेकर हम भी कमेटी तैयार कर रहे हैं.
दिव्यकांत शुक्ल, जेडी, मेरठ मंडल
हम पहले से ही रिजल्ट के साथ पैरेंटस को फीस स्ट्रक्चर देते हैं. इसमें कुछ भी हिडन नहीं होता हैं. बाकी सरकार के जो भी निर्देश होंगे, उनका पालन किया जाएगा.
राहुल केसरवानी, सहोदय अध्यक्ष, मेरठ
फीस के मामले में स्कूल काफी परेशान करते हैं. कुछ मदों में फीस क्यों ली जा ही हैं इसके बारे में जानकारी तक नहीं देते हैं.
शैली शर्मा, अभिभावक
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